One Time Settlement Scheme in Haryana

Editorial: हरियाणा में वन टाइम सेटलमेंट स्कीम बनेगी मील का पत्थर

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One Time Settlement Scheme in Haryana

हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार का प्रदेश की जनता विशेषकर व्यापारियों को नए साल का तोहफा है कि यहां वन टाइम सेटलमेंट योजना लागू की गई है। लंबित कर मामलों के निपटान के लिए लागू की गई यह योजना भविष्य में मील का पत्थर साबित होने वाली है।  मुख्यमंत्री मनोहर लाल का यह कहना सर्वथा उचित है कि जनता के सहयोग के लिए विवादों से समाधान करने के लिए इस योजना में अहम कदम उठाया गया है। इससे न केवल व्यापारियों को बल्कि आम जनता को भी काफी फायदा होगा। इस योजना से 7 टैक्स की समस्याओं का समाधान होगा। प्रदेश में व्यापारियों की तमाम समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की तरफ से कई बड़े कदम उठाए गए हैं, उसमें योजना एक बड़ा कदम यह है।

गौरतलब है कि व्यापारियों व उद्योगपतियों की भलाई के लिए यह नई योजना लागू की है। इसके लिए विगत विधानसभा सत्र में नया विधेयक भी पारित करवाया गया। जिससे कि 30 जून, 2017 तक की अवधि के बकाया कर मामलों में व्यापारी को छूट मिल सके। इस समय हरियाणा प्रदेश एक छोटा राज्य होते हुए भी देश में कर संग्रह के मामले में पहले पांच राज्यों में शामिल है। आज कराधान के मामले में देश का सबसे बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर हरियाणा में है। इस योजना के तहत डिस्प्यूटेड टैक्स यदि 50 लाख रुपये तक है तो 30 फीसदी ही उसका भुगतान करना होगा। यदि 50 लाख रुपए से ज्यादा की राशि है तो उसके लिए 50 फीसदी भुगतान देना होगा। इसके अलावा अनडिस्प्यूटेड टैक्स है तो उसकी कोई यदि अपील नहीं की है तो उसे मामले में कोई पेनल्टी और ब्याज नहीं देना होगा।

वहीं तीसरे मामले में डिफरेंशियल टैक्स है तो उसे कैटेगरी में कुल राशि का 30 फीसदी ही भुगतान करना होगा। इसके अलावा 10 लाख रुपए तक के भुगतान की राशि एक किस्त में ही देनी होगी। इस योजना के तहत अलग-अलग स्लैब बनाए गए हैं जिसमें व्यापारियों को काफी फायदा मिलेगा यही नहीं व्यापारियों को अब ऑफिस के चक्कर काटने से भी राहत मिलेगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा में भाजपा सरकार के 9 साल प्रदेश में विकास और परिवर्तन के ऐसे वर्ष हैं, जिन पर न केवल गौरवान्वित हुआ जा सकता है, अपितु जो पूरे देश के लिए प्रेरणा पुंज का भी काम कर रहे हैं।

इन वर्षों में हरियाणा ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस परिवर्तन यात्रा को निरंतर अग्रसर रखा है। गठबंधन सरकार का नेतृत्व करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के सभी 90 हलकों में विकास की जो बयार बहाई है, वह प्रदेश में अब तक अछूती ही थी। एक समय वह था, जब प्रदेश में क्षेत्रवाद का आरोप हावी था, पहले के मुख्यमंत्रियों पर इसके आरोप आम बात थे कि उन्होंने सिर्फ अपने इलाकों में ही विकास कराया। हालांकि भाजपा सरकार में यह आरोप और धारणा पूरी तरह से साफ हो गया। अब प्रदेश के सभी हलके समान रूप से विकास की ओर अग्रसर हैं।

मनोहर सरकार ने नौकरियों में पारदर्शिता की ऐसी नींव रखी है, जोकि अनुपम साबित हो रही है। इस समय मेरिट के आधार पर युवाओं को नौकरियां मिल रही हैं। इतना ही नहीं सरकार विदेश में भी प्रदेश के युवाओं को नौकरी दिलवा रही है, इससे पहले यह एक सपना भर था। इस समय प्रदेश में 1.10 लाख से अधिक युवा सरकारी नौकरी हासिल कर चुके हैं। हरियाणा के वर्तमान परिदृश्य में सबसे बड़ा परिवर्तन इसके डिजिटल होने की वजह से आया है। आज प्रदेश न केवल खेती में सर्वोत्तम है, अपितु टेक्नोलॉजी और डिजिटल क्रांति का अग्रदूत भी बन चुका है। यह भी कितना खूब है कि दूसरे राज्यों की सरकारें हरियाणा में डिजिटल क्रांति से सीख ले रही हैं और अपने यहां भी उसका प्रतिपादन कर रही हैं।

परिवार पहचान पत्र, भू स्वामित्व योजना, फर्द का ऑनलाइन होना समेत दूसरी अनेक डिजिटल तकनीक आधारित योजनाओं ने प्रदेश के लोगों का जीवन आसान बना दिया है। प्रदेश में ऑनलाइन शिक्षक तबादला नीति भी सार्थक योजना है। प्रदेश में शैक्षिक माहौल में ऊर्जा है और अब बच्चों, किशोरों और युवाओं का भविष्य सुनहरा नजर आ रहा है। राज्य के 10वीं और 12वीं के बच्चों को 5 लाख लैपटॉप प्रदान किए गए हैं, जिससे बच्चे ऑनलाइन अपना होमवर्क और अन्य ज्ञानवर्धक जानकारी हासिल कर पा रहे हैं। दरअसल, एक लोक कल्याणकारी सरकार ही इस प्रकार के प्रयास कर सकती है। जन-जन की सुविधा के लिए योजनाओं के माध्यम से मनोहर सरकार ने अद्वितीय कार्य कर दिखाया है, जोकि नववर्ष में भी जारी रहने की पूरी संभावना है।

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