Prime Minister Modi

Editorial: लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने रखी देश के नवनिर्माण की नींव

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Prime Minister Modi laid the foundation of Navnirman of the country from the Red Fort

Prime Minister Modi laid the foundation of Navnirman of the country from the Red Fort स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन देश के अगले 23 वर्षों की तस्वीर खींचने वाला था, जब देश आजादी के 100 वर्ष पूरे कर लेगा। इस बार का स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में अनूठा रहा और इसकी वजह यही है कि पूरे विश्व में आर्थिक मंदी के संकट के बावजूद भारत में जहां विकास की रफ्तार निरंतर जारी है वहीं देश अपनी उन उम्मीदों पर पूरा उतरता नजर आ रहा है, जोकि उसकी विकास यात्रा के अहम पड़ाव हैं। लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी का प्रत्येक भाषण ऐतिहासिक होता है और इस बार उन्होंने अनूठे अंदाज में देश से तीन बुराइयों परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के खात्मे के लिए देश की जनता से आह्वान किया है।

इन तीनों का संबंध राजनीति से है, और जब अगले वर्ष आम चुनाव प्रस्तावित हैं, तब प्रधानमंत्री मोदी का इन तीनों पर प्रहार यह बताता है कि वे विपक्ष पर अंतिम प्रहार कर चुके हैं और इस बार के चुनाव में यही एजेंडा सत्ताधारी दल का नजर आ सकता है। परिवार का संबंध सीधे-सीधे कांग्रेस से है, भ्रष्टाचार वह मुद्दा है जिसको लेकर भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकारें लगातार दावे कर रही हैं। देश में तमाम अधिकारियों, कारोबारियों और नेताओं पर भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई हुई है, जिससे पहले की तुलना में ज्यादा काला धन बाहर आ रहा है। इसके बाद तुष्टिकरण भी एक बड़ी समस्या है, जिसमें पहले की सरकारों ने एक धर्म विशेष के प्रति अपनी सहानुभूति बनाए रखी और अन्य समाजों को निम्न बनाए रखा।

इस बार प्रधानमंत्री मोदी का भाषण चुनाव प्रेरित भी नजर आया, जब उन्होंने अगले वर्ष पुन: ध्वजारोहण का ऐलान करते हुए जनता से अप्रत्यक्ष रूप से और पांच साल देने की मांग की। उन्होंने देश को तीन गारंटी दी हैं, इनमें पहली अगले पांच साल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाना। दूसरी शहरों में किराए के मकानों में रहने वालों को बैंक लोन में रियायत दिलाना और तीसरी देशभर में 25 हजार जन औषधि केंद्र खोलना है। इसके अलावा 17 सितंबर को विश्वकर्मा योजना शुरू करने का ऐलान भी उन्होंने किया। इस योजना के जरिये समाज के निम्न आय वर्ग के लोगों को उनके परंपरागत व्यवसाय को आगे बढ़ाने की रूपरेखा खींची गई है। प्रधानमंत्री पहले भी देश को तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने की बात कर चुके हैं, लेकिन लाल किले की प्राचीर से उनकी इस घोषणा का अलग महत्व है। भारत की अर्थव्यवस्था के संबंध में विश्व भर में जो आकलन किया जा रहा है वह सकारात्मक है। देश में श्रम और खपत के स्तर पर प्रचुर संसाधन हैं, देश में 30 की उम्र से नीचे बड़ी आबादी है जिसका जिक्र प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में किया है।

इस समय मणिपुर में हिंसा पूरे देश के लिए चिंता का विषय है, बीते दिनों विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने का आधार यही था। तब विपक्ष ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री से इस संबंध में बयान चाहता है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने लोकसभा में जो बयान दिया, उसे विपक्ष ने नाकाफी बताया था।

हालांकि अब लाल किले की प्राचीर से उन्होंने एक बार फिर मणिपुर का जिक्र करके यह बता दिया है कि उन्हें यहां के लोगों की कितनी चिंता है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ, लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ है, मणिपुर के लोगों ने कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उसको आगे बढ़ाएं। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही हैं और करती रहेंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कथन स्वग्रही है कि आज लिए गए हमारे फैसले एक हजार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाले हैं। यह वह समय है, जब विश्व भर में भारत की चेतना के प्रति, भारत के सामर्थ्य के प्रति एक नया आकर्षण, एक नया विश्वास पैदा हुआ है। ये प्रकाशपुंज भारत से उठा है, जो विश्व अपने लिए ज्योति के रूप में देख रहा है। इस समय देश जो भी करेगा, जो भी कदम उठाएगा, जो फैसला लेगा, वो अगले एक हजार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाला है, भारत के भाग्य को लिखने वाला है।  

वास्तव में भारत आज उस स्थिति में है, जब पूरा विश्व उसकी ओर देख रहा है। उसके पास नेतृत्व की असीम शक्ति है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को अंगीकार करते हुए देश को सुनहरे और सुदृढ़ भविष्य के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। यह समय देश के बनने का है। निश्चित रूप से उन सभी समस्याओं का निराकरण देश को करना है, जोकि उसके रास्ते में अड़चन बनी हुई हैं। 

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