Punjab government's major achievements: Health insurance of Rs 10 lakh per famil

पंजाब सरकार की बड़ी उपलब्धियां: प्रत्येक परिवार के लिए प्रति वर्ष 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा, समेत ये योजनाएं मील का पत्थर

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Punjab government's major achievements: Health insurance of Rs 10 lakh per famil

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब सरकार ने वर्ष 2025 के दौरान प्रत्येक नागरिक के लिए सुलभ, किफायती और उन्नत स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस अवधि में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर लीवर ट्रांसप्लांट तक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवाओं के दायरे के विस्तार तथा मानव संसाधन ढांचे की मजबूती में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है।

पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि आम आदमी क्लीनिकों ने प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में बड़ी क्रांति लाई है। इन क्लीनिकों की स्थापना से अब तक 881 क्लीनिकों में 4.59 करोड़ से अधिक मरीजों ने उपचार सेवाएँ ली हैं, जिनमें 1.59 करोड़ यूनिक मरीज शामिल हैं। इन क्लीनिकों में कुल 107 दवाइयाँ और 47 डायग्नोस्टिक टेस्ट मुफ्त प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे पंजाबियों पर खर्च का बोझ काफी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही 235 और आम आदमी क्लीनिक प्रगति पर हैं, जो स्वास्थ्य सेवाओं के और विस्तार को सुनिश्चित करेंगे।

एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत राज्य सरकार मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत आने वाले महीने में कवरेज राशि को प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे पंजाब और चंडीगढ़ के सरकारी तथा सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में कैशलेस उपचार उपलब्ध होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह व्यापक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने और लोगों को 10 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पंजाब देश का पहला राज्य बन जाएगा जहाँ हर परिवार को प्रति वर्ष 10 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार मिलेगा।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि आवश्यक दवाओं की सूची 276 से बढ़ाकर 360 दवाओं तक करने से मुफ्त दवाइयों की पहल को और मजबूती मिली है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2025 से अब तक 104 करोड़ रुपये से अधिक की दवाइयों और आपूर्तियों की खरीद की गई है। उन्होंने कहा कि सीएमओ/एसएमओ को स्थानीय स्तर पर ईडीएल-नॉन ईडीएल दवाओं की खरीद के लिए अधिकृत किया गया है तथा स्वास्थ्य सुविधाओं में दवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए 01-04-2025 से 16 करोड़ रुपये के फंड का उपयोग किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसी तरह डायग्नोस्टिक पहल के तहत सभी सेकेंडरी स्वास्थ्य सुविधाओं या सूचीबद्ध डायग्नोस्टिक केंद्रों में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सुविधाएँ सरकार द्वारा निर्धारित किफायती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए पिछले तीन वर्षों में 3,620 स्वास्थ्य पेशेवरों की भर्ती की गई है, जिनमें विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, नर्सें और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि 65 वर्ष तक के विशेषज्ञों की पुनर्नियुक्ति और इम्पैनलमेंट के आधार पर सेवाएँ लेने जैसी विशेष पहलों से विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में पंजाब ने मोहाली स्थित पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (पीआईएलबीएस) में पहली सफल लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी कर एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है। इसके अतिरिक्त अमृतसर, पटियाला, मोहाली, फरीदकोट और चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी और एमबीबीएस सीटों में वृद्धि की गई है, जिससे तृतीयक देखभाल प्रशिक्षण क्षमता बढ़ी है।

सीएम की योगशाला पहल के तहत 6 लाख से अधिक लोगों ने लाभ उठाया है, जिसमें 23 जिलों में 1.64 लाख से अधिक लोग प्रतिदिन 5,347 कक्षाओं में भाग ले रहे हैं। गुरु रविदास आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने 3,300 योग प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने हेतु मेडिटेशन एवं योग साइंसेज में एक वर्ष का डिप्लोमा भी शुरू किया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2025 में “हर शुक्रवार डेंगू पर वार” अभियान अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुआ, जिसके तहत 2023 की तुलना में डेंगू मामलों में 70 प्रतिशत कमी आई और मौतों की संख्या में 90 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई।

पंजाब एस.टी.ई.एम.आई. (स्टेमी) और स्ट्रोक परियोजनाओं के तहत गैर-संचारी रोगों पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण सफलता मिली है और इन परियोजनाओं का विस्तार अब सभी 23 जिलों में कर दिया गया है। स्टेमी परियोजना का उद्देश्य थ्रोम्बोलाइसिस पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्टेमी (दिल के दौरे) से पीड़ित मरीजों को समय पर और प्रभावी उपचार प्रदान करना है। टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन, जिसकी कीमत 25,000 से 35,000 रुपये के बीच है और जो दिल में रक्त के थक्कों को घोलने में मदद करता है, इस परियोजना के तहत मुफ्त दिया जा रहा है। इसी प्रकार पंजाब स्ट्रोक परियोजना का उद्देश्य इस्केमिक स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों को मुफ्त मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टॉमी प्रदान करना है।

पंजाब सरकार ने पाँच जिलों में एआई-आधारित कैंसर स्क्रीनिंग परियोजना भी शुरू की है तथा जिला डे केयर कैंसर केंद्र बठिंडा और जालंधर में कार्यशील हो गए हैं।

नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत 5.09 लाख से अधिक लोगों की हेपेटाइटिस सी और 3.69 लाख लोगों की हेपेटाइटिस बी की जाँच की गई, जिसके बाद हजारों लोगों को मुफ्त उपचार दिया जा रहा है। इसके साथ ही इस अवधि के दौरान 2,400 स्वास्थ्य एवं वेलनेस केंद्रों और सभी आम आदमी क्लीनिकों में हेपेटाइटिस टेस्टिंग किट उपलब्ध कराई गई हैं।

बुनियादी ढांचे के उन्नयन में राजिंदरा अस्पताल, पटियाला में आपातकालीन विंग का नवीनीकरण, अमृतसर और पटियाला में नए ट्रॉमा सेंटर तथा फरीदकोट में सुपर-स्पेशियलिटी ब्लॉक, चाइल्ड ब्लॉक और कैफेटेरिया का विकास शामिल है। राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों में न्यूबॉर्न यूनिट, हॉस्टल और स्टाफ हाउसिंग परियोजनाएँ भी चल रही हैं।

डॉ. बलबीर सिंह ने पुष्टि की कि हमारी सरकार एक मजबूत, सुलभ और उन्नत स्वास्थ्य ढांचा सृजित करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।