Earthquake in Afghanistan: अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके; लोगों में अफरातफरी मची, रिक्टर स्केल पर इतनी तीव्रता

अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके; लोगों में अफरातफरी मची, घरों से बाहर निकलकर भागे, रिक्टर स्केल पर इतनी मापी गई तीव्रता

Earthquake in Afghanistan

Afghanistan Earthquake News Today Strong Tremors Felt

Earthquake in Afghanistan: अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके लगे हैं। कुछ इलाकों में तो बहुत तेज झटके महसूस किए जा रहे थे। जिससे लोगों में अफरातफरी मच गई। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। वहीं झटके कुछ सेकेंड तक जारी रहे और घरों की दीवारें, खिड़कियां, सामान और दरवाज़े हिलते देखे गए। कोई जनहानि या भारी नुकसान की खबर नहीं है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता कितनी रही है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने इस बारे में जानकारी दी है।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि, अफगानिस्तान में शनिवार शाम 4 बजकर 26 मिनट के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 दर्ज की गई है। जमीन के अंदर इसकी गहराई 120 किलोमीटर थी। वहीं भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के काबुल के पास था। मालूम रहे कि, इससे पहले हाल ही में पाकिस्तान में दो से 3 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं इसके बाद चीन में भूकंप आया था।

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किस तीव्रता के भूकंप में कितना नुकसान?

2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर धरती में हल्का कंपन होता है। 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर धरती हिलने से हल्के झटके महसूस होते हैं। वहीं 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में तेज झटके महसूस किए जाते हैं। इस भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं। वहीं 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का सामान तेजी से हिलता हुए दिखता है। तेज झटके महसूस होते हैं।

वहीं 6 से 6.9 तक के भूकंप में इमारतें हिलती हैं, नींव में दरार आ जाती है। इसके अलावा 7 से 7.9 तक के भूकंप में इमारतें गिर जाती हैं, पानी के पाइप फट जाते हैं। 8 से 8.9 के भूकंप में पल भर में इमारतें गिरती हैं और जमीन फटने लगती है, दीवारें फटती हैं। 9 या इससे ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप आने पर धरती लहर जाती है।

क्यों आता है भूकंप?

बताया जाता है कि, धरती की अंदरूनी संरचना में टैक्‍टोनिक प्लेट्स (सरल भाषा में चट्टानें) मौजूद हैं। ये प्लेट्स लगातार हलचल करती रहती हैं। इस बीच जब यह इधर से उधर खिसकती हैं, टकराती हैं या टूटती हैं तो फिर तेज एनर्जी निकलती है और इससे धरती में कंपन पैदा होता है और इसे ही भूकंप कहते हैं। यानि धरती ऊपर से जितनी शांत है उतनी इसकी अंदरूनी सतह में हलचल चल रही है।

भूकंप आने पर क्या करें?

भूकंप आने के दौरान अगर आप घर या फ्लैट में हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर आ जाएं। खासकर फ्लैट में मौजूद लोग जल्द से जल्द बाहर जरूर निकलें। क्योंकि फ्लैट की इमारतें काफी ऊंची होती हैं। ऐसे में इनके गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं भूकंप के चलते यदि आप बाहर खुली जगह पर आते हैं तो यहां भी आप यह सुनिक्षित करें कि आप किसी बिल्डिंग, पेड़ और बिजली के तारों या खम्भों के नजदीक तो नहीं है। इनसे दूरी बनाकर रखें। आप बिलकुल खाली जमीन को तलाश कर वहां पहुंच जाएं।