महाकुंभ को लेकर गलत खबरें फैलाने वाले लोगों पर होगी कड़ी कार्यवाही, 54 सोशल मीडिया अकाउंट्स को किया गया सीज
 
                        
                        
                        
                        
                        
                        
                        
                        
                        
                        
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 की जहां एक तरफ पूरे विश्व में प्रशंसा हो रही है वहीं दूसरी तरफ ऐसे तत्व भी काम नहीं है जो सोशल मीडिया के जरिए फर्जी वीडियो या फर्जी खबरें फैला कर लोगों को भ्रामक कर रहे हैं। हालांकि यह गलत खबरों का सिलसिला कोई नई बात नहीं है काफी समय से सोशल मीडिया पर हर एक चीज को लेकर गलत खबरें फैलाई जा रही हैं, उस पर महाकुंभ 2025 के धार्मिक स्थल पर हुए बम हमले या कई लोगों के मरने जैसी गलत खबरों को खूब बढ़ावा मिल रहा है। इस फेक न्यूज़ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार अब एक्टिव नजर आ रही है और उन्होंने 54 सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद करने की धमकी दी है, जो फर्जी और भ्रामक पोस्ट के जरिए जनता में अफवाह फैलाने का काम कर रहे थे।
फेक न्यूज को लेकर सतर्क हुई सरकार
13 फरवरी 2025 को सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान दो वीडियो को पुलिस ने विशेष संज्ञान में लिया जिन्हें महाकुंभ से जोड़कर भ्रामक रूप से प्रस्तुत किया गया था। इसमें इजिप्ट के अग्निकांड को महाकुंभ की आग बताते हुए पोस्ट किया गया था, यह वीडियो मिस्र में वर्ष 2020 में हुई एक तेल पाइपलाइन दुर्घटना का था जिसे यह कहकर प्रसारित किया गया कि महाकुंभ बस स्टैंड में आग लगी 40-50 गाड़ियां जलकर राख हो गई। इस अफवाह को फैलाने वाले 7 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ कोतवाली कुंभ मेले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई है। वहीं दूसरी वीडियो में पटना की घटना को महाकुंभ से जोड़ा गया यह वीडियो बिहार में एक फिल्म प्रमोशन इवेंट के दौरान हुई अवस्था का था जिसे महाकुंभ से जोड़कर यह अफवाह फैलाई गई की कुंभ में राष्ट्रवादी लोगों ने आर्मी जवानों पर चप्पल फेंकी। इस पोस्ट के लिए 15 सोशल मीडिया अकाउंट्स को चिन्हित कर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की गई है।
यूपी सरकार ने बनाई इसके खिलाफ रणनीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने साइबर पेट्रोलिंग की व्यापक रणनीति तैयार की है। इसके अंतर्गत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की सतत निगरानी की जा रही है, साथ ही भ्रामक पोस्ट की त्वरित पहचान करके उसका खंडन करना अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यूपी पुलिस उस काम में सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स का भी सहयोग ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने जनता से अपील की है कि वह सोशल मीडिया पर किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि जरूर कर लें अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि मन को मेले की पवित्रता बनी रहे और लोग इससे भ्रमित ना हो।
 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                