Rebellion in BJP over Congress rebels poses a problem

Himachal : कांग्रेस के बागियों को लेकर भाजपा में बगावत बनी मुसीबत, कांग्रेस के बागियों को उपचुनाव में टिकट देने से खफा है पूर्व भाजपा प्रत्याशी  

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Rebellion in BJP regarding Congress rebels creates trouble, former BJP candidate is upset over givin

Rebellion in BJP over Congress rebels poses a problem : शिमला। कांग्रेस के बागियों को टिकट देने पर भाजपा में बगावत शुरु हो गई है, जिससे विधानसभा के उपचुनावों के साथ लोकसभा चुनावों में भाजपा के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। प्रदेश की 9 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को पुराने प्रत्याशियों और संगठन के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। पुराने प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं की बगावत को रोकने के लिए प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मोर्चा संभाला है,लेकिन अभी तक कहीं कामयाबी मिलती नजर नहीं आई है। जिससे लगता है कि भाजपा को उपचुनावों में पार्टी कार्यकर्ताओं की बगावत का सामना करना पड़ेगा।

कांग्रेस से बगावत करने वाले 6 विधायक निष्काषन के बाद भाजपा में शामिल हो गए और तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा का पटका पहन लिया और अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अभी तीन विधायकों को इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। जिसके चलते अभी तक 6 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस से भाजपा में आए सभी नेताओं को भाजपा ने उपचुनाव के लिए टिकट दे दिया है। जिनमें धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखन पाल, कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो, गगरेट से चैतन्य शर्मा और लाहौल स्फीति से रवि ठाकुर को भाजपा ने उपचुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। 

इन सभी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नेताओं की बगावत खुलकर नजर आई है। सबसे पहले सुजानपुर में भाजपा के पूर्व प्रत्याशी रहे कैप्टन रणजीत सिंह राणा ने राजेंद्र राणा को टिकट देने का खुलकर विरोध किया और खुद आजाद प्रत्याशी के रुप में चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। कैप्टन पूरी तरह राजेंद्र राणा से दूरी बनाए हुए हैं और अपने जनसंपर्क अभियान में जुटे हैं। गत विधानसभा चुनावों में कैप्टन रणजीत राणा ने राजेंद्र राणा को कड़ी चुनौती दी थी और राजेंद्र राणा करीब 400 मतों से ही जीते थे। इस बार तय है कि राणा को भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ेगा। 

इसी तरह धर्मशाला में सुधीर शर्मा को भाजपा का टिकट देने से पूर्व मंत्री और सांसद किशन कपूर ने विरोध जताया है और आगे के रास्ते खुले रहने के बात कही है। वहीं गत चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी रहे राकेश चौधरी ने भी विरोध किया है। यह तय है कि धर्मशाला में सुधीर शर्मा को बगावत का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही लाहौल स्फीति में भी रवि ठाकुर को भाजपा का टिकट देने पर पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडे ने भाजपा से इस्तीफा देकर हर हाल में चुनाव लडऩे की घोषणा की है। पूर्व मंत्री ने साफ किया कि वह कांग्रेस से टिकट मिलने पर कांग्रेस से भी लड़ सकते हैं या फिर आजाद उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ेंगे। वह किसी भी कीमत पर रवि ठाकुर को बर्दाश्त नहीं करेंगे और चुनाव लडक़र जीत दर्ज करेंगे। कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में देवेंद्र भुट् टो को टिकट देने से पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर नाराज हैं। वह भुट्टो के भाजपा में शामिल होने के बाद कुटलैहड़ में हुए स्वागत समारोह में शामिल नहीं हुए और अपनी नाराजगी जता दी है। अभी तक वीरेंद्र कंवर ने आगे की रणनीति के बारे में कोई बात नहीं की। वीरेंद्र कंवर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बहुत ही करीबी है। तय है कि वह अपनी आगामी रणनीति प्रेम कुमार धूमल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मंत्रणा करके ही बनाएंगे। 

वहीं गगरेट विधानसभा क्षेत्र में चैतन्य शर्मा के खिलाफ बगावत खुलकर हो गई है। पूर्व विधायक राकेश कालिया में ने नाराज होकर भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। कालिया गत चुनावों के समय कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हुए थे। अभी कालिया ने भाजपा छोडऩे का ऐलान किया है और आगे की रणनीति का खुलासा बाद में करने की बात कही है। कालिया फिर से कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं या आजाद रुप से चुनाव लड़ सकते हैं। इस तरह उपचुनावों में हर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा नेता लगातार बगावत रोकने का प्रयास कर रहे हैं। अभी मतदान के लिए लंबा समय है। हिमाचल में अंतिम चरण यानि 1 जून को मतदान होना है। भाजपा की पूरी कोशिश होगी कि वह पार्टी में बगावत से हो रहे नुकसान को रोके। अब देखना होगा कि भाजपा नेता बगावत को किस हद तक रोकने में कामयाब होते हैं।

 

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