अब नौकरी माँगने नहीं, देने पर फोकस: CM मान की 'बिज़नेस क्लास' ने पंजाब को बनाया 'स्टार्टअप स्टेट
- By Gaurav --
- Monday, 03 Nov, 2025
Now the focus is on giving jobs
Now the focus is on giving jobs: भगवंत मान की दूरदर्शी सोच और अरविंद केजरीवाल के शिक्षा मॉडल की प्रेरणा से पंजाब ने देशभर में एक ऐसी ऐतिहासिक पहल की है, जिसने पारंपरिक शिक्षा प्रणाली की परिभाषा ही बदल दी है। अब पंजाब की कक्षाओं में बच्चे केवल डिग्री नहीं, बल्कि अपने खुद के कारोबार की नींव रख रहे हैं। यह सिर्फ शिक्षा नहीं, बल्कि एक आर्थिक क्रांति है जिसका नाम है ‘बिज़नेस क्लास’ (Entrepreneurship Mindset Course – EMC)।
यह कार्यक्रम, जो अब उच्च शिक्षा में अनिवार्य विषय बन चुका है, युवाओं को नौकरी मांगने वालों से नौकरी देने वालों में बदलने की दिशा में पंजाब सरकार का ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री मान ने साफ कहा, “अब पंजाब का हर युवा उद्यमी बनेगा, और हर कॉलेज नए कारोबार की जन्मस्थली बनेगा।”
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप पंजाब सरकार ने ‘एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट कोर्स’ (EMC) को उच्च शिक्षा में अनिवार्य कर दिया है। यह कोर्स 2025–26 के शैक्षणिक सत्र से BBA, BCom, BTech और BVoc जैसे प्रमुख पाठ्यक्रमों में शुरू हो चुका है। इसकी शुरुआत में ही 20 विश्वविद्यालयों, 320 ITI और 91 पॉलिटेक्निक संस्थानों के करीब 1.5 लाख विद्यार्थी ‘बिजनेस क्लास’ का हिस्सा बन चुके हैं।
यह कार्यक्रम उस “पंजाब बिज़नेस ब्लास्टर्स” मॉडल पर आधारित है, जिसने स्कूल स्तर पर हज़ारों बच्चों को उद्यमी बनने का आत्मविश्वास दिया। अब वही सोच कॉलेज स्तर पर लागू की जा रही है। पंजाब ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा का असली उद्देश्य सिर्फ डिग्री देना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाना है।इस कार्यक्रम की सबसे खास बात है इसका AI-सक्षम डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘पंजाब स्टार्टअप ऐप’, जो विद्यार्थियों को विचार से लेकर व्यवसाय तक की पूरी यात्रा में मार्गदर्शन देता है। पंजाबी, हिंदी और अंग्रेज़ी — तीनों भाषाओं में उपलब्ध यह ऐप छात्रों को बिज़नेस प्लानिंग, मार्केटिंग, वित्तीय प्रबंधन और निवेशकों से जोड़ने का मौका देता है।
छात्रों को प्रत्येक सेमेस्टर में एक नया बिज़नेस आइडिया विकसित करना होता है, उसका प्रोटोटाइप तैयार करना होता है और फिर वास्तविक बाज़ार में उतारकर कमाई करनी होती है। इस पूरे अनुभव के आधार पर उन्हें 2 क्रेडिट पॉइंट्स दिए जाते हैं। कोई परीक्षा नहीं, कोई रट्टा नहीं — अब हर छात्र का मूल्यांकन उसकी कमाई और नवाचार से होगा।यह सिर्फ शिक्षा नहीं, बल्कि एक ‘Earn While Learn’ क्रांति है, जिसने कॉलेजों को मिनी-इंडस्ट्री में बदल दिया है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा, “पंजाब के बच्चों में हुनर की कोई कमी नहीं, जरूरत थी उन्हें मौके देने की। हमने उन्हें सिर्फ किताबें नहीं, बल्कि सपनों को हकीकत में बदलने का टूल दिया है। आज हमारी कक्षाओं में भविष्य के उद्योगपति तैयार हो रहे है,यह योजना युवाओं को रोज़गार देने की लाइन में नहीं, बल्कि रोज़गार देने की मेज़ पर बैठा रही है।"
सरकार का लक्ष्य है कि यह प्रोग्राम 2028-29 तक 5 लाख छात्रों तक पहुंचे। इससे हज़ारों नए स्टार्टअप जन्म लेंगे, जिससे राज्य की GDP में बड़ा उछाल आएगा। भारत में हर साल लगभग 1.5 करोड़ छात्र स्नातक होते हैं जबकि सिर्फ 15 लाख नौकरियां उपलब्ध होती हैं। पंजाब सरकार की यह पहल उस अंतर को मिटाने और स्वरोजगार आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। लॉन्च के महज़ 15 दिनों में 75,000 छात्र ‘पंजाब स्टार्टअप ऐप’ पर रजिस्टर हो चुके हैं, और अब तक ₹25 लाख का बिज़नेस टर्नओवर हो चुका है।
पंजाब के बच्चे अब उड़ान भर रहे हैं – सोलर टॉर्च से USB चार्जर तक, हर आइडिया एक नई कहानी रच रहा है!यह प्रोग्राम अब सब्जेक्ट नहीं,‘रट्टा मारो-पेपर दो’ का जमाना गया – अब पंजाब के युवा जॉब सीकर नहीं, जॉब गिवर हैं! यह गेम चेंजर उन लाखों बेरोजगारों के लिए है, जो अब पढ़ाई के साथ हर सेमेस्टर 10,000 रुपये तक कमा रहे हैं यह कार्यक्रम केवल एक शैक्षिक योजना नहीं, बल्कि पंजाब सरकार का एक ऐसा मिशन है जो युवाओं के भविष्य को रोज़गार, आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान से जोड़ता है। अब युवा विदेशों की ओर नहीं, अपने पंजाब में रहकर ‘मेक इन पंजाब’ का सपना साकार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की यह पहल पंजाब को ‘स्टार्टअप स्टेट’ बना रही है — एक ऐसा राज्य जहां सरकार बच्चों को नौकरी के साथ अवसर दे रही है।‘बिज़नेस क्लास’ पंजाब के उस नए युग की घोषणा है जहां हर कक्षा एक स्टार्टअप सेंटर है, हर छात्र एक संभावित उद्यमी है।