एनपीटीआई में ग्राउंड जीरो स्टाफ के लिए कार्यात्मक और व्यवहारिक कार्यशाला का आयोजन

एनपीटीआई में ग्राउंड जीरो स्टाफ के लिए कार्यात्मक और व्यवहारिक कार्यशाला का आयोजन

Functional and Practical Workshop

Functional and Practical Workshop

ग्राउंड जीरो स्टाफ को सिखाए व्यावहारिक कौशल, संवाद, टीम सहयोग और कार्यशैली के तौर-तरीके

फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ: Functional and Practical Workshop: ग्राउंड जीरो स्टाफ के व्यावहारिक कौशल, दक्षता, संवाद, टीम सहयोग और कार्यशैली को सुदृढ़ बनाने के लिए सेक्टर-33 स्थित राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) में “राष्ट्रीय कर्मयोगी जनसेवा“ कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यात्मक एवं व्यवहारिक कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। ताकि ग्राउंड स्टाफ अपने दैनिक कार्यों को और प्रभावी, सुरक्षित एवं पेशेवर ढंग से संचालित कर सकें। यह कार्यशाला एनपीटीआई की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर के दिशा निर्देश पर आयोजित की गई। जिसमें एनपीटीआई फरीदाबाद और बदरपुर संस्थान के करीब 80 ग्राउंड जीरो स्टाफ ने हिस्सा लिया।
ग्राउंड जीरो स्टाफ यानि कि माली, सफाईकर्मी, कार्यालय सेवक, प्लबंर, कारपेंटर और पेंटर जैसे पेशे से जुड़े कर्मयोगियों के लिए आयोजित इस कार्यशाला की शुरुआत मुख्य अतिथि एनपीटीआई के प्रधान निदेशक डॉ. एस सेलवम ने दीप प्रज्वलित करके की। इस दौरान क्षमता निर्माण आयोग से अभिनव सक्सेना भी मौजूद रहे।

Functional and Practical Workshop

 महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों के लिए भेजे संदेश में कहा कि इस प्रकार के सत्र व्यवहारिक प्रशिक्षण और टीम-वर्क को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही बताया कि कार्यस्थल पर उपकरणों का उपयोग, सुरक्षा प्रक्रियाएँ और औजारों का रखरखाव करने का सही तरीका क्या होना चाहिए। यह कार्यशाला ग्राउंड स्टाफ को उनके रोज़मर्रा के कार्यों में बेहतर निर्णय-क्षमता, संवाद कौशल, टीम सहयोग और कार्यशैली की व्यावहारिक समझ प्रदान करेगी।

एनपीटीआई के प्रधान निदेशक डॉ. एस सेलवम ने बताया कि "राष्ट्रीय कर्मयोगी जनसेवा" कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस एक दिवसीय कार्यात्मक एवं व्यवहारिक कार्यशाला में मुख्यतः चार बिंदुओं पर अलग-अलग सत्र संचालित किए गए। जिसमें पहला सत्र स्वच्छतम ही सेवम - 2024 पर प्रशिक्षण मॉड्यूल और श्रम कानून का रहा। दूसरे सत्र में टाइम मैनेजमेंट का कौशल सिखाया गया। तीसरा सत्र, सामान्य बातचीत करने के तौर - तरीके का रहा और चौथे सत्र में बताया कि कर्मचारी कार्यस्थल पर क्रोध को कैसे नियंत्रित करें।