यूपी: आगरा किला परिसर में टॉयलेट सीट से लिपटा मिला 6 फुट लंबा सांप, चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन
Snake wrapped around toilet seat
Snake wrapped around toilet seat: उत्तर प्रदेश के आगरा किला परिसर में छह फीट लंबा जहरीला सांप मिलने से हड़कंप मच गया. वह टॉयलेट सीट पर लिपटा हुआ था. किले का एक कर्मचारी किसी काम से बाथरूम के अंदर घुसा को उसकी नजर टॉयलेट सीट पर पड़ी. वहां धामिन सां (इंडियन रैट स्नेक) टॉयलेट सीट पर लिपटा हुआ था. उसे देख कर्मचारी की चीख निकल गई. साथी कर्मचारी दौड़कर वहां पहुंचे.
सभी ने टॉयलेट का दरवाजा बंद किया. फिर एक गैर-सरकारी संगठन को इसकी सूचना दी. एनजीओ वाले तुरंत वहां पहुंचे. उन्होंने बड़ी ही सावधानी से सांप का रेस्क्यू किया. फिर उसे दूर-दराज के जंगल में जाकर सुरक्षित छोड़ दिया.
आगरा किले के संरक्षण सहायक (सीए) कलंदर ने बताया कि सांप कार्यालय परिसर के पास स्थित टॉयलेट में मिला था. कलंदर ने कहा, ‘हमने एनजीओ वाइल्ड लाइफ एसओएस टीम को सूचित किया और फिर दो कुशल कर्मचारियों ने सांप को बिना नुकसान पहुंचाए बचा लिया.’
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, ‘हम लाल किला के सतर्क कर्मचारियों की सराहना करते हैं, जिन्होंने हमसे संपर्क करके जिम्मेदारी से काम किया. लोगों को सांप जैसे जंतुओं के साथ सह-अस्तित्व के महत्व को समझना चाहिए और इन घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए.’
बारिश में सांप आ जाते हैं बाहर
इस समय यूपी के तमाम हिस्सों में जमकर बारिश हो रही है. ऐसे में सांपों के बिलों में पानी भरने की वजह से वह बाहर आ जाते हैं. इस समय जनता को सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है क्योंकि जरा सी लापरवाही किसी की जान ले सकती है. सांप उन पर कभी भी अटैक कर सकते हैं.
सांप काट ले तो क्या करें?
डॉक्टरों का कहना है कि अगर सांप आपको कभी डस ले तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें. सूजन शुरू होने से पहले अंगूठियां और घड़ियां निकाल दें. यदि संभव हो तो सुरक्षित दूरी से सांप की तस्वीर लें. सांप की पहचान करने से सांप के काटने के उपचार में मदद मिल सकती है. स्वयं गाड़ी चलाकर अस्पताल न जाएं. क्योंकि सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को चक्कर आ सकता है. वह बेहोश हो सकता है.
सांप के काटने पर क्या न करें?
सांप को न उठाएं और न ही उसे फंसाने की कोशिश करें. कभी भी विषैले सांप को न छुएं, मरे हुए सांप या उसके कटे हुए सिर को भी नहीं. घाव को चाकू से न काटें या किसी भी तरह से न काटें. विष को चूसने का प्रयास भी न करें. घाव पर बर्फ न लगाएं और घाव को पानी में न डुबोएं. दर्द भगाने के लिए शराब न पियें. दर्द निवारक दवाएं न लें. बिजली का झटका, टोटका या फिर ओझा गुणी का प्रयोग न करें.