Chandigarh Chunav- चंडीगढ़ संसदीय सीट पर लोकल का हो उम्मीदवार; लोग बोले- सांसद स्थानीय होगा तो शहर के हालात और हमारी जरूरतें समझेगा

चंडीगढ़ संसदीय सीट पर लोकल का हो उम्मीदवार; लोग बोले- सांसद स्थानीय होगा तो शहर के हालात और हमारी जरूरतें समझेगा

Chandigarh People Demand Local Candidate For Lok Sabha Chunav 2024

Chandigarh People Demand Local Candidate For Lok Sabha Chunav 2024

Chandigarh Lok Sabha Chunav 2024: आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर समा बंध चुका है। अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां चुनावी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहीं हैं। अधिकतर सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों के चेहरे भी अब जनता के सामने हैं। लेकिन चंडीगढ़ जैसी हॉट लोकसभा सीट पर न तो अब तक बीजेपी ने अपने उम्मीदवार का चेहरा जनता को दिखाया है और न ही आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधित कांग्रेस ने।

ऐसा लग रहा है कि, दोनों पार्टियां पहले आप-पहले आप के पेंच में फंसी पड़ी हैं। इसके साथ ही दोनों ही पार्टियों में अपने कुछ ऐसे अंदरूनी कारण भी रोड़ा हो सकते हैं जिनके चलते किसी की उम्मीदवारी तय नहीं हो पा रही है। इस बीच दोनों पार्टियों द्वारा चंडीगढ़ में बाहरी उम्मीदवार लाये जाने की सुगबुगाहट भी है। हालांकि, अभी चंडीगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार को लेकर कुछ भी स्पष्ट कह पाना संभव नहीं है। चर्चाएं बेशक कई सारी हैं। वहीं चंडीगढ़ की जनता यही चाह रही है कि बीजेपी और कांग्रेस से जो भी उम्मीदवार सामने आए वो लोकल ही हो। यानि शहर का अपना स्थानीय।

अर्थ प्रकाश संवाददाता ने जानी लोगों की राय

चंडीगढ़ में संसदीय उम्मीदवार कैसा और कहां का हो? इसे लेकर अर्थ प्रकाश संवाददाता खुशविंदर सिंह जब चंडीगढ़ की सड़कों पर लोगों के बीच उनकी राय लेने के लिए निकले तो उनका यही कहना था कि शहर का संसदीय उम्मीदवार हर हाल में स्थानीय ही होना चाहिए। खुशविंदर सिंह सेक्टर-15 की मार्केट में लोगों से बातचीत कर रहे थे। जितने भी लोगों से बातचीत की गई उनमें 95% लोगों का मत यही रहा कि शहर का संसदीय उम्मीदवार लोकल हो। 5% लोगों का कहना था कि, उन्हें स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार से मतलब नहीं है बस वह उनके लिए काम करे। उनकी समस्याओं को दूर करते हुए उनके लिए लाभकारी फैसले ले।

लोग बोले- स्थानीय होगा तो शहर के हालात समझेगा

फिलहाल स्थानीय उम्मीदवार चाहने वाले लोगों का कहना है कि यदि संसदीय उम्मीदवार स्थानीय होगा तो वह शहर के हालातों को करीब से समझता होगा। वह समझेगा कि शहर में किन हालातों से लोग जूझ रहे हैं। लोगों की क्या समस्याएँ हैं। ऐसे में अगर स्थानीय उम्मीदवार सांसद बन जाता है और शहर के हालात सुधारने और लोगों की जरूरतें समझने और हमारे लिए काम करने के लिए तत्परता दिखाता है तो जरूर इससे शहर की भी तस्वीर बदलेगी और लोगों को भी सहूलियत मिलेगी। वरना अगर बाहर से किसी उम्मीदवार को शहर में संसदीय उम्मीदवार के रूप में उतारा जाता है तो हमारे हित में नहीं है।

लोगों का कहना है कि जो बाहर से उम्मीदवार आयेगा और अगर वह जीत जाता है तो इसके बाद वह हम लोगों के बीच नहीं दिखने वाला। वोट देने के बाद हम उसे दूढ़ते ही रह जाएंगे। शहर में कल को कोई आपदा या कोई हमारे लिए कोई समस्या होती है तो बाहरी उम्मीदवार के सांसद बनने पर उस तक हमारी पहुँच नहीं होगी। इसलिए राजनीतिक पार्टियों द्वारा ऐसे उम्मीदवार को शहर में लाना व्यर्थ है। उसमें न तो शहर और जनता को फायदा है और न ही राजनीतिक पार्टियों का। क्योंकि अब हम यह चाहते हैं कि हमारा सांसद स्थानीय ही हो। जिस तक हम किसी भी वक्त पहुँच सकें। हमें पता हो कि उसका ठिकाना कहां है?