Corona is returning again

Editorial: कोरोना फिर लौट रहा, बचाव के लिए सभी उपाय जरूरी

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Corona is returning again, all measures are necessary for protection

Corona is returning again, all measures are necessary for protection: बेहद चिंताजनक है कि कोरोना वायरस फिर लौट आया है और इसके संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। चार-पांच साल पहले देश और दुनिया ने कोरोना का जो कहर देखा है, उसे कैसे भुलाया जा सकता है। लाखों लोगों की असमय मौत ने देश को झकझोर कर रख दिया था। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 27 मई तक देश में कोरोना के 1083 एक्टिव केस हो चुके हैं। वहीं एक हफ्ते पहले यह संख्या सिर्फ 257 थी, यानी एक हफ्ते में 800 से ज्यादा केस बढ़े हैं। सबसे ज्यादा मामले केरल से आए हैं, जहां पर 430 केस सामने आ चुके हैं। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में अब तक 103 मामले सामने आए हैं। इस बीच चंडीगढ़ की बात करें तो यहां एक कोरोना मरीज की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोना से एक मरीज की मौत की सूचना है।  

 कोरोना के बढ़ते हुए मामले वाकई में चिंता का विषय है। कोरोना के संबंध में कहा गया है कि इसका वायरस मरता नहीं है। साल 2020 में जब कोरोना महामारी का इलाज सामाजिक दूरी बताया गया था, वहीं बाद में जब इसकी वैक्सीन आई तो वह भी ज्यादा फलीभूत नहीं हुई थी। राज्य सरकारों की ओर से कोरोना से बचाव के उपाय शुरू कर दिए गए हैं, हालांकि अस्पतालों और भीड़भाड़ भरी जगहों पर अब भी बगैर मास्क के लोग घूमते हैं और सामाजिक दूरी जैसी कोई चीज नहीं अपनाई जा रही। बेशक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी सक्रियता बढ़ाई गई है, हालांकि कहा जा रहा है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन यह जरूरी है कि सावधानी बरती जाए। यह सही है कि केंद्र सरकार ने सावधानीवश राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों को सचेत करते हुए उनके साथ बैठकों का दौर शुरू किया है। दूसरे देशों में अभी तक कोरोना संक्रमण के संबंध में जानकारी नहीं मिल पा रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी चीन से होते हुए पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण ने तबाही मचाई थी। उस समय कोई ऐसा देश नहीं बचा था, जहां कोरोना संक्रमित मरीज नहीं थे और उनकी मौतें नहीं हो रही थी। अब फिर विश्व स्तर पर यह नया वेरियंट सामने आया है तो चिंता होना लाजमी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के ‘जेएन.1’ स्वरूप के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया है। हालांकि वैश्विक स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इससे वैश्विक जन स्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरा नहीं है। विश्व स्वास्थ्य निकाय का कहना है कि 2020 के आखिरी में वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा करने वाले स्वरूपों के सामने आने से बाद से डब्ल्यूएचओ ने हल्के स्वरूप को ‘वेरियंट ऑफ इंटरेस्ट’ और गंभीर स्वरूप को ‘वेरियंट ऑफ कंसर्न’ के रूप में वर्गीकृत करना शुरू किया है।  

वास्तव में कोरोना संक्रमण के मामले अभी कम हैं, लेकिन हमें इसे सहजता से नहीं लेना चाहिए। सावधानी बरती जानी बेहद जरूरी है। कोरोना के बारे में साबित हो चुका है कि यह रूप बदल रहा है, अब नया वेरिएंट सामने आ गया है, इसे ज्यादा खतरनाक नहीं बताया गया है, लेकिन जिन्हें पहले से शारीरिक समस्या है, उनके लिए यह मुश्किल खड़ी कर सकता है। देश में लगभग सभी को वैक्सीन लग चुकी है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार दूसरी डोज लगने के 9 महीने के बाद एंटीबॉडी घटने लगती है, ऐसे में अब नये सिरे से वैक्सीन लगवानी पड़ जाए तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। कोरोना का खात्मा शायद कभी नहीं होगा, इससे बचाव के उपाय और सावधानी ही एकमात्र समाधान है। इस समय राज्य सरकारों को चाहिए कि युद्ध स्तर पर तैयारियों को अंजाम दिया जाए। हमारे सामने कोरोना के बीते कार्यकाल की बुरी यादें हैं, जब ऑक्सीजन की कमी से ही लोग मर रहे थे।

अस्पतालों के अंदर और बाहर मरीज ही मरीज थे। उस समय स्वस्थ लोगों ने जो समस्या झेली, उससे वे अब तक नहीं उबर पाए हैं वहीं जो पहले से बीमार थे, वे उस महामारी को नहीं झेल पाए। कोरोना की फितरत इंसान को कमजोर करना और उसे अपने चंगुल में लेना है। इससे बचाव का उपाय तमाम स्वास्थ्यकारी कदम उठाना है वहीं मास्क की जरूरत अब फिर लौट आई है। जाहिर है, बचाव में ही बचाव है और कोरोना से लडऩे का यही एकमात्र प्रभावी तरीका भी है। 

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