रक्तदान से बड़ा कोई परोपकार नहीं, 129 निरंकारी श्रद्धालुओं ने किया रक्तदान
- By Vinod --
- Sunday, 01 Jun, 2025

There is no greater charity than blood donation
There is no greater charity than blood donation- पिंजौरI सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन आशीर्वाद से तथा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वधान में स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन पिंजौर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान शिविर में 129 श्रद्धालुओं ने मानवमात्र के भले व कल्याण के लिए रक्तदान किया। रक्तदान शिविर का शुभारंभ चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ पी निरंकारी जी व नगर परिषद कालका के चेयरमैन कृष्ण लांबा तथा संयोजक तारा सिंह ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर नगर परिषद कालका के चेयरमैन कृष्ण लांबा ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पवित्र आशीर्वाद से संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा लगाए जा रहे रक्तदान शिविरों की सराहना करते हुए कहा कि मानवता के कल्याण के लिए मिशन का यह बहुत बड़ा परोपकार है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई पैसे से कितना भी धनवान हो पर रक्तदान करने वाला उससे महान व धनवान होता है।
चंडीगढ़ के जोनल इंचार्ज श्री ओ पी निरंकारी जी ने कहा कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का रक्तदाताओं के लिए आशीष हैं कि संत "खूबसूरत जहान करते हैं, एक सेवा महान करते हैं।
किसी की जिंदगी बचाने को मिलके सब, रक्तदान करते हैं।"उन्होंने कहा कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है। इसलिए सबको मानवता के कल्याण के लिए बढ़चढ़ कर रक्तदान करना चाहिए। चिकित्सक भी बताते है कि रक्तदान करने से नए रक्त का संचार होता है तथा कई बीमारियों से बचाव भी होता है। उन्होंने कहा कि अब तक 9 हजार शिविरों में 1.5 मिलियन रक्त के यूनिट दिए जा चुके हैं।
कालका संयोजक तारा सिंह जी व स्थानीय मुखी जगदीश जी ने चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ पी निरंकारी जी व नगर परिषद कालका के चेयरमैन कृष्ण लांबा , गणमान्य व्यक्तियों , रक्तदाताओं, पीजीआई चंडीगढ़ से आए डॉक्टरों की टीम का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी ने 1986 में रक्तदान शिविरों की शुरुआत करते हुए मानवमात्र के लिए यही संदेश दिया कि " रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहना चाहिए ।" इसी उद्देश्य से ही सभी श्रद्धालु रक्तदान कर मानवता के कल्याण के लिए प्रयासरत हैं
हमारा हर कर्म सत्गुरू के वचनों पर आधारित हो
मनीमाजरा : हम बहुत ही भाग्यशाली हैं क्योंकि हमारा जन्म ऐसे घर में हुआ है जहां हमारे माता-पिता ब्रहमज्ञानी हैं और सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने हर शहर में बच्चों के लिए अलग से संगतो की स्थापना की हुई है और हमारा सत्संग में आने का लाभ तभी होगा यदि हमारा हर कर्म सत्गुरू व अपने माता-पिता के प्रवचनों पर आधारित हो, इससे न केवल हमारा जीवन समृद्धशाली होगा बल्कि समाज में भी हमारा सत्कार होगा और सत्गुरू का प्रचार भी स्वयंमेव होता चला जाएगा, ये उद्गार कल यहां हुए मनीमाजरा ब्रान्च के बाल समागम में सैक्टर 45 ऐरिया के मुखी श्री एन के गुप्ता जी ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थित बच्चों व युवाओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए । इस अवसर पर अरदास, प्रयास और विश्वास बारे चर्चा करते हुए श्री गुप्ता जी ने कहा कि जब भी हम सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज से अपने किसी कार्य के लिए या किसी कठिनाई के अवसर पर कोई अरदास करते हैं तो हमारे मन में यह विश्वास होना चाहिए कि ये हमारी अरदास पर अवश्य ही गौर फरमायेंगे और यदि यह अरदास हमारे लिए सुखदायी होगी तो पूर्ण भी अवश्य करेंगे लेकिन उसके लिए जो जो भी हमें कर्म करना है वह हम निष्काम भाव से करते चले जायें, उस दौरान हमें किसी की लाईन को छोटा करने की बजाए अपनी लाईन को बड़ा करने की ओर ध्यान देना है अर्थात ऐसे समय में गुरू के आदेशों को नज़रअन्दाज़ नहीं करना । इससे पूर्व बड़े बच्चों ने ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे बच्चों ने भी बाल संगत से समय समय पर प्राप्त की गई शिक्षायों को अपने स्पीच, गीत, कविता व स्किट आदि के रूप में व्यक्त करने का प्रयास किया । इस अवसर पर उपस्थित यहां के मुखी श्री अमरजीत सिंह जी ने सभी वक्ताओं की सराहना की और सभी श्रोताओं का धन्यवाद करते हुए सत्गुरू माता जी से बच्चों के लिए अरदास की कि वे न केवल अपने पढ़ाई में आगे बढ़ें बल्कि सत्संग सेवा सिमरन से भी पीछे न हटें।