जिले अब बाल मृत्यु दर कम करने की को‌शिश

जिले अब बाल मृत्यु दर कम करने की को‌शिश

जिले अब बाल मृत्यु दर कम करने की को‌शिश

जिले अब बाल मृत्यु दर कम करने की को‌शिश

सेहत विभाग ने नए प्लान पर काम किया शुरू, सवा साल तक आशा वर्कर जाएगी घर

मोहाली।  वीआईपी जिले में जननी सुरक्षा के बाद अब सेहत विभाग का ध्यान बाल मृत्यु दर को कम करने में लग गई। अब आशा वर्कर नवजात बच्चों की उम्र सवा साल के होने तक उनका ख्याल रखेगी। इतना ही नहीं इस समय में करीब 11 बार उनके घर जाकर उनकी सेहत का आंकलन करेगी। साथ ही उनके परिजनों को उसकी सेहत के प्रति जागरूक करेगी। अगर जरूरत पड़ती है तो उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने के लिए मार्ग दर्शन करेगी। इसके लिए सेहत विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) बूथगढ़ आशा वर्करों के पहले बैच को पांच दिवसीय ट्रेनिंग देकर तैयार कर दिया गया है।सीनियर मेडिकल अफसर अलकजोत कौर ने इस प्रोग्राम के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण प्रोग्राम से आशा वर्करों के ज्ञान को बढ़ाना है। वहीं, प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य बाल मृत्यु दर और बच्चो बीमारियों को कम करना है। इसके अलावा छोटे बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार करना और बच्चों के उचित विकास और बचपन के विकास को सुनिश्चित करना है। आशा वर्कर कम वजन वाले बच्चों, बीमार बच्चों, कुपोषित बच्चों और नवजात शिशुओं की देखभाल पर ध्यान देंगी। ब्लॉक मैनेजमेंट एजुकेटर बलजिंदर सैनी ने बताया कि आशा वर्कर 42 दिन तक नवजात शिशुओं के लिए 6 या 7 होम केयर होम का दौरा कर करती है। वहीं, आशा कार्यकर्ता अब पांच अतिरिक्त गृह भ्रमण करेंगी। आशा वर्कर बच्चों की देखभाल के लिए 3 महीने, 6 महीने, 9 महीने, 12 महीने और 15 महीने में घरों का दौरा करेंगी। कुलदीप कौर ने कहा कि आशा कार्यकर्ता बच्चों की समस्याओं की पहचान करने और परिवारों को उचित कार्रवाई करने में मदद करने के लिए घरों में जल्दी पहुंचेंगी। यह बेहतर घरेलू देखभाल कार्यक्रमों या स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के माध्यम से किया जा सकता है।