ऑडिट रिपोर्ट में सिटको की कार्यप्रणाली पर सवाल: स्टील डिपो और बेकरी फैसलों से करोड़ों का नुकसान उजागर

Audit report questions SITCO's functioning

Audit report questions SITCO's functioning

चंडीगढ़, 27 दिसंबर (साजन शर्मा): Audit report questions SITCO's functioning: भारत के सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थान, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के अधीन लेखापरीक्षा महानिदेशक (केंद्रीय व्यय), नई दिल्ली द्वारा जारी वर्ष 2023-24 की निरीक्षण रिपोर्ट में चंडीगढ़ औद्योगिक पर्यटन विकास निगम (सिटको) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में यह रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें निगम को हुए करोड़ों रुपये के नुकसान का खुलासा हुआ है।

ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार सिटको द्वारा संचालित एक स्टील डिपो में पिछले दो वर्षों से कोई बिक्री नहीं हुई, इसके बावजूद वहां एक मैनेजर, एक अकाउंटेंट, एक क्लर्क, तीन हेल्पर और तीन सिक्योरिटी गार्ड सहित कुल दस कर्मचारियों की तैनाती की गई। कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों के कारण इस शून्य बिक्री वाले स्टील डिपो से निगम को लगभग 1.42 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्टील डिपो का बुनियादी ढांचा और स्थान लंबे समय से बेकार पड़ा है, जिसका उपयोग राजस्व सृजन और औद्योगिक विकास के उद्देश्य के लिए किया जा सकता था।

सुखना झील बेकरी प्रोजेक्ट बना घाटे का सौदा

ऑडिट रिपोर्ट के पैरा-05 में सुखना झील स्थित कैफेटेरिया परिसर की दुकान संख्या-6 को किराए पर देने के बजाय स्वयं संचालित करने के निर्णय को गलत ठहराया गया है। यह दुकान सितंबर 2023 से बेकरी आइटम बेचने के लिए निगम द्वारा चलाई गई, जबकि पास की दुकान संख्या-4 पहले से ही मिठाई और बेकरी उत्पाद बेच रही थी। इसके बावजूद निगम ने प्रतिस्पर्धा की स्थिति को नजरअंदाज कर यह निर्णय लिया।
रिपोर्ट के अनुसार, इस दुकान का आरक्षित किराया 1.50 लाख रुपये प्रति माह (कर सहित) तय था। सितंबर 2023 से मार्च 2025 तक किराए के रूप में ही 28.50 लाख रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा जुलाई 2024 से जनवरी 2025 के बीच संचालन से 3.30 लाख रुपये का घाटा, करीब 2 लाख रुपये का निवेश, तथा इंटीरियर व उपकरणों पर 6.07 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च किया गया। कुल मिलाकर इस गलत निर्णय के कारण सिटको को 37.87 लाख रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मेसर्स पंजाब एग्रो कॉर्पोरेशन लिमिटेड इस दुकान को किराए पर लेने के लिए इच्छुक थी, बावजूद इसके निगम ने इसे स्वयं चलाने का फैसला किया।

दिल्ली यूटी गेस्ट हाउस पर 5.78 करोड़ खर्च, वसूली नहीं

ऑडिट रिपोर्ट के पैरा-06 में एक और गंभीर वित्तीय अनियमितता सामने आई है। सिटको चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से नई दिल्ली स्थित यूटी गेस्ट हाउस का प्रबंधन करती है। रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2011-12 से 2023-24 के बीच गेस्ट हाउस के प्रबंधन पर कर्मचारियों के वेतन, स्टेशनरी, स्थानीय यात्रा और अन्य मदों में निगम ने अपने कोष से 4.39 करोड़ रुपये खर्च किए। रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि कुल व्यय 5.78 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसकी समुचित वसूली नहीं हो सकी।

कैग की इस निरीक्षण रिपोर्ट ने सिटको के निर्णयों, संसाधनों के उपयोग और वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। अब यह देखना होगा कि चंडीगढ़ प्रशासन और सिटको प्रबंधन इन ऑडिट आपत्तियों पर क्या कदम उठाते हैं और भविष्य में ऐसे नुकसान से बचने के लिए क्या सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है।