अगर इन 2 आसनों को करेंगी तो पीरियड्स के अलावा होने वाली और भी दूसरी समस्याएं होंगी दूर

अगर इन 2 आसनों को करेंगी तो पीरियड्स के अलावा होने वाली और भी दूसरी समस्याएं होंगी दूर

अगर इन 2 आसनों को करेंगी तो पीरियड्स के अलावा होने वाली और भी दूसरी समस्याएं होंगी दूर

अगर इन 2 आसनों को करेंगी तो पीरियड्स के अलावा होने वाली और भी दूसरी समस्याएं होंगी दूर

नई दिल्ली। महिलाओं के ऊपर इतनी सारी जिम्मेदारियां होती हैं कि वो इनके बीच खुद की सेहत पर ध्यान ही नहीं दे पाती और जैसे-जैसे उम्र बढ़ते जाती है कई तरह की समस्याओं का शिकार होते जाती हैं। पीसीओस, पीसीओडी की प्रॉब्लम महिलाओं में आज बहुत ही कॉमन हो चुकी है। तो आज हम बस दो ऐसे आसनों के बारे में जानेंगे जिनकी मदद से आप इन लाइफस्टाइल डिजीज़ को काफी हद तक कंट्रोल कर सकती हैं साथ ही कई और दूसरी प्रॉब्लम की संभावनाओं को भी कम कर सकती हैं। 

उपविष्टकोणासन

यह आसन न सिर्फ पीरियड्स के दौरान दर्द और दूसरी तकलीफों से राहत दिलाता है बल्कि ओवरऑल बॉडी को भी फिट रखता है।

उपविष्टकोणासन के फायदे

- इस आसन के अभ्यास से नियमित पीरियड्स की प्रॉब्लम दूर होती है और उस दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन की समस्या से राहत मिलती है।

- पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।

- दिमाग रिलैक्स होता है जिससे तनाव और डिप्रेशन की समस्या दूर होती है।

- लोअर बॉडी की अच्छी तरह से स्ट्रेचिंग हो जाती है जिससे शरीर के कई सारे फंक्शन सही तरीके से काम कर पाते हैं।

कैसे करें उपविष्टकोणासन?

- दंडासन में बैठ जाएं। दोनों पैरों के बीच कम से कम दो फीट का गैप बना लें।

- पैर पूरी तरह से जमीन से लगे होने चाहिए।

 

- हथेलियां शरीर के पीछे जमीन पर रखकर रीढ़ की हड्डी को उठाएं। सीना चौड़ा और गर्दन एकदम सीधी होनी चाहिए।

- इस स्थिति में अपनी क्षमतानुसार कुछ सेकेंड होल्ड करें फिर पैरों को सामने की ओर एक साथ करते हुए रिलैक्स करें।

- इस आसन का अभ्यास 3 से 5 बार करना है।

बद्धकोणासन

बहुत ही सरल और फायदेमंद है यह आसन। जो न सिर्फ पीरियड्स के दौरान आराम दिलाता है बल्कि और भी कई समस्याओं में कारगर है।

बद्धकोणासन के फायदे

- इस आसन के अभ्यास से काफी हद तक आप पीरियड्स पेन से राहत पा सकती हैं।

- पेट के निचले हिस्से से जुड़ी कई सारी मसल्स को इस आसन के अभ्यास से रिलैक्स किया जा सकता है और फ्लेक्सिबल बनाया जा सकता है।

कैसे करें बद्धकोणासन?

- दंडासन में बैठ जाएं। घुटने को मोड़ते हुए पैर के पंजों को आपस में जोड़ें। घुटनों को ऊपर उठाकर नहीं बल्कि जमीन से सटाकर रखने की कोशिश करें।

- स्पाइन को सीधा रखें और लंबी गहरी सांस लेना और छोड़ना है इस स्थिति में रहते हुए।

- कोशिश करें एक से दो मिनट इस आसन में बने रहने का।