Side effects of Saturn's Sade Sati and Dhaiya

शनि की साढ़े साती व ढैय्या के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए करें यह उपाय

Shanidev

Side effects of Saturn's Sade Sati and Dhaiya

न्याय के देवता और कर्मफलदाता शनि देव की पूजा शनिवार के दिन करने का विधान है। क्योंकि शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित है। इस दिन भक्तगण विधि विधान से शनिदेव की पूजा करते हैं। इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शनि की साढ़े साती, ढैय्या और महादशी के दुष्प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में एक या फिर अधिक बार इस चरण से जरूर गुजरना पड़ता है। ऐसे में अगर आपकी राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैय्या का प्रभाव है, तो शनिवार के दिन इन उपायों को करना लाभकारी होगा।

एक रुपए का उपाय

अगर आप आर्थिक रूप से बड़ा लाभ पाना चाहते हैं तो एक रुपए का सिक्का लेकर सरसों के तेल से एक बिंदी बनाएं और बिना किसी से बात किए शनि मंदिर में रख आएं। ऐसा करने से रुके हुए काम दोबारा शुरू हो जाएंगे और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

काले तिल का उपाय

अगर शनि की साढ़े साती और ढैय्या के कारण जीवन में कई तरह की परेशानियां आ पड़ी है, तो काले तिल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए शनिवार के दिन एक मु_ी काले तिल लेकर बहते जल में प्रवाहित कर दें और शनि देव की विधिवत पूजा करें। ऐसा करने से आपको लाभ मिलेगा।

सरसों के तेल

अगर जीवन में हर एक चीज में कोई न कोई रुकावट आ रही है जो सुबह जल्दी उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद एक कटोरी में सरसों का तेल भरकर अपना चेहरा देखें। इसके बाद किसी को दान कर दें। ऐसा करने से शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं।

पीपल

शनिवार के दिन सुबह के समय पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें। इसके साथ ही शाम को पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

पहने घोड़े की नाल का छल्ला

शनि की साढ़े साती और ढैय्या को कम करने के लिए घोड़े की नाल से बना छल्ला पहनना भी लाभकारी होगा। इसे अपनी मध्यमा अंगुली में पहन सकते हैं।

बंदरों को खिलाएं ये चीज

माना जाता है कि हनुमान जी की कृपा जिस व्यक्ति के ऊपर होती है उसके ऊपर शनि देव भी प्रसन्न रहते हैं। ऐसे में मंगलवार और शनिवार के दिन बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं। इससे लाभ मिलेगा।

यह पढ़ें:

सारे प्रयास हो रहे हैं असफल, तो शुक्रवार को करें कनकधारा स्तोत्र का पाठ

हमेशा शुभ मुहूर्त देखकर ही करें ये काम, देखें क्या है खास