बिहार चुनाव: राजनीतिक दल 1 सितंबर तक कर सकेंगे छूटे हुए नाम का दावा दायर
- By Vinod --
- Thursday, 24 Jul, 2025

Bihar elections: Political parties can file claims for missing names till September 1
Bihar elections: Political parties can file claims for missing names till September 1- बिहार। बिहार में विधान सभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी मतदाता या कोई भी राजनीतिक दल 1 सितंबर तक किसी भी छूटे हुए नाम की स्थिति में दावा दायर कर सकता है या किसी भी गलत नाम के शामिल होने पर आपत्ति दर्ज करा सकता है। ईसीआई ने बताया है कि पृष्ठ 3, पैरा 7(5) पर एसआईआर आदेश के अनुसार, किसी भी मतदाता या किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को 1 अगस्त से 1 सितंबर तक एक महीने का समय मिलेगा, ताकि यदि बीएलओ/बीएलए द्वारा किसी पात्र मतदाता का नाम छोड़ दिया गया हो तो उसे शामिल किया जा सके, या यदि बीएलओ/बीएलए द्वारा गलत तरीके से किसी मतदाता का नाम शामिल किया गया हो तो उसे शामिल किया जा सके।
एसआईआर के मुताबिक अबतक 99% मतदाताओं को पहले ही शामिल किया जा चुका है। बीएलओ और बीएलएलए ने 21.6 लाख मृत मतदाताओं के नामों की सूचना दी है। प्रदेश में 31.5 लाख ऐसे मतदाताओं के नामों की सूचना दी है जो स्थायी रूप से प्रवासित हो गए हैं। बीएलओ और बीएलएलए ने यह भी पाया है कि 7 लाख मतदाता एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं।स्थानीय बीएलओ/बीएलए के अनुसार, 1 लाख मतदाताओं का पता नहीं चल पाया है। घर-घर जाकर किए गए प्रयासों के बावजूद, 7 लाख से भी कम मतदाताओं के फॉर्म अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं।
प्रदेश में 7.21 करोड़ मतदाताओं (91.32%) के फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं और उनका डिजिटलीकरण किया जा चुका है। इन सभी मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल किए जाएँगे। शेष फॉर्मों को भी बीएलओ/बीएलए रिपोर्टों के साथ डिजिटलीकृत किया जा रहा है ताकि दावों और आपत्तियों की अवधि के दौरान उनके सत्यापन में आसानी हो।
1 अगस्त को 12 राजनीतिक दलों को प्रदान की जाएंगी डिजिटल सूचियां
एसआईआर आदेश के अनुसार, ड्राफ्ट मतदाता सूची 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित की जाएगी और सभी 12 राजनीतिक दलों को इसकी मुद्रित और डिजिटल प्रतियाँ प्रदान की जाएँगी। ड्राफ्ट सूची वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी। चुनाव आयोग ने एक बार फिर दोहराया है कि एसआईआर के आदेश के अनुसार, कोई भी मतदाता या राजनीतिक दल 1 सितंबर तक नाम छूट जाने की स्थिति में दावा दायर कर सकता है या गलत नाम शामिल होने की स्थिति में आपत्ति उठा सकता है।