Wrestlers Medals in Ganga: हरिद्वार जाकर गंगा में मेडल्स बहाएंगे पहलवान; ऐलान कर बोले- इंडिया गेट पर करेंगे आमरण अनशन

हरिद्वार जाकर गंगा में मेडल्स बहाएंगे पहलवान; ऐलान कर बोले- इनके बह जाने से हमारे जीने का भी कोई मतलब नहीं, हम देश के सदा आभारी रहेंगे

 Wrestlers Medals in Ganga Haridwar

Wrestlers Will Throw Medals in Ganga Haridwar

Wrestlers Medals in Ganga Haridwar: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चीफ और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने अब एक बड़ा फैसला लिया है। पहलवानों ने अपने मेडल्स गंगा में बहाने का ऐलान किया है। पहलवान बजरंग पूनिया के ट्विटर हैंडल से इस बारे में जानकारी दी गई। पूनिया के ट्विटर हैंडल पर 3 पेज का लेटर आया है। जिसमें यह सब लिखा गया है। लेटर में बताया गया है कि, आज शाम 6 बजे पहलवान अपने मेडल्स हरिद्वार में गंगा में बहा देंगे। गंगा में ही मेडल्स इसलिए बहाए जाएंगे क्योंकि पहलवान गंगा मां को पवित्र मानते हैं और मेडल्स भी उनके लिए गंगा की तरह ही पवित्र हैं। उन्होंने बड़ी पवित्रता से देश के लिए मेडल्स हासिल किए हैं।

मेडल्स बह जाने से हमारे जीने का भी कोई मतलब नहीं

पहलवानों की तरफ से लेटर में आगे कहा गया है कि, मेडल्स उनकी जान हैं, उनकी आत्मा हैं, इनके गंगा में बह जाने से उनके जीने का भी कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसलिए वह दिल्ली के इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। पहलवानों ने कहा कि, इंडिया गेट उन शहीदों की जगह है जो देश के लिए कुर्बान हो गए। हालांकि, वह उनके जैसे तो नहीं बन सकते। लेकिन इतना जरूर है कि जब वह देश के लिए विश्व लेवल पर खेल रहे थे तो उनकी भावना भी सैनिकों जैसी ही थी। पहलवानों ने कहा कि, इस महान देश के हम सदा आभारी रहेंगे।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को क्यों नहीं लौटाए मेडल्स?

पहलवानों ने लेटर में यह भी बताया है कि, उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अपने मेडल्स क्यों नहीं लौटाए? पहलवानों का कहना है कि, हमारी राष्ट्रपति जो खुद एक महिला हैं वो हमें दो किलोमीटर दूर से बैठे हुए सिर्फ देखती रहीं.. लेकिन कुछ नहीं बोलीं.. कुछ नहीं किया। वहीं अगर प्रधानमंत्री की बात करें तो जो महिला पहलवानों को अपने घर की बेटियां बताते थे. उन्होंने एक भी बार सुध-बुध नहीं ली। बल्कि नई सांसद के उद्धघाटन में जुटे रहे और इस उद्धघाटन में हमारे उत्पीड़क बृजभूषण शरण सिंह को भी बुलाया।

हमारे साथ बर्बरता हो रही

पहलवानों ने लेटर में 28 मई को उन्हें गिरफ्तार करने का भी जिक्र किया। पहलवानों ने कहा कि, 28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें बर्बरता के साथ गिरफ्तार कर लिया गया और हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे। हमारी आंदोलन की जगह को हमसे छीन लिया गया और हमारे ऊपर ही FIR दर्ज कर ली गई। पुलिस हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में फबतियां कस रहा है। यहां तक पास्को एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है। और वहीं महिला पहलवान खेतों में छिपने के लिए मजबूर हैं।

यौन शोषण का है मामला

बतादें कि, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चीफ और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। आरोपी है बृजभूषण शरण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया। प्रदर्शनकारी पहलवान हाल ही में बृजभूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे थे। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से बृजभूषण के खिलाफ FIR करने का निर्देश दिया था। लेकिन प्रदर्शनकारी पहलवानों का कहना है कि, बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही है? उसे पद से क्यों नहीं हटाया जा रहा? प्रदर्शनकारी पहलवानों में बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक सहित अन्य महिला और पुरुष पहलवान शामिल हैं।

पहलवानों का लेटर देखें

Wrestlers Medals in Ganga Haridwar
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