पाकिस्‍तान की एयर स्‍ट्राइक से अफगानिस्‍तान में आक्रोश, 41 लोगों की मौत के बाद धधक रही बदले की आग

पाकिस्‍तान की एयर स्‍ट्राइक से अफगानिस्‍तान में आक्रोश, 41 लोगों की मौत के बाद धधक रही बदले की आग

पाकिस्‍तान की एयर स्‍ट्राइक से अफगानिस्‍तान में आक्रोश

पाकिस्‍तान की एयर स्‍ट्राइक से अफगानिस्‍तान में आक्रोश, 41 लोगों की मौत के बाद धधक रही बदले की आग

काबुल। अफगानिस्तान में पाकिस्तानी एयर स्‍ट्राइक में अब तक कम से कम 47 लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने दक्षिण-पूर्वी खोस्त प्रांत के स्पराई जिले और पूर्वी कुनार प्रांत के शल्‍तान जिले में वजीरिस्तान शरणार्थियों पर हवाई हमले किए थे। इससे अफगानिस्‍तान भीतर ही भीतर सुलग रहा है। पाकिस्‍तान की इस कार्रवाई के बाद अफगान लोगों में भारी आक्रोश है। वे इसे अफगानिस्तान की संप्रभुता पर हमला मान रहे हैं।

टोलो न्‍यूज की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्‍तान के रक्षा मंत्रालय ने हमले को अत्याचारी बताते हुए चेतावनी दी है कि कोई भी देश हमारी भावनाओं को ना भड़काए। गौर करने वाली बात है कि रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अपने पूरे इतिहास में अफगानों ने साबित किया है कि वे किसी भी हमले का जवाब दिए बिना कभी नहीं रहते हैं। पाकिस्‍तान की ओर से नागरिकों को निशाना बनाए जाने से गुस्‍साए अफगान लोग रविवार को दक्षिण-पूर्वी खोस्त प्रांत के घनीखिल जिले में बड़ी संख्या में जमा हुए और आक्रामक प्रदर्शन किया।

नांगरहार में विरोध प्रदर्शन शनिवार शाम को खोस्त के निवासियों की ओर से आयोजित एक विशाल रैली के बाद हुआ। नांगरहार निवासियों ने पाकिस्तान के विरोध में नारे लगाए। कुनार में शिल्टन जिले के निवासियों ने भी पाकिस्तानी सैन्य हमले में पांच लोगों के मारे जाने की पुष्टि की। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई समेत शीर्ष अफगान राजनेताओं ने इन हमलों की निंदा की और इन्‍हें अफगानिस्तान की संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करार देते हुए मानवता के खिलाफ अपराध बताया।

एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्‍तान के सूचना एवं संस्कृति उप मंत्री और तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान के लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। पाकिस्‍तान ऐसा करेगा तो उसको गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। यही नहीं संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी मिशन ने इन हमलों की कड़ी निंदा की और इसे अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ हमला बताया। ब्रिटेन में रहने वाले अफगानों ने भी लंदन में पाकिस्तान दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।