Chandigarh Administration Officers Spent More Than Rs 12 Lakh on Foreign Tour

चंडीगढ़ में अफसरों का कारनामा: विदेश दौरे पर सवा 12 लाख उड़ाए, सिटी बस सर्विस सोसायटी के पैसों से की ऐशपरस्ती

Chandigarh Administration Officers

Chandigarh Administration Officers Spent More Than Rs 12 Lakh on Foreign Tour

Chandigarh Administration Officers: चंडीगढ़ के एक पूर्व एडवाइजर व उनके साथ गये अफसरों का प्रशासन के एक महत्वपूर्ण विभाग की सोसायटी ने 12 लाख 26 हजार 819 रुपये का टीए बिल का विदेश जाने की ऐवज में भुगतान किया। प्रशासन के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा टीए बिल है जो किसी अधिकारी द्वारा क्लेम किया गया है। इससे एक बात तो साबित हो गई कि महकमों की सोसायटियों के जरिये अफसर पूरी ऐश मार रहे हैं। उन्हें ऐशपरस्ती पर कोई भी बड़ी राशि खर्च करनी होती है तो इसका खर्चा सोसायटियों के अकाउंट के जरिये ही पूरा किया जाता है। इससे भी हैरानी वाली बात अब ये सामने आ रही है कि महकमे पोल खुलने के डर से टीए बिल की आरटीआई में जानकारी देने से भी कतरा रहे हैं।

आरटीआई में चंडीगढ़ सिटी बस सर्विस सोसायटी (सीसीबीएसएस) जो चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग के अंडर है से जब पूछा गया कि 14 जनवरी 2020 को 12 लाख 26 हजार, 819 रुपये के टीए बिल के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए कि किस अफसर को इसका भुगतान किया गया। सीसीबीएसएस के जनरल मैनेजर ने यह कहते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया कि सेक्शन 8 (1) व सेक्शन 9 के अंडर यह जानकारी नहीं दी जा सकती क्योंकि यह तीसरी पार्टी की इनफर्मेशन है।

मिली जानकारी के अनुसार असल में तत्कालीन एडवाइजर मनोज परिदा को उनके विदेश दौरे की ऐवज में यह बिल पे किया गया। सीटीयू की चंडीगढ़ सिटी बस सर्विस सोसायटी की ओर से करीब सवा 12 लाख रुपये की यह पेमेंट दी गई। वल्र्ड बैंक ने पहले ये पेमेंट सोसायटी को की जिसके बाद सोसायटी के खाते से बाद में से टीए बिल का भुगतान किया गया। आरटीआई में यह भी पूछा गया था कि वल्र्ड बैंक से इस सीसीबीएसएस सोसायटी व सीटीयू को 2016 से अब तक कितनी राशि मिली है इसकी विस्तार से यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट के साथ राशि दी जाए। सीटीयू की क्लेम की गई राशि जो वल्र्ड बैंक से मिली उसकी जानकारी प्रदान कर दी गई। आरटीआई में 2018 से 2022-23 तक की इनकम एक्सपेंडीचर व बैलेंस शीट की ऑडिट रिपोर्ट के साथ भी जानकारी मांगी गई जिसमें बैलेंस शीट का विस्तार तो प्रदान कर दिया गया

हालांकि ऑडिट के संबंध में कहा गया कि कंप्ट्रोलर एंड अकाउंटेंट जनरल ने अभी ऑडिट करना है। सीटीयू से 1 जनवरी 2018 से लेकर अब तक टीए बिलों की अंडरटेकिंग के वार्षिक बजट के साथ डिटेल मांगी गई जिसमें डोमेस्टिक व फोरेन ट्रेवल एक्पेंसिस हों। इस जानकारी के बारे भी कह दिया गया कि सेक्शन 8 (1) व सेक्शन 9 के तहत यह तीसरी पार्टी की इनफर्मेशन है जिसे नहीं दिया जा सकता। ये भी कहा गया कि सीसीबीएसएस का टीए बिल का कोई अलग अकाउंट नहीं है। चंडीगढ़ सचिवालय से आरटीआई में पूछा गया कि फोरेन व डोमेस्टिक ट्रेवलिंग एक्पेंसिस की 1 मई 2023 से अब तक की पूरी जानकारी प्रदान की जाए। इसके जवाब में कह दिया गया कि इस जानकारी का आम पब्लिक से कोई लेना देना नहीं है लिहाजा जानकारी नहीं दी जा सकती।  

पंजाब राजभवन में त्यौहारों पर खर्चे की मांगी डिटेल

पंजाब राजभवन में विभिन्न राज्यों व अन्य त्यौहारों को लेकर जो खर्चा किया जा रहा है, चंडीगढ़ प्रशासन से इसके बिलों की पूरी जानकारी जो उसने इन त्यौहारों पर खर्च की है कि पूरी जानकारी मांगी गई थी। इसमें कहा कि फाइनेंस विभाग के सुपरिटेंडेंट अकाउंट को आरटीआई के सेक्शन 6 (3) के तहत यह प्वाइंट ट्रांसफर कर दिया गया है। प्रशासन सचिवालय से मार्च 2022 से लेकर मार्च 2023 तक की ऑडिट रिपोर्ट भी मांगी गई लेकिन इसे भी यह कहते हुए देने से इनकार कर दिया गया कि पब्लिक से इसका कोई नाता नहीं। यही जवाब सिटको के हॉस्पीटेलिटी विभाग की ओर से यूटी सचिवालय में चाय व कॉफी पर 1 अप्रैल 2021 से लेकर अब तक किये गए बिलों को लेकर दिया गया।

प्रशासन का ये हाल तब, जब लताड़ लगा चुके प्रशासक

प्रशासन के बेलगाम महकमों का ये हाल तब है जब टीए बिलों को लेकर प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित अफसरों को लताड़ लगाने के बाद जरूरी दिशा निर्देश दे चुके हैं। पुरोहित ने निर्देश जारी किये थे कि अफसर हवाई यात्राएं करने की बजाये ट्रेन या अपने वाहन से ट्रेवल करें। दूसरा जहां भी दौरे पर जायें वहां फाइव या सेवन स्टार होटलों की बजाये स्टेट गेस्ट हाऊस में रुकें। प्रशासक को लगातार फीडबैक मिल रहा था कि टीए-डीए के नाम पर अफसर लाखों रुपये के बिल बना रहे हैं और महकमों को चूना लगा रहे हैं। इस बारे आरटीआई में जानकारी मांगने वाले आरके गर्ग का कहना है कि एक तरफ तो महकमों पर विभिन्न ट्रेवल खर्चों को लेकर लगाम लगाई जा रही है वहीं दूसरी तरफ महकमों ने टीए बिलों की जानकारी देनी तक बंद कर दी है। क्या प्रशासन की यही पारदर्शिता है? जानकारी न देने के पीछे मकसद है कि अफसरों की कारस्तानियों की डिटेल बाहर न जाए। प्रशासक को इस मसले को गंभीरता से लेना चाहिए, अन्यथा पब्लिक में यह संदेश जायेगा कि प्रशासक भी अफसरों के साथ मिले हुए हैं।

इलेक्ट्रिक बसें देखने चीन गये थे अफसर  

वर्ष 2019-20 में एडवाइजर मनोज परिदा प्रशासन के अन्य अफसरों के साथ चीन के दौरे पर गये थे। सेक्रेट्री ट्रांसपोर्ट अजय कुमार सिंगला और डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट उमाशंकर गुप्ता 15 दिसंबर से 21 दिसंबर 2019 में दौरे पर गये थे। पेमेंट सीटीयू की सोसायटी की ओर से की गई थी।

रिपोर्ट- साजन शर्मा