कार्तिक मासोत्सवम शुरू श्रीशैलम देवस्थानम में,

कार्तिक मासोत्सवम शुरू श्रीशैलम देवस्थानम में,

Kartik Masotsavam Begins

Kartik Masotsavam Begins

( बोम्मा रेडड्डी एस एन )


   श्री शैलम् :: ( आंधाप्रदेश ) हिंदुस्तान के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक श्री मल्लिकार्जुन स्वामी ब्रह्मारांबिका देवी के कार्तिक मास प्रारंभ होने के साथ-साथ उक्त 15 दिन विभिन्न अलंकरण के साथ यहां की व्यवस्थापन दिनचर्या निम्नानुसार जारी किया जो इन दिनों में यहां विशेष पूजा अर्चना अभिषेक हवन आदि होते हैं और हिना इस विश्व की शिव पुराण में बताया कि भगवान शिव मात्र आरती लेने के लिए इस दुनिया में सिर्फ श्रीशैलम की आरती ही स्वीकार करते हैं जिसके वजह से एक विशेष पूजन और अभिषेक और आरती का नियमित होने के अलावा इन पर्व दिनों में एक अलग ही व्यवस्था है जो निम्नानुसार यहां की प्रबंधन ने व्यवस्था किया है
इन दिन के प्रबंधन व्यवस्था में विभिन्न विस्तृत व्यवस्था की गई है। भक्तों के लिए आवास, ताजे पानी की आपूर्ति, आरामदायक दर्शन, मल्लिकार्जुन स्वामी व ब्रह्मरांबिका देवी के अर्जितसेवा, निम्नानुसार है

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 सोमवार, 100000 दियों से द्वीप महोत्सव, पुष्करिणी आरती, कार्तिक पूर्णिमा पर ज्वाला उत्सवम , नंदी आरती आदि के लिए विभिन्न व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

कर्मचारियों के लिए विशेष जिम्मेदारियां सौंपी गई जैसे:

भक्तों को सेवाएं प्रदान करने के लिए कार्तिक के महीने में व्यस्त दिनों में कार्यालय विभिन्न कर्मचारियों को विशेष कार्य सौंपे गए हैं।

दर्शन व्यवस्था:

सुबह तीन बजे मंदिर के कपाट खोल दिए जाते हैं, सुबह की पूजा के बाद सुबह की पूजा-अर्चना की जाती है। शाम 4.30 बजे से। शाम चार बजे तक दर्शन होते हैं। इसी तरह, शाम को वापस। शाम 5.30 बजे से। दर्शन 11.00 बजे तक चलेगा।

सोमवार, सार्वजनिक अवकाश आदि व्यस्त दिनों के दौरान (कार्तिका मास)

(कुल 15 दिनों के लिए) मल्लिकार्जुन स्वामी के मूर्ति  को स्पर्श करना पूरी तरह से वर्जित है ।

इन दिनों भक्तों को केवल स्वामी के सजावटी दर्शन दिए जाते हैं। इन व्यस्त दिनों के दौरान सेवाकार्ता के लिए भी सामूहिक अभिषेक आदि निर्धारित है उसी अनुसार किया जाता है

इसी तरह, विशेष पर्व दिनों में गर्भगृह अभिषेक पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है। सुबह की सेवा और प्रदोषकाल सेवा को सभी सेवाओं को करने का अवसर उस समय की स्थिति के अनुसार अनुमति दिया जाता है। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि ये सेवाएं सीमित हैं यानी प्रतिदिन प्रत्येक सेवा के लिए केवल 6 टिकट दिए जाते हैं गर्भ ग्रह में ज्यादा लोग प्रवेश करना के लायक जगह कम होने के वजह से अनादि काल से बनी निर्माण के अनुसार उसी व्यवस्था अनुरूप किया जा रहा है।

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अन्य सेवा कार्यक्रम:जैसे

सामूहिक अभिषेक वर्तमान में तीन चरणों में किया जाता है। पहली किस्त सुबह है। दूसरा सत्र शाम 6.30 बजे। तीसरा सत्र दोपहर 12.30 बजे शाम 6 बजे। 30 आयोजित किया जाएगा।

व्यस्त दिनों में सामूहिक अभिषेक करने वाले भक्तों को भी पहले की तरह स्पर्श दर्शन का अवसर नहीं मिलता है।