संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित किया गया महिला संत समागम
- By Vinod --
- Friday, 30 May, 2025

Women Saints' Congregation was organized in Sant Nirankari Satsang Bhawan
Women Saints' Congregation was organized in Sant Nirankari Satsang Bhawan- मोहालीI सत्संग में आकर केवल सुनना नहीं उसका मनन करके आत्म मंथन भी करना है। यह उदगार बहन मोनिका राजा ने स्थानीय फेस 6 स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित महिला संत समागम के दौरान कहे। इस अवसर पर महिला श्रद्धालुओं ने गीतों, विचार द्वारा अपने भावों को प्रकट किया।
उन्होंने आगे फरमाया कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज यही समझाते हैं कि जिस प्रकार जगत माता बुधवंती जी व राजमाता कुलवंत कौर जी ने जीवनभर परिवार व सत्संग दोनों को प्राथमिकता देते हुए सामंजस्य स्थापित किया । पति व पत्नी दोनों एक गाड़ी के दो पहिए है तथा बच्चे गाड़ी की सवारियां है। पति पत्नी के सामंजस्य ही गृहस्थी की गाड़ी सही ढंग से चलती है।
उन्होंने कहा कि दांपत्य जीवन तभी संभव होता है जब दो व्यक्ति एक बंधन में बंधते है। इसी प्रकार आत्मा का परमात्मा से मिलन या बंधन प्रभु परमात्मा की जानकारी भाव ब्रह्मज्ञान द्वारा ही होता है। इसलिए ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति केवल मानुष जीवन में ही संभव है।
उन्होंने आगे बताया कि संतो का जीवन सदैव अंग्रेजी के शब्द EASE ईज जैसा होता है। ई का अर्थ है इंजॉय द प्रोसेस ऑफ लाइफ भाव हर हाल में खुशी में ही जीते हैं। ए का अर्थ है एक्सेप्ट करना यानि स्वीकार करना। जो पसंद नहीं है उसे भी स्वीकार करना। एस का अर्थ साइलेंस है भाव एक चुप सौ सुख। अंतिम शब्द ई भाव इंवॉल्व योरसेल्फ इन योर लाइफ अर्थात् अपना विश्लेषण करना की सतगुरु की शिक्षाओं पर कितना चल रहे हैं।
इस अवसर पर चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ.पी . निरंकारी जी व मोहाली की संयोजक डॉ जे के चीमा जी ने महिला समागम के सफल आयोजन के लिए सतगुरु माता जी का आभार जताया व सभी के कल्याण की मांग की।