Serious allegations of girl students in Karnal Medical College

Editorial : करनाल मेडिकल कॉलेज में छात्राओं के आरोप संगीन, जांच जरूरी

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Serious allegations of girl students in Karnal Medical College

Serious allegations of girl students in Karnal Medical College करनाल के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला बेहद चिंताजनक और शिक्षण संस्थानों के हालात बयान करने वाला है। प्रदेश के स्कूलों, कॉलेजों में अनेक ऐसे मामले सामने आते रहे हैं, जिनमें छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न की वारदातें अंजाम दी गई हैं। ऐसी वारदातें सामने आती हैं और फिर उन्हें भूला दिया जाता है। रेवाड़ी के एक गांव में घटी उस वारदात ने पूरे प्रदेश और देश के लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए, जब एक छात्रा को अगवा कर उससे सामूहिक दुष्कर्म किया गया।

जाहिर है, यौन उत्पीड़न जैसी वारदातों incidents of sexual harassment को अगर शुरुआत में हल्के में लिया जाए या फिर उनकी अनदेखी की जाए तो फिर वही वारदातें बड़ी और बहुत बड़ी बन जाती हैं। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रदेेश का प्रतिष्ठित मेडिकल शिक्षण संस्थान है, लेकिन इसके संबंध में अब जैसी बातें सामने आ रही हैं, वह बेहद शर्मनाक और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले राज्य के लिए काला अध्याय है।

 यहां छात्राओं ने आरोप लगाया है कि ऑपरेशन थियेटर में एक टेक्नीशियन छात्राओं के साथ आपत्तिजनक तरीके से बात करता है वहीं उनके कपड़ों और आने-जाने पर टिप्पणी करता है। निश्चित रूप से यह छात्राओं के लिए घोर असहनीय होगा। टेक्नीशियन पर लगे आरोप charges against the technician अगर सही हैं तो यह राज्य सरकार के लिए चिंता की बात होनी चाहिए। करनाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल का हलका भी है, इस शहर को संवारने में उन्होंने पूरा जोर लगा दिया है, हालांकि हलके के एक शिक्षण संस्थान में उनकी नाक के नीचे अगर इस तरह का माहौल छात्राओं के लिए बन रहा है तो इस पर तुरंत संज्ञान लेने की जरूरत है।

गौरतलब है कि यह मामला भी तब उजागर हुआ है जब पक्ष-विपक्ष के विधायकों की एक कमेटी चेयरपर्सन सीमा त्रिखा के नेतृत्व में निरीक्षण के लिए मेडिकल कॉलेज में पहुंची। इस दौरान छात्राओं ने उन्हें अपने साथ बीत रही घटना का विवरण दिया। यह भी कितना आश्चर्यजनक है कि मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने छात्राओं की दुख भरी सुनाने के दौरान मीडिया को कवरेज करने से रोकने की कोशिश की। अगर वहां सब कुछ ठीक है तो फिर ऐसा क्यों किया गया। इसका अभिप्राय यह भी है कि मेडिकल कॉलेज में सच में ऐसा कुछ चल रहा है, जिसे छिपाया जा रहा है।
 

छात्राओं ने सात पेज का शिकायत पत्र कमेटी को सौंपा है, क्या यह सामान्य बात है। अब बेशक आरोपी टेक्नीशियन को छुट्टी पर भेज दिया गया है, लेकिन इस संबंध में तुरंत आरोपी पर केस दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी होनी चाहिए। छात्राओं के शिकायत पत्र के मुताबिक आरोपी ओटी मास्टर शारीरिक और मानसिक रूप से उन्हें प्रताडि़त कर रहा है। उसकी ओर से ऐसी बातें कही जा रही हैं, कि उसके अलावा उनका मेडिकल कॉलेज में कोई नहीं है। यह भी आरोप है कि जो छात्रा उसे हर बात बताएगी, उसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनाया जाएगा और पीजीआई चंडीगढ़ में नौकरी भी दिलवाएगा।

छात्राओं को वह अनाधिकारिक तरीके से तीन से चार घंटे तक कार्यालय में बैठा कर रखता है। उसने अपने मुखबीर बना लिए हैं, जिनके जरिए वह दूसरी छात्राओं के संबंध में बातें मालूम करता है। वह छात्राओं के मोबाइल फोन जमा करवा लेता है और उन पर अनुशासन भंग करने के आरोप लगाता है। ऐसे भी आरोप हैं कि वह छात्राओं को कहता है कि उन पर बंद गले के कपड़े अच्छे नहीं लगते। अब बेशक, इस तरह की बातों को सामान्य समझा जाए लेकिन अगर यह टारगेट करके और लगातार छात्राओं से कही जा रही हैं तो फिर इसके मायने निकलते हैं। वे मायने यह होते हैं कि आरोपी जानबूझकर उन्हें प्रताडि़त करता है और अनुचित दबाव बनाकर उनकी स्वतंत्रता को छीनने का प्रयास कर रहा है।

 जाहिर है, ऐसे मानसिक रोगियों की जगह संस्थान में नहीं होनी चाहिए। अभी कमेटी ने इस मामले की जांच के लिए एक आंतरिक कमेटी का गठन किया है, जोकि अपनी रिपोर्ट देगी और उसके बाद यह निर्णय होगा कि आरोप सच्चे हैं या नहीं। हरियाणा में एक मंत्री पर यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच चल रही है। पीडि़त महिला कोच की ओर से बार-बार आरोप लगाए जा रहे हैं कि उसे शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है, वहीं सरकार की ओर से अभी उसके लिए न्याय की बात नहीं कही गई है।

अभी राष्ट्रीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर महिला पहलवानों की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोपों का मामला भी सुर्खियों में है। बेशक, इन सभी मामलों की  सही तरीके से जांच सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। मेडिकल कॉलेज की छात्राओं के मामले में सरकार का रुख क्या रहेगा, यह भी देखने वाली बात होगी। सरकार को चाहिए कि इस मामले में नजीर पेश करे। ऐसे मामले क्यों घटते हैं, इसकी पड़ताल भी जरूरी है। कानून का राज सच में नजर भी आना चाहिए।

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