Mental Development: बच्चों के मानसिक विकास के लिए भी बेहद जरूरी खेलकूद

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Mental Development

Mental Development: खेल बच्चे को व्यस्त बनाए रखने का स्वस्थ और आनंददायक तरीका है। अपने बच्चे को शुरुआती उम्र में खेलों से जोड़ने से उनके समग्र विकास में बड़ी मदद मिलती है। खेल लंबे समय से इंसान को स्वस्थ्य, प्रसन्न रखने में मददगार रहे हैं और बच्चों, युवाओं, वयस्कों और बुजुर्गों को कई तरह के फायदे भी प्रदान करते हैं। हालांकि बच्चों की शारीरिक और मानसिक वृद्धि में खेलों के योगदान को उसके खास परिणाम के तौर पर देखा जा सकता है। जानते हैं खेलकूद के फायदे

Mental Development: 1. स्पोर्ट्स के जरिए सक्रिय बने रहने से अच्छे स्वास्थ्य में मदद मिलती है

कई अध्ययनों में यह कहा गया है कि युवा उम्र में सक्रिय जीवनशैली अपनाने और स्वस्थ्य दिनचर्या पर अमल करने से मोटापा, मधुमेह, हड्डियों की कमजोरी और कोलेस्ट्रॉल तथा बाद में ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा कम किया जा सकता है।

Mental Development: 2. नियमित व्यायाम से तनाव दूर करने में मदद मिलती है

किशोरों की तरह बच्चे भी तनाव के उच्च स्तर से गुजरते हैं। यदि यह तनाव बचपन में ही दूर न किया जाए तो इससे गंभीर अवसाद की समस्या पैदा हो सकती है। नियमित व्यायाम, फील-गुड केमिकल रिलीज करने से दिमाग के कुछ हिस्सों को सक्रिय बनाया जा सकता है जिससे चिंता और अवसाद दूर करने में मदद मिलती है। ऐसे केमिकल को न्यूरोट्रांसमिटर्स कहा जाता है और इनमें डोपामाइन, एंड्रोफिंस, नोरेपाइनफ्रिन और सेरोटोनिन शामिल होते हैं। न्यूरोट्रांसमिटर्स मन को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं और शारीरिक गतिविधि बढ़ने पर ये रिलीज होते हैं। इसलिए इसे अवसाद दूर करने में कारगर माना जाता है।

Mental Development: 3. टीम स्पोर्ट्स बच्चे को व्यस्त रखते हैं

खेलों का अन्य लाभ यह है कि इससे स्थायित्व पैदा होता है, खासकर उन बच्चों में, जो कमजोर पृष्ठभूमि और समुदायों से होते हैं। खेल बच्चों को कुछ खास करने का अवसर प्रदान करते हैं। अच्छी बात यह है कि खेल बच्चों को चरित्र निर्माण से संबंधित गतिविधियों से जोड़े रखने का प्रभावी माध्यम है। यह देखा गया है कि खाली समय में बच्चे बड़ी तेजी से खराब आदतों का शिकार हो जाते हैं।

Mental Development: 4. शारीरिक गतिविधि से शैक्षिक प्रदर्शन में भी सुधार आ सकता है

बचपन में खेलों में सक्रियता से भाग लेना आगामी समय में शैक्षिक प्रदर्शन और समग्र विकास के सुधार के लिए बेहद प्रभावी साबित होता है। अध्ययनों से पता चला है कि जो बच्चे कम उम्र से खेलों में हिस्सा लेते हैं, उनमें ज्यादा सकारात्मक रुख, बेहतर टेस्ट स्कोर के साथ साथ कक्षा में अच्छी आदतों और बच्चों में फोकस और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता अधिक होती है।

Mental Development: 5. खेलों से चरित्र निर्माण में भी मदद मिलती है

सीखे गए कौशल और शारीरिक गतिविधियों और खेलने के दौरान इनके इस्तेमाल से बच्चे की वृद्धि एवं विकास में बड़ी मदद मिलती है। ऐसी कई महत्वपूर्ण पारस्परिक मूल्य और विशेषताएं हैं, जो खेलने और टीमवर्क, ऑनेस्टी, वैल्यूइंग हार्ड वर्क जैसे स्पोर्ट्स में भाग लेने से हासिल होती हैं। स्पोर्ट्स के दौरान प्रतिस्पर्धा से बच्चों को सफलताओं और विफलताओं का प्रबंधन करने में मदद मिलती है।

Mental Development: अभिभावकों का योगदान

1. अगर माता-पिता अपने बच्चों को खेलों के प्रति उत्साहित करने में समस्या महसूस करते हैं तो उन्हें घर पर कुछ कार्य कर या स्वयं भी स्पोर्ट्स में हिस्सा लेकर शारीरिक तौर पर ज्यादा सक्रिय होकर उनके लिए मिसाल कायम करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा, वे बास्केटबाॅल, टेनिस या क्रिकेट जैसे खेल अपने अपने साथ खेलकर या फिर आसानी से बाॅल फेंक कर या कैच कर, खेलों मे अपने बच्चों की दिलचस्पी बढ़ा सकते हैं।

2. उन्हें किसी ऐसे स्पोर्ट में बच्चे को शामिल करने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए, जिनमें उनकी खास दिलचस्पी न हो।

3. अगर बच्चा यह नहीं चाहता तो कि उनके माता-पिता उनके मैच में शामिल हों तो माता-पिता को इससे दूर रहना चाहिए और परिणाम पर नजर रखनी चाहिए। इसकी संभावना हो सकती है कि वे प्रदर्शन नहीं करने या अच्छे स्कोर लाने से घबरा सकते हों, या आत्मविश्वास से भी दूर हो सकते हों। इसलिए, माता-पिता को बच्चों के प्रति बेहद सहायक रुख अपनाना चाहिए।

4. माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे स्कूल होमवर्क, परीक्षा, ट्यूश्न आदि जैसे अन्य कार्यों की अनदेखी न करें। यह बेहद जरूरी है कि युवा बच्चों को खेल या किसी अन्य कुछ षौक से जोड़े रखने के प्रयास में वे अपने अन्य कार्य की