IPO के नियम सख्त, कंपनियों को देनी होगी पहले से ज्यादा जानकारी, सेबी की बैठक में फैसला
BREAKING
भारत के इंटेलिजेंस चीफ का कार्यकाल बढ़ाया गया; केंद्र सरकार ने एक साल का एक्सटेंशन दिया, ये लगातार दूसरी बार, देखें अधिसूचना अब सिविल जज बनने के लिए 3 साल की कानूनी प्रैक्टिस जरूरी; सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, लॉ ग्रेजुएट्स सीधी भर्ती नहीं पा सकेंगे अक्षय कुमार ने परेश रावल पर 25 करोड़ हर्जाने का केस ठोका; Hera Pheri 3 को लेकर बढ़ा विवाद, जानिए क्या है पूरा मामला? भारत की रेंज में है पूरा पाकिस्तान; किसी भी जगह को निशाना बनाया जा सकता, पाक भले ही सेना मुख्यालय कहीं भी ले जाए, सेना का बयान पाकिस्तानी सेना के 64 सैनिक-अधिकारी मारे गए; जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में ढेर, 90 से ज्यादा घायल भी हुए

IPO के नियम सख्त, कंपनियों को देनी होगी पहले से ज्यादा जानकारी, सेबी की बैठक में फैसला

IPO के नियम सख्त

IPO के नियम सख्त, कंपनियों को देनी होगी पहले से ज्यादा जानकारी, सेबी की बैठक में फैसला

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शुक्रवार को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) डिस्क्लोजर से जुड़े नियमों को कड़ा करने के साथ कई बदलावों को मंजूरी दी है। इसके बाद  कंपनियों को अपनी वित्तीय स्थिति की अधिक जानकारी निवेशकों को देनी होगी।

नए नियमों के मुताबिक, शेयर बाजार में आइपीओ लाने वाली कंपनियों को अब 'की परफॉरमेंस इंडीकेटर्स' (KPIs) के बारे में बताना होगा, जिन्हें अभी फिलहाल कंपनियों के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में जारी नहीं किया जाता है। इसके साथ ही अब आइपीओ लाने वाली कंपनी को शेयर के मूल्य निर्धारण के विवरण को भी जारी करना होगा।

IPO को लेकर सख्त सेबी

शुक्रवार को हुई सेबी के बोर्ड की बैठक में आइपीओ से जुड़े नियमों को लेकर कई फैसले किए हैं, जिसमें एक फैसले में कहा गया है कि अब आइपीओ लाने वाली कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्टिंग से 18 महीने पहले की शेयरों की खरीद-बिक्री के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी और बताना होगा कि किन संस्थागत निवेशकों ने किस कीमत पर शेयर को खरीदा और बेचा है।

नए जमाने की कंपनियों ने कराया निवेशकों का बड़ा नुकसान

आइपीओ के जुड़े नियमों में बदलाव सेबी की ओर से ऐसे समय पर किया गया है, जब कुछ समय में नए जमाने की कंपनियां जैसे पेटीएम, जोमाटो और पीबी फिनटेक के शेयर अपने आइपीओ प्राइस से काफी नीचे आ गए हैं। सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि नए जमाने की टेक्नोलॉजी कंपनियों और नुकसान करने कंपनियों को समान वित्तीय पैमाने नहीं तौला जाना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'की परफॉरमेंस इंडीकेटर्स' को कंपनियां निजी इक्विटी निवेशक के साथ साझा करती हैं। नए नियमों के बाद अब कंपनियों को इन्हें खुदरा निवेशकों के साथ भी साझा करना होगा। इससे निवेशकों को कंपनी के बारे में पूरी जानकारी मिल पाएगी।