Government on Obscene Content: अश्लील कंटेंट पर सरकार की बड़ी कार्रवाई; 25 ऐप्स और वेबसाइट्स को किया बैन

अश्लील कंटेंट पर सरकार की बड़ी कार्रवाई; 25 ऐप्स और वेबसाइट्स को किया बैन, सॉफ्ट पोर्न परोस रहे थे, देखिए किस-किस पर चला हंटर

India Government Action on Obscene Content 25 Apps And Websites Banned

India Government Action on Obscene Content 25 Apps And Websites Banned

Government on Obscene Content: आज के समय में 'अश्लीलता' परोसने का जैसे ट्रेंड सा चल गया है। खासकर OTT डिजिटल प्लेटफॉर्म्स अश्लील कंटेंट को खूब बढ़ावा दे रहे हैं। सोशल मीडिया का हाल भी आंखें झेंपने वाला है। इस सबके बीच अब भारत सरकार ने अश्लील कंटेट को लेकर सख्ती दिखाई है। इसी का नतीजा है कि सरकार ने उन 25 OTT ऐप्स और वेबसाइट्स पर बड़ी कार्रवाई की है। जिन पर मनोरंजन के नाम पर अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो कंटेंट को बढ़ावा दिया जा रहा था।

सॉफ्ट पोर्न परोस रहे थे

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने 'अश्लीलता' फैलाने वाले इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर एक्शन लेते हुए इन्हें अश्लील कंटेंट परोसने से रोकने के लिए ये बड़ा कदम उठाया है। जिन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें से कुछ तो एक तरह से सॉफ्ट पोर्न परोस रहे थे। इन सभी प्लेटफॉर्म्स पर आईटी अधिनियम 2000 की धारा 67 और 67A, भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 294, और महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम 1986 की धारा 4 के उल्लंघन का आरोप है।

उल्लू ऐप, बिग शॉट्स, ALTT जैसे प्लेटफॉर्म्स बैन

केंद्र सरकार द्वारा जिन ऐप्स और वेबसाइट्स को बैन किया गया है, उनमें प्रमुख रूप से ALTT, ULLU, Big Shots App, Desiflix, Boomex, Navarasa Lite, Gulab App, Hulchul App शामिल हैं। सरकार का कहना है कि मनोरंजन के नाम पर सभ्य समाज के बीच अश्लीलता बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

लोग बोले- ये स्वागत योग्य फैसला

अश्लील कंटेंट पर भारत सरकार के इस बड़े एक्शन को लेकर लोगों ने भी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट पर कार्रवाई की मांग करते आ रहे लोगों का कहना है कि ये स्वागत योग्य फैसला है। सरकार को जो बहुत पहले कर देना चाहिए था वो सरकार ने अब जाकर किया है। लोगों ने कहा कि, ये सभी प्लेटफॉर्म्स अश्लील कंटेंट के साथ देश में ऑपरेट कर रहे थे। सरकार को बहुत पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए थी।

सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था अश्लील कंटेंट का मसला

अश्लील कंटेंट का मसला इसी साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने अश्लील कंटेंट को रोकने की मांग वाली दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि, ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाए जायें।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो भी अशील सामाग्री परोसी जा रही है, वह न केवल अश्लील है, बल्कि दिमाग को विकृत करने वाली भी है। यहां यह शर्त लगाना कि ये कंटेंट 18 साल से ज़्यादा उम्र वालों के लिए है, इसका कोई मतलब नहीं है। क्योंकि बच्चों की पहुंच भी इस कंटेंट तक हो सकती है। यह चिंता जनक स्थिति है। हमारी चिंता इस बात को लेकर है कि बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। लोग अपने बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन दे देते हैं।

सब अश्लील-अशील... यह सब कब रुकेगा?

आज टीवी और सिनेमा देखो तो उसमें अश्लील फिल्म, अश्लील सीरियल, अश्लील कॉमेडी। वहीं ओटीटी पर तो कोई बंदिश ही नहीं है। यहां अश्लील वेब सीरीज, अश्लील डायलॉग देखे जा सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ भारतीय समाज, भारतीय सभ्यता, भारतीय परंपरा, भारतीय संस्कृति, भारतीय संस्कार और युवाओं को बर्बाद करने के लिए ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अश्लीलता परोसी जा रही है।

यहां कोई भी आ रहा है और कुछ भी गंध फैलाकर चला जा रहा है। मानो ऐसा लगता है कि, कोई लगाम ही नहीं है। न ही विचारों पर और न ही शब्दों पर। सब कुछ इतना अमर्यादित और अश्लील है कि जिसे शब्दों में बयां कर पाना भी मुश्किल है। अब तो यह जरूरी हो गया है कि, अश्लीलता नियंत्रण कानून आना चाहिए और सख्ती से लागू होना चाहिए।