Amarnath Pilgrims: अमरनाथ यात्रा के बीच बड़ा हादसा; जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर तीर्थयात्रियों की कई गाड़ियां टकराईं

अमरनाथ यात्रा के बीच बड़ा हादसा; जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर तीर्थयात्रियों की कई गाड़ियां टकराईं, इतने लोगों को नुकसान पहुंचने की खबर

Amarnath Pilgrims Vehicles Accident

Amarnath Pilgrims Several Vehicles Collided on Jammu-Srinagar Highway

Amarnath Pilgrims Vehicles Accident: अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2025) शुरू हो चुकी है। बाबा बर्फानी के दर्शन की इच्छा लिए बड़ी संख्या में लोग यात्रा पर आ रहे हैं। लेकिन यात्रा के इस पड़ाव में तीर्थयात्रियों के साथ हादसे भी पेश आ रहे हैं। आज रविवार को फिर से अमरनाथ यात्रा के बीच एक बड़ा हादसा हो गया। जानकारी मिली है कि, कुकगाम जिले में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर अमरनाथ तीर्थयात्रियों की कई गाड़ियां आपस में टकरा गईं।

इस हादसे में 10 के करीब लोगों के घायल होने बात कही जा रही है। हादसे के बाद मौके पर राहत-बचाव का कार्य स्थानीय-पुलिस प्रशासन द्वारा किया गया है। सभी घायलों को गाड़ियों से बाहर निकालकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। कुछ को गंभीर चोटें हैं। बहराल राहत की बात ये है कि, हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। इससे पहले अभी हाल ही में भी अमरनाथ तीर्थयात्रियों के साथ हादसा हो चुका है। जिसमें तीर्थयात्री बाल-बाल बचे थे। इस हादसे में 36 तीर्थयात्री घायल हुए थे।

दरअसल, यह हादसा जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के चंद्रकोट में हुआ। यहां लंगर साइट पर अमरनाथ जा रहीं तीर्थयात्रियों की बसें रुक रहीं थीं और यात्री नीचे उतर रहे थे। इसी दौरान पीछे से चली आ रही तीर्थयात्रियों की एक बस ब्रेक नहीं लगा सकी और अपने आगे खड़ी बसों से टकरा गई। इस हादसे में टक्कर से 4 अन्य बसें भी चपेट में आईं और इसमें 36 तीर्थयात्री घायल हो गए। फिलहाल प्रशासन ने यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।

प्रशासन ने अपील की है कि सभी श्रद्धालु यात्रा के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें। यात्रा के दौरान जगह-जगह सेना, पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों मौजूदगी है। जिससे शिव के भक्त पूरे जोश से अमरनाथ की कठिन यात्रा पर निकल रहे हैं। कश्मीर के अनंतनाग में दुर्गम पहाड़ी रास्तों के बीच अमरनाथ की पवित्र गुफा है और यहां बाबा बर्फानी विराजमान हैं।

9 जुलाई तक चलेगी अमरनाथ यात्रा

श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (Amarnath Shrine Board) के अनुसार, इस साल 3 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त तक चलेगी। 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) के दिन अमरनाथ यात्रा समाप्त कर दी जाएगी। मतलब इस साल की अमरनाथ तीर्थयात्रा की अवधि लगभग 38 दिनों की होगी। यानि इतने दिनों तक तीर्थयात्री पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के अद्भुत दर्शन कर पाएंगे। जो श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा करेंगे उनके लिए RFID टैग अनिवार्य किया गया है।

मतलब यात्रा में जो भी शामिल होगा उसे RFID टैग लेना ही होगा। बिना RFID टैग के वह यात्रा में नहीं घुस सकता है। अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों को RFID टैग एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, या अगर श्रद्धालु रोड से आ रहे हैं तो उन्हें अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा RFID टैग वहां भी मिल जाएगा। RFID टैग की सुविधा बेहतर सुरक्षा को देखते हुए रखी गई है। इसके द्वारा हर अमरनाथ यात्री को ट्रैक किया जा सकेगा कि वह किस जगह पर मौजूद है।

अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?

याद रहे कि अमरनाथ यात्रा में आप तभी शामिल हो सकते हैं जब आप इसके लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे। बिना रजिस्ट्रेशन आप यात्रा शुरू नहीं कर सकते हैं। आप चाहें तो खुद से श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और अगर नहीं करना आता है तो किसी भी ऑनलाइन कार्य सेंटर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए लंगर से लेकर रहने की व्यवस्था होगी।

बतादें कि, रजिस्ट्रेशन में श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की तरफ से आपसे बहुत सी जरुरी जानकारी मांगी जाएगी। यात्रा के लिए श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अपने नियम हैं जिनपर आपको हर हाल में खरा उतरना होगा। आपसे यहां हेल्थ संबंधी जानकारी भी ली जायेगी। हमारी सलाह है कि आप रजिस्ट्रेशन करने से पहले श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर यात्रा संबंधी नियमों को एक बार जरूर पढ़ लें।

अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था होती है प्राथमिकता

अमरनाथ यात्रा में पहली प्राथमिकता सुरक्षा व्यवस्था होती है जो कि हर हाल में पुख्ता रखी जाती है। यात्रा के दौरान यहां भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाती है. सुरक्षाकर्मी एकदम चौकस रहते हैं और अपनी पैनी निगाह से पूरी घाटी पर होने वाली हर हलचल पर नजर रखते हैं। अमरनाथ यात्रा में हर हाल में यह तय किया जाता है कि घाटी में बाबा बर्फानी के दर्शन करने आने वाले भक्त सकुशल अपने घर लौट सकें। दरअसल, जम्म-कश्मीर घाटी के बीच अमरनाथ यात्रा बेहद कठिनाई भरी तो है ही साथ ही आतंकी खतरा का भी एक अलग डर रहता है।