Symbol of tolerance, humility and discipline - Nirankari Youth

सहनशीलता विनम्रता अनुशासन का प्रतीक - निरंकारी यूथ

Symbol of tolerance, humility and discipline - Nirankari Youth

Symbol of tolerance, humility and discipline - Nirankari Youth

Symbol of tolerance, humility and discipline - Nirankari Youth- चंडीगढ़I निरंकारी यूथ सिम्पोजियम सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के विशाल एवं प्रगतिशील दृष्टिकोण का जीवंत रूप है जहां हजारों की संख्या में युवा बहनें और भाई आध्यात्मिकता को जीवन में अपनाने के सूत्र को सांझा करेंगे और सीखेंगे भी। यह युवा उत्सव दिनांक 1, 2 और 3 दिसम्बर, 2023 को संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा में आयोजित हो रहा है जिसमें हरियाणा, दिल्ली एवं एन. सी. आर. से लगभग 25,000 नौजवानों ने हिस्सा लिया।

पहले दिन निरंकारी यूथ फोरम (एन. वाई. एफ.) खेल का सुंदर रूप सजा जहां रंगारंग उद्घाटन समारोह में सतगुरु माता जी के आशीर्वादों के पश्चात् नौजवानों ने, क्रिकेट, बेडमिनटन, वॉलीबाल, फुटबॉल आदि खेलों के साथ-साथ कुछ इनडोर खेलों में भी हिस्सा लिया जिससे उन्होंने सार्थक ऊर्जा के साथ सभी खेलों से कुछ शिक्षाएं भी प्राप्त करी। निरंकारी यूथ सिम्पोजियम (एन. वाई. एस.) प्रांगण में बनाया गया एन. वाई. एस. विलेज अवश्य ही सबके लिए आकर्षण का केंद्र है जहां पर हरियाणा की स्थानीय परम्परा आदि को प्रदर्शित किया जा रहा है।

दूसरे और तीसरे दिन - ’द सिक्स एलीमेंट’ (छ: तत्व) पर आधारित स्कीट, गीत व पैनल डिसकशन आदि के द्वारा आध्यात्मिक शिक्षा को व्यावहारिक रूप देने पर ?ोर दिया।

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के साथ-साथ मिशन के कई अधिकारी भी इस अधिवेशन में सम्मिलित हुए। सतगुरु माता जी द्वारा निरंकारी यूथ फोरम का शुभारंभ करने के उपरांत युवा श्रद्धालुओं द्वारा बहुरंगी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुंदर छठा का प्रस्तुतिकरण किया गया जिसमें उन्होंने शारीरिक व्यायाम, क्री?ा एवं लोक नृत्य के माध्यम से अपने सुंदर भावों को प्रदर्शित किया।

निरंकारी यूथ सिम्पोजियम में हरियाणा प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी ने पहुंचकर सतगुरु माता जी के आशीष प्राप्त किये और युवाओ द्वारा की गई प्रस्तुति को सराहते हुए कहा कि आज के समय में अधिकांशत: युवा प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण न होने की वजह से गलत संगति को अपनाते हुए अनेक प्रकार के नशे की लत की सहायता लेते हुए उसके अधीन हो जाते है जिससे न केवल वह स्वयं अपितु परिवार एवं समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

उन्होंने युवा शब्द का संधि विच्छेद करते हुए वायु के उदाहरण से समझाया कि जिस प्रकार वायु यदि सही दिशा में बहे तो वह खुशबू प्रवाहित करती है और गलत रूप ले तो वह आँधी बन जाती है जो विनाश का कारण बनती है। ठीक इसी भांति युवा द्वारा उठाया गया हर एक गलत कदम समाज के लिए हानिकारक बन जाता है जबकि सही कदम देश को उन्नति पर ले जाता है। 

सफलता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि क्या बनना है से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हमें क्या करना है। जब यह बात हमें समझ आ जाती है तभी हम सही मायनों में सफल बन पाते हैं।

निसंदेह हम यह कह सकते है कि समालखा की धरा पर ऐसा अद्भुत दृश्य खेलों के माध्यम से युवाओं द्वारा प्रदर्शित किया गया जो वास्तविक रूप में उनकी सकारात्मक ऊर्जा का परिचायक बना।