डायबिटीज में खतरनाक हो सकती है डिहाइड्रेशन, एक्सपर्ट से जानिए इसे कैसे मैनेज करना है

डायबिटीज में खतरनाक हो सकती है डिहाइड्रेशन, एक्सपर्ट से जानिए इसे कैसे मैनेज करना है

डायबिटीज में खतरनाक हो सकती है डिहाइड्रेशन

डायबिटीज में खतरनाक हो सकती है डिहाइड्रेशन, एक्सपर्ट से जानिए इसे कैसे मैनेज करना है

नई दिल्ली: डायबिटीज तब होता है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। इन्सुलिन की कमी से खून में शुगर (शर्करा) की मात्रा बढ़ जाती है और किडनी को अतिरिक्त शुगर को छानने और सोखने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है। अगर आपकी किडनियां अतिरिक्त श्रम करती हैं तो शरीर अतिरिक्त शुगर को मूत्र में भेज देता है जो बदले में आपके टिश्यूज से तरल पदार्थ खींच लेता है। परिणामस्वरूप, डायबिटीज वाले व्यक्ति को अधिक बार पेशाब करना पड़ता है जिससे उनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है। तो सवाल है कि कोई डिहाइड्रेशन और डायबिटीज की समस्या को किस प्रकार रोक कर शरीर में तरल पदार्थ के स्वास्थ्यकर स्तर कैसे सुनिश्चित कर सकता है?

मैक्स हॉस्पिटल की चीफ़ डायबिटीज़ एजुकेटर, डॉ. शुभदा भनोट ने कहा कि, “डायबिटीज वाले लोगों में डिहाइड्रेशन का ख़तरा बढ़ जाता है क्योंकि खून में ग्लूकोज के ऊंचे स्तर के कारण शरीर में हाइड्रेशन कम हो जाता है। तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाकर डिहाइड्रेशन का उपचार किया जा सकता है। हालांकि, गंभीर डिहाइड्रेशन की स्थिति में चिकित्सीय सलाह के आधार पर आपको अतिरिक्त इलेक्ट्रोलाइट्स दिया जा सकता है।”

मौसम गर्म होने पर भी खुद को हाइड्रेटेड रखने के कुछ आसान सुझाव :

- तरल पदार्थों का सेवन करें: बहुत सारा पानी या बिना कैफीन वाले ड्रिंक्स, जैसे- नारियल पानी, छाछ या बिना चीनी वाला नींबू पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें। शराब का सेवन कम से कम करें क्योंकि इससे भी डिहाइड्रेशन होता है।

- गर्मी की थकावट से रहें सावधान: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में गर्मी से थकावट का खतरा अधिक होता है और वे गर्मी से संबंधित समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। डायबिटीज के कारण खून की नालियों और स्नायु तंत्रिकाओं में क्षति जैसी जटिलताएं होने से पसीने की ग्रंथियां प्रभावित हो सकती हैं और शरीर प्रभावकारी रूप से ठंडा नहीं हो सकता है। इससे हीट स्ट्रोक (लू लगना) और गर्मी से थकावट हो सकती है और एक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति पैदा हो सकती है। चक्कर आना, अत्यधिक पसीना आना, मांसपेशियों में ऐंठन, बेहोशी का दौरा, सिरदर्द, दिल की धड़कन में वृद्धि और

मितली थकावट के लक्षण हैं। इस तरह के संकेतों के प्रति सतर्क रहना चाहिए और ठंडी जगह पर चला जाना चाहिए, पर्याप्त तरल पदार्थ पीना चाहिए और अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं, जैसे कि मूत्रवर्धक दवाएं (उच्च रक्तचाप का इलाज करने के लिए) भी डिहाइड्रेशन का कारण बन सकती हैं।

- ब्‍लड ग्‍लूकोज के स्तर पर नियमित रूप से नजर रखेंः डॉक्टर की सलाह के अनुसार ग्लूकोज के स्तर की जांच अवश्य करें। फ्री स्टाइल लिब्रे जैसे स्मार्ट सीजीएम उपकरण उपलब्ध हैं जो चलते-फिरते भी ग्लूकोज की निरंतर निगरानी करता है और इसमें किसी सुई लगाने की ज़रुरत नहीं होती है। अत्यधिक गर्मी के कारण ब्‍लड ग्‍लूकोज के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए याद रखें कि यदि आप धूप वाले दिन बाहर जाते हैं तो अधिक बार उसकी जांच कराएं।

- एक्सरसाइज करते समय कूल रहें: व्यायाम करते समय गर्मी में बाहर दौड़ने के बदले किसी वातानुकूलित व्यायामशाला में ट्रेडमिल चलाने का विकल्प चुन सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, आउटडोर एक्‍सरसाइज सुबह के समय करें जब तापमान कम रहता है।

डिहाइड्रेशन सभी के लिए एक चिंता का विषय है और डिहाइड्रेशन एवं डायबिटीज के संयोजन से स्वास्थ्य सम्बन्धी विविध जटिलताएं हो सकती हैं। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए कुछ सरल उपायों का पालन करके ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखा जा सकता है और बाहर चाहे कितने भी गर्मी क्यों न हो आप स्वस्थ एवं खुश सकते हैं।