Putin Security Protocol: पुतिन की पॉटी-पेशाब भी उठा ले जाते हैं स्पेशल गार्ड्स; हर खाना जहर को लेकर टेस्ट होता

पुतिन की पॉटी-पेशाब भी उठा ले जाते हैं स्पेशल गार्ड्स; हर खाना जहर को लेकर टेस्ट होता, कार चलती-फिरती अभेद्य किला, और जानिए

Russian President Vladimir Putin Full Security Protocol

Russian President Vladimir Putin Full Security Protocol

Putin Security Protocol: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान राजधानी दिल्ली छावनी में तब्दील कर दी गई है। पुतिन के दौरे को लेकर बहुत दिनों पहले से ही दिल्ली में सख्त सुरक्षा के पुख्ता इंतजमात शुरू हो गए थे। वहीं पुतिन के आने से पहले ही रूसी सुरक्षा दस्ते ने दिल्ली आकर बारीकी से सुरक्षा का जायजा लिया था और हर उस जगह की निगरानी की थी जहां-जहां पुतिन का मूवमेंट होना है। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति का सिक्योरिटी प्रोटोकॉल दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति से भी ज्यादा भौखाली और टाइट होता है। यानि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा भी पुतिन की सुरक्षा के सामने हल्की पड़ती है।

इसलिए आइये जानते हैं कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का पूरा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल किस तरह का होता है और उनके सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की पूरी दुनिया में इतनी चर्चा क्यों रहती है। बताया जाता है कि पुतिन जब भी किस दूसरे की यात्रा पर जाते हैं तो उनके जाने से पहले ही रूसी सुरक्षा दस्ते के स्पेशल गार्ड्स उस देश में पहुंच जाते हैं और सुरक्षा को लेकर हर चीज की गहन जांच करते हैं। वहीं पुतिन अपनी विदेश यात्रा में अपनी खास ऑरस सीनेट कार का साथ नहीं छोड़ते। यह पुतिन की सुपरकार मानी जाती है। पुतिन के किसी दूसरे देश पहुंचने से पहले इस कार को एयरलिफ्ट कर वहां पहुंचाया जाता है और पुतिन इसी कार में ही चलते हैं।

बताते हैं कि यह कार मेड इन रूस है और खुद में चलती-फिरती अभेद्य किला है। यह कार अनगिनत गोलियां, ग्रेनेड अटैक और केमिकल अटैक भी झेल सकती है। यहां तक की ड्रोन अटैक से भी इस कार का ज्यादा कुछ नहीं बिगड़ता। इस कार में इमेर्जेंसी आक्सीजन सप्लाई सिस्टम भी लगा हुआ है। इसके अलावा यह दावा किया जाता है कि पुतिन की यह सुपरकार 249KM प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। वहीं चारो टायर पंचर होने के बाद भी यह कार सौ किलोमीटर से ज्यादा चल सकती है। पुतिन की इस कार में कमांड सिस्टम भी है। हालांकि इसके ज़्यादातर सेफ़्टी फीचर्स आजतक सामने नहीं आ पाये हैं।

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पुतिन का हर खाना जहर को लेकर टेस्ट होता

वहीं पुतिन जिस भी देश की यात्रा पर जाते हैं तो उनके साथ रूस से ही उनके सेफ और हाउस कीपिंग के लोग भी जाते हैं। खाना बनाने का सारा सामान भी रूस से साथ ही लाया जाता है। पुतिन को रूस का खाना खाना ही पसंद है। इसी के साथ पुतिन जो भी खाना खाते हैं पहले उसे लैब में टेस्ट किया जाता है। यह लैब एक तरह की मोबाइल लैब होती है यानि चलती-फिरती लैब। जो कि रूस से ही लाई गई होती है। पुतिन भारत में भी जो भी खाएंगे और पिएंगे, पहले उसकी जांच रूस से लाई गई लैब में होगी। यहां तक की पुतिन के पानी की जांच भी की जाती है। इसके बाद पुतिन उस पानी को पीते हैं।

पुतिन की पॉटी-पेशाब भी उठा ले जाते हैं स्पेशल गार्ड्स

बताया जाता है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब भी किसी दूसरे देश की यात्रा करते हैं तो उनके साथ मोबाइल टॉयलेट भी रूस से लाया जाता है। यानि चलता-फिरता टॉयलेट। जिसका उपयोग पुतिन बाहर देश में करते हैं। वह उस देश का टॉयलेट इस्तेमाल नहीं करते हैं। पुतिन का मल-मूत्र सुरक्षित रखा जाता है और पुतिन के स्पेशल गार्ड्स टॉयलेट को अपने साथ फिर से रूस ले आते हैं। यह सब पुतिन की सुरक्षा को लेकर है। क्योंकि यह आशंका जताई जाती है कि कहीं विदेशी एजेंसियां पुतिन के मल-मूत्र के नमूने न हासिल कर लें। क्योंकि मल-मूत्र से किसी इंसान के बारे में काफी जानकारी हासिल की जा सकती है। उसके स्वास्थ्य और बीमारियों के बारे में पता लगाया जा सकता है।

न्यूक्लियर बटन भी साथ रखते पुतिन

दावा किया जाता है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन न्यूक्लियर बटन भी साथ रखते हैं। उनके स्पेशल विमान में इसका कमांड सिस्टम होता है। बता दें कि पुतिन इल्यशिन IL-96-300PU विमान में ही सफर करते हैं। इस विमान में रूस के झंडे वाली पट्टी लगी होती है। इसे उड़ता-फिरता क्रेमलिन भी कहा जाता है। प्लेन में पुतिन का ऑफिस होता है। मीटिंग रूम, कान्फ्रेंस रूम और जिम तक प्लेन में होता है। पुतिन का यह विमान एक बार में 11 हजार किलोमीटर तक का सफर तय कर सकता है। पुतिन के इस विमान के साथ 2 बैकअप प्लेन भी उड़ते हैं। साथ में रूसी एयर फोर्स के फाइटर जेट भी पुतिन के विमान को एस्कॉर्ट करते हैं। वहीं दूसरे देश के इंजीनीयर को विमान छूने की इजाजत नहीं होती है।

4 लेयर की सिक्योरिटी में रहते हैं पुतिन

राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी रूस की सीक्रेट Federal Protective Service के आधुनिक हथियारों से लैस खूंखार कमांडों करते हैं। बताया जाता है कि राष्ट्रपति पुतिन 4 लेयर मल्टी सिक्योरिटी ग्रिड में रहते हैं। यानि उनके पास चार लेयर का मजबूत सुरक्षा दायरा होता है। पहले लेयर में पुतिन के पर्सनल हथियारबंद बॉडीगार्ड तैनात रहते हैं। जिनके पास बुलेटप्रूफ सूटकेस होता है। इसके बाद दूसरे लेयर में सुरक्षा जवानों की संख्या बढ़ जाती है। इसके बाद तीसरे लेयर में आसपास सुरक्षा जवान चल रह होते हैं। इसके बाद चौथे लेयर में अत्यधिक सुरक्षा जवानों के साथ स्नाइपर्स अपनी पोजीशन संभालते होते हैं।

बताया जाता है कि जब पुतिन भारत आए हैं उनके साथ Federal Protective Service के 50 से ज्यादा जवान पहुंचे हुए हैं। जो हर तरीके से हर कदम पर पुतिन की सुरक्षा संभालेंगे। पुतिन के हर स्पेशल गार्ड्स के पास एक गुरजा पिस्तौल होती है, ये पिस्तौल में हर मिनट में 40 गोलियां दाग सकती है। यहां तक की 50 मीटर से बुलेटप्रूफ जैकेट भी भेद सकती है। हल्का सा खतरा दिखने पर पुतिन के बॉडीगार्ड तुरंत गोली चला सकते हैं। पुतिन के बारे में एक और चीज भी चर्चा में रहती है पुतिन हाथ के इशारों और कोड वर्ड में अपनी बात कहने में माहिर हैं।

बॉडी डबल्स का इस्तेमाल करते पुतिन

दावा यह भी किया जाता है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने बॉडी डबल्स का इस्तेमाल भी करते हैं। वह जब भी कहीं जाते हैं तो उनके जैसे दिखने वाले बॉडी डबल्स भी साथ जाते हैं। ऐसा पुतिन की सुरक्षा को लेकर किया जाता है। कहा जाता है कि प्लास्टिक सर्जरी करवाकर पुतिन के कई हमशक्ल तैयार किए गए हैं। हालांकि पुतिन के बॉडी डबल्स को लेकर पूरी कहानी रहस्य ही है। इस पर कुछ भी ज्यादा खुलकर सामने नहीं आ पाता है।

दिल्ली अभेद्य किले में तब्दील

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिल्ली आने पर राजधानी अभेद्य किले में तब्दील हो गई है। यानि पुतिन के आने पर दिल्ली की सुरक्षा बहुत सख्त और सबसे उच्च स्तर पर है। पूरी राजधानी मल्टी लेयर सुरक्षा घेरे में घिरी हुई है। दिल्ली पुलिस के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बल, NSG, QRT, SWAT कमांडोज़, एंटी-टेरर स्क्वायड की तैनाती की गई है। स्नाइपर्स अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा पुतिन की खुद की हाई एडवांस सुरक्षा टीम हर कदम उनके साथ होगी।

भारत में पुतिन का पूरा शेड्यूल

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज गुरुवार शाम भारत पहुंचने के बाद लगभग 28 से 30 घंटे दिल्ली में रहेंगे। भारत में पुतिन के पूरे शेड्यूल पर अगर बात की जाए तो पुतिन के भारत पहुंचने पर सबसे पहले दिल्ली पालम एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा और इसके बाद वह सीधे प्रधानमंत्री आवास यानी 7, लोक कल्याण मार्ग जाएंगे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका स्वागत करेंगे। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास पर पुतिन के लिए खास प्राइवेट डिनर रखा है।

ये कुछ वैसा ही है जैसे जिस तरह जुलाई, 2024 में जब प्रधानमंत्री मोदी रूस गए थे और इस बीच राष्ट्रपति पुतिन ने अपने आवास पर उन्हें बुलाकर उनके लिए प्राइवेट डिनर रखा था। बता दें कि आज के दिन पुतिन कोई और बैठकें नहीं करेंगे। पुतिन का 5 दिसंबर को सुबह 11 बजे भारत के राष्ट्रीय ध्वज के नीचे औपचारिक स्वागत होगा। जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी राष्ट्रीय भवन में पुतिन से मिलेंगी, इसके बाद पुतिन राजघाट जाएंगे। वहां वह महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। यह परंपरा हर विदेशी मेहमान निभाता है।

इसके बाद शुक्रवार को ही पुतिन हैदराबाद हाउस में 23वें भारत-रूस सालाना समिट में हिस्सा लेंगे। जहां साथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी मौजूदगी होगी। इस समिट के अंतर्गत पीएम मोदी और पुतिन द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। बातचीत का एक दौर पीएम मोदी और पुतिन के बीच अकेले होगा और फिर डेलिगेशन के साथ। इस दौरान दोनों देशों के बीच वैश्विक स्थिरता, बाहरी दबाव, व्यापार, ऊर्जा, रक्षा सौदों पर फोकस किया जाएगा और कई अहम समझौतों पर मुहर लग सकती है। खासकर रक्षा क्षेत्र में भारत और रूस के बीच SU-57 फाइटर जेट, S-500 मिसाइल सिस्टम और ब्रह्मोस को लेकर बातचीत बन सकती है।

वहीं गुरुवार शाम को भारत मंडपम में पुतिन और पीएम मोदी भारत-रूस बिजनेस फोरम में हिस्सा लेंगे। इस फोरम को पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन संबोधित भी करेंगे। इसके बाद राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पुतिन के सम्मान में सरकारी आलीशान भोज रखा गया है। जिसमें पुतिन शामिल होंगे। इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन के शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे भारत छोड़ने की उम्मीद है। इस तरह से पुतिन की यह यात्रा भारत और रूस में एक लंबी रणनीतिक साझेदारी के तौर पर बेहद अहम मानी जा रही है।

भारत का सबसे भरोसेमंद दोस्त है रूस

मालूम रहे कि भारत और रूस के बीच बहुत ही खास रणनीतिक साझेदारी है और लंबे समय के मजबूत आपसी संबंध हैं। रूस, भारत के सबसे भरोसेमंद दोस्त देशों में से एक रहा है। साथ ही पीएम मोदी और पुतिन व्यक्तिगत तौर पर भी अच्छे दोस्त हैं। माना जा रहा है कि पुतिन की इस यात्रा से रूस और भारत के संबंध और मजबूत होंगे। दोनों देशों में आपसी सहयोग और बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। इसलिए राष्ट्रपति पुतिन का ये दौरा कई मायनों में अहम रहने वाला है।

यूक्रेन से युद्ध के बाद यह पहला दौरा

गौर करने वाली बात ये भी है कि, यूक्रेन के साथ महायुद्ध (Russia-Ukraine War) शुरू होने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहली बार भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। इसके साथ ही पुतिन की भारत यात्रा ऐसे समय पर तय की गई है, जब अमेरिका ने हाल ही के दिनों में रूस के चलते ही भारत को निशाने पर लिया है और टैरिफ थोपा है। पुतिन का भारत दौरा उस लिहाज से भी अहम है, जिसमें पश्चिम के विपरीत एशिया के देशों को साथ आने और मजबूत रणनीति पर काम करने को कहा जा रहा है।

आखिरी बार 2021 में भारत आए थे पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब करीब 4 साल बाद फिर से भारत आ रहे हैं। वह आखिरी बार साल 2021 में भारत के दौरे पर आए थे। यह मौका था भारत-रूस के बीच आख़िरी वार्षिक समिट का। यह समित नई दिल्ली में छह दिसंबर 2021 को हुआ था, तब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भारत आकर इसमें शामिल हुए थे। इसके बाद पुतिन 2023 को भारत में हुए जी-20 सम्मेलन में आना था लेकिन इसके के लिए वह नहीं आए थे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 2024 में 2 बार रूस का दौरा किया था।

पीएम मोदी 22 अक्तूबर 2024 को दो दिनों के लिए रूस दौरे पर गए थे और रूस की अध्यक्षता में कज़ान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शिरकत की थी। इस दौरान पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाक़ात हुई थी। वहीं इस साल पहली दफा पीएम मोदी 8 जुलाई को 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिवसीय मॉस्को दौरे पर पहुंचे थे। वह फ़रवरी, 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद पहली बार मॉस्को के दौरे पर थे। यानि उन्होंने यूक्रेन जंग के बाद पहली बार रूस का दौरा किया था।

पीएम मोदी के मॉस्को पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया था। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को में राष्ट्रपति भवन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। जहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों ने एक-दूसरे को गले भी लगाया। वहीं, क्रेमलिन में पीएम मोदी के लिए प्राइवेट डिनर का आयोजन भी किया था। इसी के साथ पुतिन ने PM मोदी को अपने गोल्फ कार्ट में बिठाया। इस दौरान पुतिन खुद ड्राइव करते दिखे। इसके बाद वे उन्हें अपने अस्तबल भी ले गए। इसी के साथ पीएम मोदी को रूस का सबसे बड़ा सम्मान भी दिया गया था।