मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान नंगल डैम पहुंचे - पंजाब के पानी की एक भी बूंद किसी और को चोरी नहीं करने दूंगा

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान नंगल डैम पहुंचे - पंजाब के पानी की एक भी बूंद किसी और को चोरी नहीं करने दूंगा

Chief Minister Bhagwant Singh Mann reached Nangal Dam

Chief Minister Bhagwant Singh Mann reached Nangal Dam

बी.बी.एम.बी. पंजाब को दरकिनार करके हरियाणा को पानी नहीं जारी कर सकता - मुख्यमंत्री

नंगल (रूपनगर), 1 मई: Chief Minister Bhagwant Singh Mann reached Nangal Dam: पंजाब के पास किसी और को देने के लिए एक भी बूंद अतिरिक्त न होने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) तानाशाही ढंग से पंजाब को हुक्म चलाकर हरियाणा को पानी नहीं छोड़ सकता।

आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा पहले ही अपने हिस्से के आवंटित पानी से 16000 क्यूसेक पानी अधिक इस्तेमाल कर चुका है। उन्होंने कहा कि राजस्थान और हरियाणा ने पंजाब के पानी पर डाका डालने के लिए आपस में गठजोड़ कर लिया है और बी.बी.एम.बी. ने कानून की धज्जियां उड़ाकर हरियाणा को 8500 क्यूसेक पानी देने का फैसला कर लिया जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बी.बी.एम.बी. में पंजाब का 60 फीसदी हिस्सा है और बोर्ड का यह फैसला मनमाना, तानाशाही और गैर-लोकतांत्रिक है।

Chief Minister Bhagwant Singh Mann reached Nangal Dam

मुख्यमंत्री ने कहा कि बी.बी.एम.बी. को पंजाब और इसके हितों को दरकिनार करके किसी को पानी देने का कोई हक नहीं है और किसी भी सूरत में ऐसा होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा, "जैसे एक किसान हर वक्त अपने हिस्से के पानी की रक्षा करता है, उसी तरह पंजाब और इसके पानी का रखवाला होने के नाते मैं यहां प्रबंधों का निरीक्षण करने के लिए आया हूं ताकि कोई भी पंजाब के पानी की चोरी न करे। पंजाब सरकार किसी को भी राज्य के पानी को लूटने की इजाजत नहीं देगी और इस बारे में पहले ही उचित योजना बनाई जा चुकी है।"

Chief Minister Bhagwant Singh Mann reached Nangal Dam

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी दमनकारी नीतियां पंजाब में नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब अपने पानी को छीनने वाले ऐसे किसी भी कदम का जोरदार विरोध करेगा क्योंकि कृषि आधारित राज्य होने के नाते पंजाब का पानी हमारी जीवनधारा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यदि केंद्र ऐसी साजिशें रचने से पीछे नहीं हटा तो उसे यह भी भुला देना चाहिए कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए पंजाब, देश को धान देगा।

मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि हरियाणा और राजस्थान को हर साल 21 मई से 20 मई तक पानी का बनता हिस्सा आवंटित किया जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा इस साल मार्च महीने के अंत तक अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर चुका है जिसके कारण अब और पानी लेने के लिए पंजाब के पानी पर डाका डालने की बुरी चालें चल रहा है। इस बारे में विवरण साझा करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब तक हरियाणा आवंटित पानी का 103 फीसदी उपयोग कर चुका है और अब भाजपा हरियाणा को और पानी देने के लिए पंजाब पर दबाव बना रही है।

Chief Minister Bhagwant Singh Mann reached Nangal Dam

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर दबाव के आगे झुकने का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि उनका सरोकार पंजाब के किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि यह गैर-कानूनी चालें खेलने की बजाय केंद्र सरकार को पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि रद्द करने के बाद चिनाब, झेलम, उझ और अन्य नदियों के पानी को राज्य की ओर मोड़ना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस संधि के रद्द होने से बचाया गया अतिरिक्त पानी धान के सीजन से पहले जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरे उत्तरी क्षेत्र को सप्लाई किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पंजाब से अपील की थी कि उसके पास लोगों के लिए पीने का पानी भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मानवता के आधार पर पंजाब सरकार ने उदारता दिखाते हुए 6 अप्रैल, 2025 से हरियाणा को रोजाना 4000 क्यूसेक पानी देना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री ने इस तथ्य का भी जिक्र किया कि पंजाब खेतों की सिंचाई के लिए पहले ही पानी की कमी से जूझ रहा है क्योंकि भूजल का स्तर गिर रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बांधों में पानी का स्तर चिंताजनक स्थिति में नीचे आ गया है। इसका हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पोंग बांध, भाखड़ा बांध और रणजीत सागर बांध में पानी का स्तर बीते साल के मुकाबले क्रमशः 32 फीट, 12 फीट और 14 फीट नीचे आ चुका है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के लिए पानी की एक-एक बूंद बेशकीमती है और इसे किसी के साथ साझा करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाजपा हरियाणा और केंद्र की सरकारों के माध्यम से राज्य के साथ जबरदस्ती करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि बी.बी.एम.बी. द्वारा पंजाब के पानी पर डाका डालने के लिए आए दिन नए प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार कर रही है ताकि राज्य के हितों की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पूरी चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर भी विचार किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के पानी की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि राज्य के पास किसी और राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी की एक भी बूंद नहीं है।

Chief Minister Bhagwant Singh Mann reached Nangal Dam

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हैरानी वाली बात है कि केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ और मनप्रीत सिंह बादल समेत भाजपा की शीर्ष लीडरशिप ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि यही समय है जब इन नेताओं को केंद्र के समक्ष अन्यायपूर्ण मुद्दा उठाकर राज्य के प्रति अपनी वफादारी साबित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि या तो इन नेताओं को इस्तीफा देना चाहिए या फिर राज्य के पानी की रक्षा के लिए राज्य सरकार का साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक बात है कि ये नेता इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं।

मुख्यमंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा कि यह बहुत ही हैरानी की बात है कि एक और भाजपा नेता और अपने आप को 'पानी का रक्षक' बताने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह भी इस मुद्दे पर पूरी तरह खामोश हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सिर्फ कागजों में 'पानी के रखवाले' थे जबकि वास्तविकता में इन नेताओं ने कभी भी पंजाब और इसके लोगों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये नेता अपने निजी और राजनीतिक हितों के लिए हरियाणा और अन्य राज्यों को 25 फीसदी तक अतिरिक्त पानी देते थे।
इस मौके पर अन्य के अलावा कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस भी मौजूद थे।