हरियाणा की डायरी: कल्याण की बेहतरीन पहल

हरियाणा की डायरी: कल्याण की बेहतरीन पहल

Haryana Diary

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सचित्र,संपादकीय पृष्ठ हेतु
प्रस्तुति: चन्द्र शेखर धरणी
वरिष्ठ,स्वतंत्र पत्रकार

कल्याण की बेहतरीन पहल

Haryana Diary: त्योहारों के इस सीजन में अधिकारियों और राजनेताओं के दरवाजों पर उन्हें उपहार देने वालों की भीड़ आसानी से देखी जा सकती है। ऐसे में जहां अपने चहेते अधिकारी और राजनेता को त्योहार के दौरान तोहफा देने उनके दरवाजे पर पहुंचने वाले लोगों को हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने एक प्यार भरा संदेश दिया है। कल्याण की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया यह संदेश केवल उपहार देने वालों के लिए ही नहीं, बल्कि उपहार लेने वाले नेताओं और अधिकारियों को भी एक सीख देने का काम कर रहा है। दअरसल, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अपने फेसबुक पेज पर एक संदेश पोस्ट किया गया, जिसमें उन्होंने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए जनता की सुख समृद्धि की मंगलकामना की है। साथ ही उन्होंने जनप्रतिनिधि होने के नाते सब से अनुरोध किया कि त्यौहारों को हर्षोल्लास के साथ व अपनी संस्कृति के अनुरूप, भाईचारे से मनाएं ताकि समाज में अच्छा वातावरण बना रहे। साथ ही उन्होंने निवेदन किया कि दीपावली के अवसर पर यदि कोई उनसे मिलें तो किसी भी प्रकार का उपहार आदि ना लाएं, क्योंकि जनता का स्नेह और आशीर्वाद ही उनका असली उपहार है। कल्याण ने लिखा कि मेरा यह मानना है कि सार्वजनिक जीवन में सभी ज़िम्मेवार लोगों को शुचिता व आचार संहिता का पालन करना चाहिए जिसे सुनिश्चित करने में जागरुक समाज की बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने उपहार, मिठाई व फूल आदि पर खर्चा करने की बजाय उस राशि से किसी ज़रूरतमंद योग्य बच्चे की शिक्षा आदि में सहयोग करने की भी अपील की। यदि इस पर सच में अमल हो जाए और कल्याण की तरह से दूसरे जनप्रतिनिधि भी ऐसी पहल करें तो यकीनन किसी समय सोने की चिड़िया कहलाने वाले हमारे देश में कोई भी बच्चा बिना पढ़ाई के नहीं रह पाएगा। खैर देखना होगा कि उनकी इस पहल पर कितने लोग अमल करते हैं ?
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सरकार की सालगिरह पर बड़े साहब का दीवाली तोहफा

परिवार में चाहे किसी बच्चे के जन्मदिन का मौका या फिर किसी विवाह की सालगिरह हो, हर कोई उस दिन और मौके को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए यादगार बनाना चाहता है। ऐसे में जब आम इंसान अपनी सालगिरह को यादगार बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता तो फिर सूबे की सरकार भला अपनी वर्षगांठ को कैसे ना यादगार बनाती। दअरसल, हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार किसी दल ने लगातार तीसरी बार जनता का बहुमत हासिल कर सरकार बनाने का काम किया है। ऐसे में जहां हरियाणा की सत्ता संभाल रहे फूल वाल दल की ओर से अपनी सरकार की सालगिरह के मौके पर पूरे प्रदेश में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। हालांकि मुख्य कार्यक्रम पंचकूला में रखा गया। यहां पर खुद फूल वाले दल की सरकार के मुखिया और सूबे के बड़े साहब मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुए। सरकार की सालगिरह के मौके पर सूबे की जनता को तोहफा देते हुए बड़े साहब यानि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जहां सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में बढ़ोतरी की। वहीं, पंचायत और स्थानीय निकायों को भी बड़ी सौगात दी। इसके अलावा गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों को शहरों और गांवों में प्लॉट भी वितरित किए। ऐसा करके सूबे के बड़े साहब ने दिखा दिया कि उनकी पार्टी की ओर से जनता से जो वादे किए गए थे, सरकार आने के बाद उन सभी को पूरा करने का काम किया जा रहा है।

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बड़े साहब ने खोल दिया अपनी मुस्कान का राज

किसी भी मौके और हर हालात का मुस्कान के सामना करते हुए सूबे के बड़े साहब ने सरकार के तीसरे कार्यकाल के एक साल के दौरान कईं परिस्थितियों का हल निकाला। ऐसे में विपक्ष की ओर से अनेक बार उनकी मुस्कान पर सवाल उठाए गए, लेकिन इन सबके बावजूद प्रदेश के बड़े साहब बनने से लेकर अब तक मुख्यमंत्री सैनी के चेहरे पर मुस्कान ही देखी जाती है। समय की परवाह किए बिना उनके पास मिलने के लिए आने वाले लोगों से भी वह अपने चेहरे पर मुस्कान लेकर ही मिलते हैं। ऐसे जब सूबे के मीडिया जगत के बंधुओं ने बड़े साहब से उनकी मुस्कान को लेकर सवाल किया तो बड़े साहब ने बिना किसी संकोच के इसका राज सबके सामने खोल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, या तो वो धरने पर बैठ जाते है या फिर इस प्रकार की बाते करते है। उन्होंने साफ कहा कि प्रदेश की जनता खुश है, इसलिए मेरे चेहरे पर मुस्कान रहती है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष के नेताओं को सलाह देते हुए कहा कि हंसना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

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‘गब्बर’ ने दे दिया आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग का जवाब

देश के साथ कईं राज्यों की सत्ता संभाल रहे फूल वाले दल और एक स्वयं सेवक संघ के रिश्ते किसी से भी छिपे हुए नहीं है। देश में पहली बार फूल वाले दल ने अपने दम पर सत्ता संभाली तो उसके पीछे भी स्वयं सेवक संघ का बहुत बड़ा योगदान था। फूल वाले दल के साथ ही देश की सत्ता संभालने वाले ज्यादातर नेता भी स्वयं सेवक संघ के ही स्वयं सेवक है। ऐसे में हाल ही में जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बेटे ने स्वयं सेवक को ‘तालिबानी तर्ज’ पर बताते हुए प्रतिबंध लगाने की मांग की तो उस पर फूल वाले दल की सरकार में बैठे स्वयं सेवकों की ओर से उन्हें जवाब देने का काम किया गया। ऐसे में हरियाणा में ‘गब्बर’ के नाम से मशहूर दबंग मंत्री अनिल विज ने भी उन्हें इसका जवाब अपने अंदाज में दिया। गब्बर ने कहा कि इस प्रकार के बयान स्वयं सेवक संघ की देशभक्ति और अनुशासन की विचारधारा से भयभीत मानसिकता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सेवक संघ देशभक्ति, अनुशासन और निस्वार्थ सेवा सिखाती है। इसकी कार्यप्रणाली उन लोगों की राजनीति को प्रभावित करती है जो धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटते हैं। इसीलिए ऐसे लोग स्वयं सेवक संघ पर निराधार टिप्पणियां करते हैं।” “जैसे पक्षी को अंधेरे से डर लगता है, वैसे ही पंजे वाले दल को स्वयं सेवक संघ से डर लगता है, क्योंकि स्वयं सेवक संघ, धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करने की उनकी नीति को समाप्त करती है।” 

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इब क्राउड और मॉब में फर्क समझेंगे म्हारे जवान !

बीते दिनों हरियाणा में दिल दहला देने वाली दो बड़ी घटनाएं हुई। इन घटनाओं ने पूरे प्रदेश ही नहीं, बल्कि सरकारी सिस्टम को भी हिलाकर रख दिया। इनमें पुलिस विभाग में एडीजीपी जैसे पद पर रहने वाले इंसान और दूसरे एक एएसआई की ओर से की गई खुदकुशी का मामला था। हालांकि इसके बाद एक और एएसआई ने भी खुदकुशी की, लेकिन उसके पारिवारिक कारण सामने आए। परंतु उससे पहले एडीजीपी और एक एएसआई की ओर से की गई खुदकुशी ने ना केवल पूरे सिस्टम को हिला दिया, बल्कि उसकी कार्यप्रणाली को लेकर सोचने पर भी विवश कर दिया। ऐसे में पुलिस विभाग की कमान संभालने वाले अधिकारी को छुट्टी पर भेजकर नए अधिकारी को विभाग की जिम्मेदारी दी गई। जिम्मेदारी मिलने के बाद नए अधिकारी ने भी पुलिस कर्मचारियों के तनाव और दवाब को कम करने की कोशिश शुरू की, इसके लिए उनकी ओर से बकायदा पत्र भी लिखे गए। इतना ही नहीं अब उन्होंने जवानों को क्राउड यानि भीड़ और मॉब यानि उत्तेजित भीड़ के अंतर को समझाने के लिए अकादमी में जल्द ही शॉर्ट टर्म कोर्स ऑन क्राउड मैनेजमेंट शुरू करने की भी बात कही है। इसके लिए पुलिस के जवानों को क्राउड औऱ मॉब के अंतर को समझाया जाएगा। हिंसक स्थिति को शांतिपूर्वक नियंत्रित करने के तरीके भी बताए जाएंगे। हरियाणा पुलिस के कार्यकारी महानिदेशक ओपी सिंह का मानना है कि अहिंसा और संवाद लोकतंत्र की आत्मा हैं। लाठी और बल प्रयोग अंग्रेजों की नीति थी, जहां शासन का उद्देश्य दमन था। आज का भारत लोकतांत्रिक है यहां जनता हमारी अपनी है, और हमारा काम है उन्हें नियमों के अनुरूप चलने के लिए प्रेरित करना।

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‘देसी होम स्टे’ में मिलेगा हरियाणवी स्वाद और परंपरा का सीधा अनुभव 

हरियाणा सरकार अब गांवों की मेहमाननवाजी को वैश्विक पहचान देने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ने गांवों की मेहमाननवाजी और संस्कृति को वैश्विक पटल पर लाने के लिए एक महत्वाकांक्षी ‘देसी होम स्टे’ योजना शुरू की है। यह पहल राज्य के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और ‘ग्रामीण पर्यटन क्रांति’ को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इस योजना से राज्य के युवा अब अपने ही घरों को ‘देसी होम स्टे’ में बदल सकेंगे। इसके लिए कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की नई पहल के तहत हर जिले में आईटीआई केंद्रों पर युवाओं को होम स्टे प्रबंधन की मुफ्त ट्रेनिंग भी दी जाएगी। 30 से 45 दिनों के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में, 15 से 29 वर्ष की आयु के युवाओं को अतिथि सत्कार, स्वच्छता, भोजन व्यवस्था, ऑनलाइन बुकिंग, डिजिटल भुगतान और पर्यटकों से प्रभावी संवाद जैसे आवश्यक कौशल सिखाए जाएंगे। इस योजना का लक्ष्य युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और गांव की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देना है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद, युवाओं को सीधे पर्यटन विभाग, निजी ट्रैवल एजेंसियों, और ओयो, एयरबीएनबी, मेक माई ट्रिप जैसे बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें व्यापक बाजार तक पहुंच मिलेगी। सरकार का मानना है कि यह पहल गांवों की महिलाओं और युवाओं दोनों को आत्मनिर्भर बनाएगी। इसके अलावा जो युवा स्वयं का होम स्टे व्यवसाय शुरू करना चाहेंगे, उन्हें सरकार बैंक लोन और विभिन्न सब्सिडी योजनाओं का लाभ देगीं।

इसके साथ ही  ‘देसी होम स्टे’ के माध्यम से पर्यटक न केवल हरियाणवी स्वाद और परंपरा का सीधा अनुभव कर सकेंगे, बल्कि स्थानीय समुदायों के साथ संवाद स्थापित कर उनकी जीवनशैली को भी करीब से जान पाएंगे। यह अनूठी ‘देसी मेहमाननवाजी’ की संस्कृति ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देगी। यह पहल स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी और हरियाणा को पर्यटन के मानचित्र पर एक विशिष्ट पहचान दिलाएगी। इस योजना के तहत गांवों के विकास को गति मिलेगी।
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किस्सा दोस्ती का

हरियाणा की नायब सरकार में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री राजेश नागर और खेल राज्यमंत्री गौरव गौतम की तिकड़ी सियासी हलकों में चर्चाओं में रहती है। अब एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मंत्री नागर कह रहे हैं कि कुछ लोगों ने उनकी दोस्ती तुड़वाने की कोशिश भी की। उन्होंने मंच से दो-तीन बार इसका जिक्र किया, हालांकि किसी का नाम नहीं लिया। असल में विपुल गोयल व राजेश नागर की गिनती केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के विरोधी खेमे में होती है। गोयल और गुर्जर का सार्वजनिक मंच पर बहस का वीडियो भी वायरल हुआ था। वहीं, नागर जिस तिगांव हलके से विधायक हैं, वहां से गुर्जर अपने बेटे को चुनाव लड़वाना चाहते थे। गुर्जर खुद भी तिगांव से विधायक रह चुके हैं।ऐसे में चर्चा है कि दोस्ती तुड़वाने की कोशिश करने वाले बयान के पीछे कृष्णपाल गुर्जर खेमे की तरफ इशारा है। ये वीडियो 12 अक्टूबर की शाम का बताया जा रहा है। उस दिन फरीदाबाद के सेक्टर-37 में बीजेपी के एक नेता ने सम्मान समारोह रखा था। जिसमें मंत्री विपुल गोयल, राजेश नागर और गौरव गौतम साथ पहुंचे। पहले भी फरीदाबाद और पलवल जिलों में होने वाले कार्यक्रमों में तीनों अकसर साथ दिखते हैं। कृष्णपाल गुर्जर फरीदाबाद से सांसद हैं, जिसमें पलवल जिला भी आता है।

 प्रस्तुति: चंद्र शेखर धरणी