भारत से तनाव के बीच बांग्लादेश ने अपने उच्चायुक्त को तत्काल ढाका बुलाया, क्या चाहते हैं मोहम्मद यूनुस?
High Commissioner M Riaz Hamidullah
ढाका(बांग्लादेश): High Commissioner M Riaz Hamidullah: भारत और बांग्लादेश के बीच इस समय रिश्ते सामान्य नहीं हैं. दोनों देशों के बीच गहमा-गहमी जारी है. इसी बीच जानकारी मिली है कि यहां की अंतरिम सरकार ने भारत में अपने हाई कमिश्नर एम रियाज हमीदुल्लाह को आपसी रिश्तों में तनाव के बीच बातचीत के लिए ढाका वापस बुला लिया है. बांग्लादेश के अखबार प्रोथोम आलो ने डिप्लोमैटिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है.
अखबार ने मामले से जुड़े अधिकारियों के हवाले से बताया कि बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से अर्जेंट समन मिलने के बाद हमीदुल्ला सोमवार देर रात ढाका लौट आए. उन्हें वापस बुलाने का मकसद भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर असर डालने वाले हाल के घटनाक्रमों की समीक्षा करना था. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इस खबर को कन्फर्म किया कि पिछले दो हफ्तों में बढ़े तनाव के बाद, बदलते द्विपक्षीय हालात पर बात करने के लिए हाई कमिश्नर को दिल्ली से लौटने को कहा गया था. यहां अल्पसंख्यक खासकर हिंदुओं पर अत्याचार की खबरों के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी देखी जा रही है.
बता दें, दिसंबर में बांग्लादेश में दो हिंदू युवकों की पीट-पीट करके हत्या कर दी गई, जहां 2024 में जुलाई विद्रोह के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी देखी गई थी. वहीं, पिछले सप्ताह कालीमोहर यूनियन के हुसैनडांगा इलाके में 29 साल के अमृत मंडल को भीड़ ने कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला. इससे पहले 18 दिसंबर को 25 साल के दीपू चंद्र दास को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला और बाद में फांसी पर लटकाकर आग लगा दी, क्योंकि मैमनसिंह में उनकी फैक्ट्री में उनके साथ काम करने वाले एक व्यक्ति ने उन पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया था.
भारत ने शुक्रवार को बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों समेत धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बार-बार हो रही हिंसा की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि वह पड़ोसी देश की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार अल्पसंख्यक समुदायों के साथ लगातार हो रहे दुश्मनी से परेशान है. जायसवाल ने आगे कहा कि भारत घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है और हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों समेत अल्पसंख्यकों के साथ लगातार दुश्मनी पर गहरी चिंता जताई है. हम हाल ही में मैमनसिंह में एक हिंदू युवक की हत्या की निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि इस अपराध के दोषियों को सजा मिलेगी.
इस मामले पर विदेश मंत्रालय ने बताया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के समय में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की 2,900 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई हैं. इन घटनाओं में हत्या, आगजनी और ज़मीन हड़पना शामिल हैं. प्रवक्ता ने कहा कि इन घटनाओं को सिर्फ मीडिया की बढ़ा-चढ़ाकर कही गई बातें कहकर या राजनीतिक हिंसा कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ 'लगातार दुश्मनी' को भी खारिज कर दिया और इस दावे को भी खारिज कर दिया कि भारत के खिलाफ कोई कहानी फैलाई जा रही है. इससे पहले, 17 दिसंबर को, MEA ने बांग्लादेश में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर नई दिल्ली की चिंताओं से अवगत कराने के लिए हमीदुल्लाह को तलब किया था.
वहीं, भारत ने बांग्लादेश में हाल की घटनाओं के बारे में कट्टरपंथी तत्वों द्वारा फैलाई जा रही झूठी कहानी को भी खारिज कर दिया है. विदेश विभाग ने चिंता जताई कि अंतरिम सरकार ने न तो पूरी जांच की और न ही भारत के साथ काम के सबूत शेयर किए. दिल्ली ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से यह भी कहा है कि वह अपनी डिप्लोमैटिक ज़िम्मेदारियों के हिसाब से देश में भारतीय मिशन और पोस्ट की सुरक्षा पक्का करे.