जाति विशेष पर अभद्र टिप्पणी, बिहार के पूर्व सीएम माँझी को पड़ रहा मंहगा

जाति विशेष पर अभद्र टिप्पणी, बिहार के पूर्व सीएम माँझी को पड़ रहा मंहगा

जाति विशेष पर अभद्र टिप्पणी

जाति विशेष पर अभद्र टिप्पणी, बिहार के पूर्व सीएम माँझी को पड़ रहा मंहगा

पटना और पूर्णिया में केस दर्ज, राज्य मानवाधिकार भी पहुँचा मामला

पटना (बिहार) : अपने बेबाक बयानबाजी के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम माँझी, एक जातिगत बयान की वजह से ना केवल पूरी तरफ से फँस गए हैं बल्कि उन पर ताबड़तोड़ बयानबाजी भी हो रही है। पूर्व सीएम माँझी के द्वारा ब्राह्माणों पर दिए गये बयान को लेकर लोग काफी आक्रोशित हैं। गौरतलब है कि एक सभा को संबोधित करते हुए माँझी ने ब्राह्मणों को "हरामी" कह डाला था। इस बयान के खिलाफ, पटना के राजीव नगर थाना और के.हाट थाना पुर्णिया में जीतन राम मांझी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यही नहीं, इस बयान को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत की गयी है। पटना के राजीव नगर थाने में जीतन राम माँझी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। जीतन राम मांझी द्वारा ब्राह्मणों पर गाली-गलौज करने और भगवान सत्यनारायण स्वामी पर अभद्र टिप्पणी के संबंध में राजीव नगर के रहने वाले विशाल कुमार सिंह के नेतृत्व में अन्य लोगों ने मामला दर्ज कराया है। आवेदन में इस बात का जिक्र है कि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी द्वारा एक सभा के दौरान, सत्यनारायण भगवान और पंडितों पर गाली गलौज करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसके बाद एक दूसरा वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वे दलित समाज को गाली दे रहे हैं। इस भाषण से, एक तरफ जहाँ सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है, वहीँ जातिवाद को बढ़ावा मिलेगा। इससे समाज में उन्माद फैल सकता है और दंगा भी हो सकता है। इस वीडियो की जाँच कराए जाने और दोषी माँझी पर उचित कानूनी कार्रवाई करने की माँग राजीव नगर थानाध्यक्ष से की गयी है। जीतन राम माँझी के द्वारा ब्राह्मण समाज को गाली दिए जाने का आरोप लगाते हुए ब्राह्मण समाज के लोगों ने राज्य मानवाधिकार आयोग से इसकी शिकायत की है। इसकी प्रति मुख्यमंत्री सचिवालय पटना, पुलिस महानिदेशक मुख्यालय को भी भेजी गयी है। ब्राह्मण समाज ने अपने इस आवेदन में पूर्व सीएम जीतन राम माँझी पर यह आरोप लगाया है कि एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने ब्राह्मण समाज को गाली दिया है और कानून का उल्लंघन किया है। अपने आवेदन में ब्राह्मण समाज ने मानवाधिकार आयोग से पूरे मामले की जाँच कर, कठोर कार्रवाई का अनुरोध किया है। ब्राह्मण समाज का कहना है कि समाज हो, या कोई जाति या मजहब के लोग हों, उससे कोई मतलब नहीं है लेकिन अपमान किसी का किया जाना कहीं से भी उचित नहीं है। माँझी के बयान से हमें और हमारे समाज को गहरी ठेस लगी है। पूरे समाज में इसको लेकर नाराजगी  है। ब्राह्मण समाज का कहना है कि सत्यनारायण भगवान की पूजा, आज से नहीं बल्कि सदियों से की जा रही है। इसे शांति पूजा भी कहते हैं। यह पूजा लोग श्रद्धापूर्वक और घर में सुख, शांति और समृद्धि के लिए करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी के खिलाफ के. हाट थाना, पुर्णिया में मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने केस दर्ज किया है। धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचाने के इस मामले पर न्यायोचित कार्रवाई करने की मांग थानाध्यक्ष से की गयी है। के.हाट थाना के शांतिनगर निवासी अविनाश कुमार मिश्र ने यह मामला के. हाट थाने में दर्ज कराया है। 
थाने में दिए गये आवेदन में इस बात जिक्र है कि सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा हिन्दू धर्म के आस्था के प्रतीक, सत्यनारायण भगवान के सम्बंध में, सम्पूर्ण ब्राह्मण जाति के सम्बंध में और हिन्दू धर्म के सम्बंध में अपमान जनक शब्दों का प्रयोग और गाली-गलौज सार्वजनिक मंच पर किया गया।
इससे, श्री सत्यनारायण भगवान और हिन्दू धर्म मे आस्था रखने वाले करोड़ों लीगों के धार्मिक भावना को ठेस पहुँची है। साथ ही, उन्होंने पंडित (ब्राह्मण) के लिए "हरामी" शब्द का प्रयोग किया है। उनके वायरल वीडियो भाषण के बाद सम्पूर्ण हिन्दू और ब्राह्मण समाज गुस्से में है। ऐसे बयान को लेकर दोषी के विरुद्ध न्यायोचित कार्रवाई करने की मांग की गयी है। जिससे सभी धर्म एवं जाति का आपसी सद्भाव समाज में बना रहे। ब्राह्मणों पर दिए गये बयान को लेकर बेतिया में भी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी पर परिवाद दायर किया गया है। भाजपा के पूर्व विधायक आर.एस. पांडेय के भतीजे विवेक पांडेय ने केस दर्ज कराया है। सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है। हाँलाँकि, इस प्रकरण में जीतन राम माँझी ने माफी मांग ली है लेकिन ब्राह्मण समाज सहित हिन्दू धर्म की कई जातियों ने, माँझी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभी, समवेत स्वर में माँझी को एनडीए से बाहर का रास्ता दिखाने और कानूनी कार्रवाई की जिद पर अड़े हैं। इस विवादित बयान को लेकर, क्षत्रिय समाज भी काफी आक्रोशित है।