केदारनाथ धाम की यात्रा रोकी गई; पैदल मार्ग पर भारी बारिश से मलबे के साथ पत्थर गिर रहे, हेलीकॉप्टर सेवा पर भी रोक, 7 लोगों की मौत

Kedarnath Yatra Stopped Due To Heavy Rain Landslide Pilgrims Advisory
Kedarnath Yatra Stopped: उत्तराखंड में केदारनाथ धाम की यात्रा 2 मई से शुरू हो चुकी है। ऐसे में देशभर से लोग बाबा केदार के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। लेकिन अब खराब मौसम ने केदारनाथ धाम की यात्रा में अड़चन डाल दी है। स्थिति यह है कि केदारनाथ धाम की यात्रा फिलहाल के लिए रोक दी गई है। दरअसल, केदारनाथ धाम और आसपास क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश के चलते केदारनाथ धाम जाने वाले पैदल मार्ग पर मलबे के साथ पत्थर गिर रहे हैं। ऐसे में यात्रा मार्ग पर जोखिम को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
केदारनाथ धाम जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त
रुद्रप्रयाग पुलिस ने केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा बाधित होने की जानकारी दी है। रुद्रप्रयाग पुलिस ने बताया कि, "जंगलचट्टी के पास गधेरे में मलबा और पत्थर गिरने से केदारनाथ धाम जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम जाने वाले पैदल मार्ग पर यात्रा अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई है। वहीं पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने से पहले जो श्रद्धालु मार्ग पर पहले निकल चुके हैं और आगे बढ़ गए हैं, साथ जो यात्री मार्ग पर आवाजाही में हैं, उनकी प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
रुद्रप्रयाग पुलिस की श्रद्धालुओं से अपील
रुद्रप्रयाग पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील भी की है। केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वह जहां पर हैं, वहीं पर सुरक्षित रहें और आसपास के नजदीक स्थलों पर होटल इत्यादि में स्टे करें। रुद्रप्रयाग पुलिस ने कहा कि, आगामी दिनों में भी मौसम विभाग के अनुसार मौसम खराब रहने वाला और बारिश होगी। इसलिए सभी श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है कि वो अपनी चारधाम यात्रा को मौसम के अनुरूप ही आगे बढ़ाएं और अपनी सुरक्षा का खास ध्यान रखने और सावधानी बरतने को कहा गया है।
केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश में 7 लोगों की मौत
आज रविवार सुबह ही केदारनाथ धाम के एक हेलीकॉप्टर के साथ बड़ा हादसा हुआ है। हेलीकॉप्टर ने सुबह करीब 5:20 बजे श्री केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी। इस बीच हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में हेलीकॉप्टर के पायलट समेत 7 लोगों की मौत हो गई। यह आर्यन कंपनी का हेलीकॉप्टर था। हैरानी की बात है कि, केदारनाथ धाम के एक के बाद एक हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो रहे हैं। कभी इनकी इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ती है।
केदारनाथ धाम हेलीकॉप्टर सेवा पर रोक
फिलहाल इस हादसे के बाद अब सरकार ने केदारनाथ धाम हेलीकॉप्टर सेवा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अगले आदेश तक यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवा नहीं चलेगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर कहा, "बहुत दुखद घटना है, आज सुबह खराब मौसम के कारण एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मैं मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं''
धामी ने कहा, ''मैंने एक आपात बैठक बुलाई जिसमें मैंने सख्त निर्देश दिए हैं कि एक सख्त SOP बनाई जाए जिसमें किसी भी हालत में DGCA के मानकों के साथ कोई ढिलाई न हो। एक कंट्रोल, कमांड सेंटर स्थापित किया जाए। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। DGCA, UCADA हेली सेवा की समीक्षा करें, उसके बाद ही हेली सेवा चलेगी, आज और कल हेली सेवा नहीं चलेगी।"
दिवाली तक केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे लोग
दिवाली तक केदारनाथ के दर्शन के लिए कपाट खुले रहेंगे। ऐसे में शिव भक्त अगले 6 महीने तक दर्शन कर सकते हैं। वहीं जून से अगस्त के बीच मौसम ठीक रहा तो इस बार 25 लाख से ज्यादा लोगों के केदारनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है। आपको बता दें कि, केदारनाथ धाम के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी खुल चुके हैं। 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई की सुबह 6.00 बजे खोले गए हैं।
केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण जरूरी
अगर आप केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा पर जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए अपना पंजीकरण कराना जरूरी है. आप संबन्धित आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने आप को पंजीकृत कर सकते हैं। बता दें कि, चार धाम की यात्रा के दौरान आपको हेलीकॉप्टर की सुविधा भी मिलती है। इसके लिए पहले से ही बुकिंग करानी पड़ती है। लेकिन आपको यह सलाह है कि चार धाम यात्रा का पंजीकरण कराते समय सतर्क रहें। आप ऑनलाइन ठगी का शिकार भी हो सकते हैं।
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम
भगवान शिव के केदारनाथ धाम की महिमा अद्भुत और अलौकिक है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम है। यहां भगवान भोलेनाथ 5वें ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं। ऐसी मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव ने पांडवों को बैल के रूप में दर्शन दिए थे। केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडव राजा जनमेजय ने करवाया था। वहीं 8वीं और 9वीं सदी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने इस भव्य मंदिर का जिर्णोद्धार निर्माण कराया था।
केदारनाथ जल प्रलय याद है
आपको याद है कि किस तरह से साल 2013 में 16-17 जून की रात को बादल फटने की वजह से केदारनाथ में जल प्रलय हुई थी। इस जल प्रलय में नदियों में विहंगम उफान के साथ तमाम पहाड़ भी टूटे थे। जिन्होंने पानी के साथ बहकर भारी तबाही मचाई थी। केदारनाथ जल प्रलय में पानी और बड़े-बड़े पत्थरों की चपेट में आकर सैकड़ों लोग मारे गए थे। यह जल प्रलय ऐसी थी कि मकान और वाहन कागज़ की तरह पानी में बहते नजर आ रहे थे।
हालांकि, भयानक जल प्रलय से भी केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंच सका था। मगर इस जल प्रलय के बाद केदारनाथ धाम को दोबारा बनाना पड़ा। वहां फिर से व्यवस्थाएं स्थापित करनी पड़ीं। आज भी जब केदारनाथ धाम की वो रात याद आती है तो लोग कांप जाते हैं। इस आपदा के बाद धाम में लोगों की संख्या में कमी भी देखी गई थी। लेकिन अब फिर से लोग बड़ी संख्या में बाबा केदार के दर पर पहुंच रहे हैं।