Himachal CM Resigns- हिमाचल CM ने कहा- मैंने इस्तीफा नहीं दिया; मैं घबराने वाला व्यक्ति नहीं, योद्धा हूं... BJP अच्छा ड्रामा कर रही

हिमाचल CM ने कहा- मैंने इस्तीफा नहीं दिया; मैं घबराने वाला व्यक्ति नहीं, योद्धा हूं... BJP अच्छा ड्रामा कर रही, कांग्रेस की सरकार चलेगी

Himachal CM Sukhvinder Singh Sukhu Resigns News Update

Himachal CM Sukhvinder Singh Sukhu Resigns News Update

Himachal CM Resigns Update: राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद हिमाचल की सियासत में जो तूफान आया। उसमें सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी डोल गई। एक तरफ जहां कांग्रेस के बागी हो चुके 6 विधायकों के बाद मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया तो वहीं सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे की चर्चायें भी उठने लग गईं। इसी बीच अचानक खबरें भी आने लगीं कि सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर तक ने सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा इस्तीफा दिए जाने की जानकारी दी। वहीं अपने इस्तीफे की खबरों को देखते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू को मीडिया के सामने स्पष्टीकरण देने के लिए आना पड़ा। हिमाचल सीएम ने कहा कि, मैंने कोई इस्तीफा नहीं दिया है। मेरे इस्तीफे की अफवाह फैलाई जा रही है।

इस्तीफा मांगे जाने की खबरों का भी खंडन

हिमाचल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उनसे इस्तीफा मांगे जाने की खबरों का भी खंडन किया है। सीएम का कहना है कि न तो किसी ने मुझसे इस्तीफा मांगा है और न ही मैंने किसी को अपना इस्तीफा दिया है। हां अगर पार्टी इस्तीफा मांगेंगी तो मैं देने के लिए तैयार हूं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैं घबराने वाला व्यक्ति नहीं हूं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हम बहुमत साबित करेंगे। हम जीतेंगे, हिमाचल की जनता जीतेगी। सीएम ने कहा कि, BJP अच्छा ड्रामा कर रही है। बीजेपी सोच रही होगी कि उसके कुछ करने से कांग्रेस में भगदड़ मच जाएगी तो ऐसा नहीं है। कांग्रेस पार्टी एकजुट है, जो छोटी-मोटी शिकायतें हैं वह भी दूर हो जाएंगी और हिमाचल में कांग्रेस की सरकार पूरे 5 साल चलेगी।

मैं योद्धा हूं, आम परिवार से निकला हूं

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैं एक योद्धा हूं और आम परिवार से संघर्ष करके निकला हूं। लड़ाई में संघर्ष की ही जीत होती है। सुक्खू ने कहा बीजेपी कांग्रेस विधायक दल में टूट पैदा करना चाहती है ताकि कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी के साथ आ जाएं। लेकिन मैं यह भी कहना चाहता हूं कि बीजेपी के साथ वाले विधायक भी हमारे संपर्क में हैं।

हिमाचल विधानसभा में बजट पास

हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस की सरकार ने बजट पास करा लिया है। इसके साथ ही विधानसभा की कार्यवाही तय समय से एक दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है। 14 फरवरी से बजट सत्र शुरू हुआ था। फिलहाल अब 3 महीने के लिए मौजूदा सरकार पर कोई खतरा नहीं है। विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। तब तक कांग्रेस के अंदरूनी खेमे में आगे की रणनीति बनेगी।

माना जा रहा है कि अगर विधायकों की नाराजगी के चलते सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम पद से हटाया जाता है तो ऐसे में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री नए CM बन सकते हैं, सीएम पद के लिए प्रतिभा सिंह का नाम भी चर्चा में है। वहीं मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विक्रमादित्य सिंह के डिप्टी सीएम बनने की चर्चा चल रही है।

सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस्तीफा दे देना चाहिए

CM सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा इस्तीफे की बात से इनकार करने पर हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हम कह रहे हैं कि अगर उनमें थोड़ी भी नैतिकता है तो इससे पहले कि पार्टी उन्हें हटाए उन्हें खुद से विचार करना चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए। जयराम ठाकुर कहा कि, आज सरकार बचाने की कोशिश का जा रही है लेकिन आने वाले समय में कांग्रेस की सरकार नहीं होगी। क्योंकि यह सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। राज्यसभा में जिन्होंने भाजपा को समर्थन दिया है वे हमारे साथ हैं। इसके अलावा और भी बहुत लोग साथ हो सकते हैं। जयराम ठाकुर ने कहा जब मंत्री ही सरकार पर आरोप लगाए तो आप समझ सकते हैं कि क्या हालात हैं। यह सरकार जानी है, आज नहीं तो कल जानी है।

हमारे विधायकों को सदन से बाहर कर दिया

हिमाचल विधानसभा में आज बजट पेश करने के दौरान जयराम ठाकुर समेत बीजेपी के 15 विधायकों को सदन से सस्पेंड कर दिया गया था। इस पर जयराम ठाकुर ने कहा कि आज वही हुआ जिसकी हमें आशंका थी। हमने सुबह राज्यपाल से मुलाकात की थी और हमने कहा था कि बजट पास कराने के लिए कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है ऐसे में वे भाजपा के विधायकों को सस्पेंड करेंगे। आज सदन में आते ही संसदीय कार्य मंत्री द्वारा प्रस्ताव लाया गया, 15 विधानसभा सदस्यों को सस्पेंड करने के लिए कहा गया। जिसके बाद हमें मार्शल के माध्यम से बाहर जाने के लिए विवश किया गया, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सदन में सस्पेंशन का प्रावधान तब होता है जब हम सदन की कार्यवाही में बाधा डालें। हम चर्चा के लिए तैयार थे।