राजस्थान के करणी माता मंदिर: जहां हजारों चूहे माने जाते हैं देवी का आशीर्वाद, देखें क्या है खास
- By Habib --
- Friday, 06 Jun, 2025

Karni Mata Templo de Rajastán:
राजस्थान के बीकानेर जिले में मौजूद करनी माता मंदिर में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यह एक ऐसा मंदिर है, जो देशभऱ के भक्तों को हैरान कर देता है। राजस्थान के बीकानेर जिले में देशनोक गांव में स्थित करनी माता मंदिर अपनी अनोखी चीजों के लिए फेमस है। इस मंदिर में और कुछ नहीं बल्कि हजारों की संख्या में चूहे मौजूद हैं। जोकि मंदिर में रहते हैं। ऐसे में इस मंदिर में आने वाले हर भक्त इन चूहों को देखकर हैरान रह जाता है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि मंदिर में मौजूद इन चूहों से किसी को कोई दिक्कत या बीमारी नहीं होती है। वहीं मंदिर में चूहों का खाया प्रसाद भी खिलाया जाता है। साथ ही चूहों का स्पर्श किया पानी बीमार व्यक्तियों को पिलाया जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको करनी माता के मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।
करणी माता की मंदिर
धार्मिक मान्यता के अनुसार, करनी माता को देवी दुर्गा का अवतार मानते हैं। वह एक लोकप्रिय महिला संत थीं, जिन्होंने 14वीं शताब्दी में इस स्थान पर अपना जीवन बिताया था। वह अपनी चमत्कारी चीजों और शक्तियों के लिए फेमस थीं। कहा जाता है कि उन्होंने कई तक तपस्या और सेवा का जीवन भी जिया। यहां के स्थानीय लोगों के मुताबिक करनी मां के वंशज मृत्यु के बाद चूहों का रूप ले लेते हैं और मां के साथ मंदिर में निवास करते हैं। वहीं उनके निधन के बाद श्रद्धालुओं ने उनकी मूर्ति स्थापित की और वहां पर मंदिर बनवा दिया। आज भी देशभर के लोग मंदिर में माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
मंदिर में रहते हैं हजारों चूहें
करनी माता मंदिर दुनिया में अपने आप अनोखा मंदिर है। इस मंदिर में हजारों की संख्या में चूहे रहते हैं और लोगों को इनका प्रसाद भी खिलाया जाता है। वहीं इनकी पूजा भी की जाती है। माना जाता है कि यह चूहे करनी माता के सौतेले बेटे और उनके वंशज का पुनर्जन्म है। जिनको मंदिर में 'काबा' कहते हैं। इनको यहां पर कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। मंदिर में सफेद चूहा दिख जाने पर उसको शुभ माना जाता है। माना जाता है कि सफेद चूहा दिखना माता रानी का खास आशीर्वाद होता है।
चूहों का झूठा प्रसाद
मंदिर के पुजारियों के अनुसार, मंदिर के चूहे यहां पर किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यहां तक कि यदि मंदिर में कोई बीमार आता है, तो उस व्यक्ति को चूहों का छुआ पानी पिलाया जाता है। माना जाता है, मंदिर में कोई सामान्य चूहे नहीं हैं, बल्कि देवी मां का आशीर्वाद हैं। मंदिर में चूहों की संख्या हजारों में है, लेकिन इसका कोई आंकड़ा नहीं है। मंदिर में मां देवी को चढ़ाया जाने वाला भोजन चूहों को खिलाते हैं, या फिर उसी झूठे प्रसाद भक्तों को बांटा जाता है। वहीं श्रद्धालु भी इस प्रसाद का सेवन बड़ी भक्ति के साथ करते हैं।
मंदिर का इतिहास
करनी माता मंदिर के इतिहास के बारे में कोई सटीक प्रमाण नहीं है। लेकिन मंदिर को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। जिसमें से एक कहानी यह है कि इस मंदिर को राजा जय सिंह ने बनवाया था। वहीं मंदिर का वर्तमान समय जो रूप है, इसका श्रेय महाराजा गंगा सिंह को जाता है। उन्होंने इस मंदिर का 15 से 20वीं सदी में इस मंदिर का निर्माण राजपूत शैली में करवाया था। करनी मंदिर में संगमरमर की नक्काशी देख सकते हैं। इस मंदिर में चांदी के दरवाजे लगाए गए हैं। बताया जाता है 1595 में चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि और दिन गुरुवार को मां करनी यहां ज्योर्तिलीन हुई थीं। जिसके बाद से यहां पर मां करनी की पूजा की जा रही है।
कब और कैसे पहुंचे मंदिर
आप साल में दो बार चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान करणी माता मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं। इस दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होती है। वहीं भक्तों के रुकने के लिए मंदिर के पास कई धर्मशालाएं हैं। आप मंदिर तक जाने के लिए टैक्सी, बस और जीप ले सकते हैं। बीकानेर-जोधपुर रेल मार्ग पर मौजूद देशनोक रेलवे स्टेशन के पास करनी माता मंदिर के पास पड़ता है।
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