Clove is full of medicinal properties, but what does research say about its consumption in summer?

औषधीय गुणों से भरपूर है लौंग, लेकिन गर्मियों में सेवन को लेकर क्या कहता है शोध? 

Clove is full of medicinal properties, but what does research say about its consumption in summer?

Clove is full of medicinal properties, but what does research say about its consumption in summer?

Clove is full of medicinal properties, but what does research say about its consumption in summer?- नई दिल्ली। लौंग एक ऐसा मसाला है, जो न केवल रसोई में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग होता है, बल्कि इसके कई आयुर्वेदिक और औषधीय गुण भी हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, पाचन को सुधारने और दांतों की समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या लौंग का सेवन गर्मियों में भी उतना ही लाभकारी है?

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की अक्टूबर 2022 की एक शोध अध्ययन के अनुसार, लौंग का सीमित मात्रा में सेवन गर्मियों में भी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसके अत्यधिक उपयोग से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है। दरअसल, लौंग की प्रकृति "उष्ण" यानी गर्म होती है, और गर्मी के मौसम में अत्यधिक गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है।

शोध के अनुसार, लौंग में मौजूद युजेनॉल नामक तत्व संक्रमण से लड़ने में सक्षम होता है, लेकिन यह शरीर का तापमान भी थोड़ा बढ़ा सकता है। ऐसे में गर्मी के मौसम में यदि किसी व्यक्ति को पहले से एसिडिटी, गैस या पित्त से जुड़ी समस्या हो, तो लौंग का अधिक सेवन उसके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

हालांकि, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यदि लौंग का उपयोग सही मात्रा में किया जाए (जैसे कि चाय में एक-दो लौंग या भोजन में मसाले के रूप में सीमित मात्रा में) तो यह गर्मियों में भी लाभदायक सिद्ध हो सकती है। लौंग गर्मियों में गले की खराश, सांस की बदबू और पाचन संबंधी परेशानियों में राहत पहुंचा सकती है।

आयुर्वेदाचार्यों का सुझाव है कि गर्मियों में लौंग को शीतल प्रकृति वाले खाद्य पदार्थों जैसे सौंफ, मिश्री या गुलकंद के साथ संयोजन करके लिया जाए, जिससे इसकी उष्णता संतुलित हो सके।

लौंग अपने औषधीय गुणों के कारण सालभर फायदेमंद है, लेकिन गर्मियों में इसका सेवन संतुलित मात्रा में और सही तरीके से करना चाहिए।