Lotus blooming again in the survey

सर्वे में फिर खिल रहा कमल

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Lotus blooming again in the survey

Lotus blooming again in the survey : देश के दो अहम राज्यों गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों पर सभी की नजरें टिक गई हैं। इन चुनावों के जरिए देश का मूड समझने का अवसर मिलेगा वहीं किस राजनीतिक दल की कितनी लोकप्रियता है, यह भी इन चुनावों से साफ होगा। हालांकि अभी से सर्वे की रिपोर्ट आने लगी है। सर्वे पर पहले विश्वास नहीं किया जाता था, लेकिन फिर सर्वे के आंकड़े साबित होने लगे हैं। हालांकि चुनाव होने और परिणाम आने तक कुछ भी कहना संभव नहीं है, लेकिन फिर भी आजकल आने वाले सर्वे पर विचार किया जा सकता है।

2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों की दृष्टि से देखें तो दोनों ही राज्यों के चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं। खासतौर से भाजपा के लिए यह चुनाव इसलिए भी बेहद खास है, क्योंकि दोनों ही जगह भाजपा की सरकार है। ऐसे में भाजपा सरकार में वापसी की कोशिश करेगी। एक न्यूज चैनल के सर्वे में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कुल 65,621 लोगों से बात की गई है। सर्वे के अनुसार गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सीटों में बड़ी बढ़त देखने को मिल रही है। फिलहाल, गुजरात की कुल 188 सीटों में से भाजपा के पास 99 हैं। वहीं, इस सर्वे के हिसाब से भाजपा 135 से 143 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आएगी। यानी गुजरात में भाजपा को 40 सीटों का लाभ होता दिख रहा है। जबकि कांग्रेस 36-44 सीट और आम आदमी पार्टी 0-3 सीट मिलने का अनुमान है।

गुजरात में प्रत्येक पार्टी के वोट शेयर की बात करें तो भाजपा को 63 फीसदी, कांग्रेस को 9 फीसदी, आप को 19 फीसदी और अन्य को 2 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। वहीं, हिमाचल प्रदेश की बात करें तो सर्वे के अनुसार कुल 68 सीटों में से सत्तारूढ़ भाजपा 37 से 45 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आ सकती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 44 सीटें मिलीं थीं। यहां कांग्रेस को 21 से 29 सीटें मिल सकती हैं। हिमाचल प्रदेश में भी आप का खाता खुलने का अनुमान लगाया जा रहा है। गौरतलब है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों के चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक रैली करते नजर आ रहे हैं। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के कई नेता भी लगातार रैली कर रहे हैं।

गुजरात के हालात समझें तो यहां विधानसभा चुनाव को 2024 के आम चुनाव से जोडकऱ देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य होने के साथ-साथ यहां की सत्ता पर भाजपा की जड़ें काफी मजबूत हैं। गुजरात चुनाव के ऐलान से पहले आए सर्वे में आम आदमी पार्टी न तीन में न तेरह में है, लेकिन इतना जरूर है कि वो सत्ताधारी पार्टी भाजपा की तुलना में कांग्रेस को जबरदस्त नुकसान पहुंचा रही है। आम आदमी पार्टी को 0-2 सीटें मिलने का अनुमान है। सर्वे में सवाल किया गया था कि विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों का वोट शेयर क्या होने वाला है? जवाब से तो यही पता चला है कि आंकड़ा भाजपा के पक्ष में जाता हुआ दिखाई दे रहा है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की वजह से भाजपा को भी नुकसान हो रहा है लेकिन बहुत ज्यादा का नहीं। राज्य में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 49 फीसदी वोट मिले थे। जबकि इस बार 47 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है, यानी भाजपा को दो फीसदी का नुकसान हो सकता है। अब राज्य की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस की बात करें तो आम आदमी पार्टी की वजह से उसको बड़ी चोट मिलने का अनुमान दिख रहा है। आगामी चुनाव में कांग्रेस के खाते में 32 फीसदी वोट जाने का अनुमान है, जबकि पिछले चुनाव में इस पार्टी को 41.4 फीसदी वोट मिले थे। स्थिति साफ है कि आम आदमी पार्टी भाजपा की तुलना में कांग्रेस को ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है। कांग्रेस 9 फीसदी से अधिक वोटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

गुजरात चुनाव अगर त्रिकोणीय होते हैं तो उसी स्थिति में भाजपा को फायदा होगा। अगर मुकाबला आमने-सामने का हुआ। चाहे भाजपा बनाम कांग्रेस या फिर भाजपा बनाम आप तो भाजपा की स्थिति ठीक नहीं होगी। पंजाब की जीत से उत्साहित अरविंद केजरीवाल इसीलिए हिमाचल से अधिक गुजरात में सक्रिय हैं। 27 सालों से बदलाव के लिए वोट देने वालों को अपने पक्ष में मोडऩा चाहते हैं। केजरीवाल के आक्रामक कैंपेन को लेकर भाजपा पूरी तरह से सतर्क है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे में दर्जनभर कार्यक्रम किए। उन्होंने कांग्रेस पर प्रहार किया लेकिन आप को तवज्जो नहीं दी।

गौरतलब है कि सर्वे में गुजरात की जनता ने पीएम मोदी के कामकाज पर भी राय जताई है। सर्वे में लोगों से पूछा गया कि उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में पीएम मोदी का कामकाज कैसा लगा। इस सवाल के जवाब में 60 प्रतिशत लोगों ने पीएम मोदी के कामकाज को अच्छा बताया। वहीं, 22 प्रतिशत लोगों ने पीएम मोदी के कामकाज को खराब बताया। इसके अलावा 18 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज को औसत माना।

जाहिर है, यह शुरुआती रुझान हो सकते हैं, अभी चुनावों की घोषणा होना बाकी है। मतदान की तारीख आते-आते मतदाता का मन न जाने कितनी बार बदलता है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश की जनता ने भाजपा सरकारों का काम देखा है, अब उन्हें फिर अगले पांच वर्ष के लिए किसी राजनीतिक दल को जनमत देना है। यह बेहद दिलचस्प रहने वाला है कि आखिर दोनों प्रदेशों की जनता क्या सोचती है और किस दल को अपना वोट देती है।