आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 14 अगस्त 2025 : आज हलषष्ठी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 14 अगस्त 2025 : आज हलषष्ठी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Aaj ka Panchang 14 August 2025

Aaj ka Panchang 14 August 2025

Aaj ka Panchang 14 August 2025: आज यानी 14 अगस्त को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस तिथि पर हर साल बलराम जयंती मनाई जाती है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस खास अवसर पर भगवान बलराम की पूजा-अर्चना होती है और विशेष चीजों का दान किया जाता है। इस बार बलराम जयंती पर कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 14 August 2025) के बारे में।

तिथि: कृष्ण षष्ठी

मास पूर्णिमांत: भाद्रपद

दिन: गुरुवार

संवत्: 2082

तिथि: 15 अगस्त को षष्ठी रात्रि 02 बजकर 07 मिनट तक

योग: शूल दोपहर 01 बजकर 12 मिनट तक

करण: गरज प्रातः 03 बजकर 15 मिनट तक

करण: 15 अगस्त को वणिज रात्रि 02 बजकर 07 मिनट तक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 50 मिनट पर

सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 01 मिनट पर

चंद्रमा का उदय: रात 10 बजकर 07 मिनट पर

चन्द्रास्त: सुबह 10 बजकर 47 मिनट पर

सूर्य राशि: कर्क

चंद्र राशि: मीन

पक्ष: कृष्ण

शुभ समय अवधि

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक

अमृत काल: सुबह 06 बजकर 50 मिनट से सुबह 08 बजकर 20 मिनट तक

अशुभ समय अवधि

राहुकाल: दोपहर 02 बजकर 04 मिनट से 03 बजकर 43 मिनट तक

गुलिक काल: प्रातः 09 बजकर 08 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक

यमगण्ड: प्रातः 05 बजकर 50 मिनट से 07 बजकर 29 मिनट तक

आज का नक्षत्र

आज चंद्रदेव रेवती नक्षत्र में रहेंगे…

रेवती नक्षत्र- प्रातः 09 बजकर 06 मिनट तक

सामान्य विशेषताएं: ईमानदार, आकर्षक व्यक्तित्व, विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण, आशावादी, सुंदर, सफल, बुद्धिमान, शिक्षित और मानवता में गहरी आस्था

नक्षत्र स्वामी: बुध देव

राशि स्वामी: बृहस्पति देव

देवता: पूसन (पोषणकर्ता)

प्रतीक: मछली

बलराम जयंती का महत्व

यह दिन केवल एक पौराणिक पर्व नहीं, बल्कि धर्म, परिश्रम, और भ्रातृ प्रेम का स्मरण है। बलराम जी ने सदैव धर्म की रक्षा की और अधर्म के विरुद्ध अपने भाई श्रीकृष्ण के साथ खड़े रहे। वे कृषक समुदाय के आराध्य भी हैं, क्योंकि उन्होंने हल और खेती को देवत्व प्रदान किया।

भगवान बलराम, श्रीकृष्ण के बड़े भ्राता हैं, जिन्हें “हलधर”, “बलदाऊ”, “दाऊजी” और “शेषनाग अवतार” के रूप में जाना जाता है। वे शक्ति और संतुलन के प्रतीक हैं। उनका जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी को हुआ था, जिसे बलराम जयंती के रूप में मनाया जाता है।

षष्ठी अवधि-

षष्ठी तिथि प्रारंभ - 14 अगस्त 2025 को सुबह 04 बजकर 23 मिनट से

षष्ठी तिथि समाप्त -15 अगस्त 2025 को सुबह 02 बजकर 07 मिनट तक

पूजा विधि और परंपरा

इस दिन व्रत-पूजन, श्री बलराम जी के मंत्रों का जाप, शुद्ध सात्विक भोजन और संध्या आरती की परंपरा होती है। भक्तगण बलराम जी को दूध, मक्खन, शर्बत और ताजे फल अर्पित करते हैं।