हाईकोर्ट के आदेश के बाद असमंजस में राज्य निर्वाचन आयोग, आज साफ होगी तस्वीर

Uttarakhand Panchayat Chunav

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देहरादून: Uttarakhand Panchayat Chunav: उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में दो वोटर लिस्ट मतदाताओं के वोट करने और ऐसे ही प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर हाईकोर्ट के रोक लगाने के बाद चुनाव आयोग की परेशानी बढ़ गई है. ऐसे में आज 13 जुलाई रविवार को चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. आयोग अब हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखना चाहता है.

ये है मामला: नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के दौरान एक ऐसा आदेश जारी कर दिया है, जो राज्य निर्वाचन आयोग के लिए परेशानी बन गया है. हाईकोर्ट ने नियम के अनुसार निकाय और पंचायत क्षेत्र में दो जगह वोटर लिस्ट का हिस्सा रहने वाले लोगों के लिए 11 जुलाई को आदेश सुनाया है. इसमें ऐसे लोगों को पंचायत चुनाव में बतौर प्रत्याशी हिस्सा लेने पर रोका गया है. खास बात यह है कि राज्य में पंचायत चुनाव के लिए स्क्रुटनी और नाम वापसी दोनों ही प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. ऐसे में अब राज्य निर्वाचन आयोग क्या कदम उठाए? आयोग को यह समझ नहीं आ रहा.

पहले भी हो चुकी फजीहत: उत्तराखंड में यह पहली बार है, जब पंचायत चुनाव को लेकर इतना विवाद हुआ है. इसमें सरकार की भी खूब फजीहत हुई है. इससे पहले भी सरकार नोटिफिकेशन पर दिए गए तर्क को लेकर बैकफुट पर आ चुकी है. मजे की बात यह है कि अब राज्य निर्वाचन आयोग जहां एक तरफ सिंबल देने की तैयारी कर रहा था तो वहीं हाईकोर्ट ने दो जगह मतदाता सूची में नाम वाले लोगों को वोट देने और चुनाव लड़ने से रोकने का आदेश दिया है.

हाईकोर्ट ने इस पर जहां निर्देश जारी किए हैं, तो आयोग यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि इसके बाद चुनाव पर इसका क्या असर होगा? शायद यही कारण है कि राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल ने हाईकोर्ट के आदेश पर विधिक राय लेने और हाईकोर्ट से स्थिति स्पष्ट होने की बात कही है.

आयोग पर लग रहे आरोप: बड़ी बात यह है कि अब राज्य निर्वाचन आयोग पर भी गंभीर आरोप लगने लगे हैं. पंचायत प्रतिनिधि रह चुके अमरेंद्र बिष्ट कहते हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग सरकार की कठपुतली की भूमिका में दिखाई दे रहा है. हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश को भी यदि आयोग नहीं समझ रहा तो साफ है कि सरकार के इशारे पर ही आयोग काम कर रहा है.

आयोग पहुंचा कोर्ट: उधर दूसरी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए रविवार को प्रार्थना पत्र पर कोर्ट के समक्ष आने का प्रयास कर रहा है. आयोग चाहता है कि जिन तर्कों के आधार पर हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है, उस पर आयोग भी अपनी बात रख सके. इसी को देखते हुए छुट्टी के बावजूद रविवार को भी आयोग को हाईकोर्ट में सुनवाई की उम्मीद है. लिहाजा अब हाईकोर्ट के सामने आयोग की सुनवाई के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि पंचायत चुनाव में क्या बदलाव होता है.