आतंकी तहव्वुर राणा को भाई से बात करने की क्यों मिल गई अनुमति, जानिए इसके पीछे का कारण

Tahawwur Hussain Rana
नई दिल्ली: Tahawwur Hussain Rana: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमलों के आरोपी और साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत 8 सितंबर तक बढ़ा दिया है. स्पेशल जज चंदर जीत सिंह ने न्यायिक हिरासत बढ़ाने का आदेश दिया. आज कोर्ट ने तहव्वुर राणा को निजी वकील रखने के लिए अपने भाई से महीने में तीन बार बात करने की अनुमति दे दी.
रिकॉर्ड होगी तहव्वुर राणा की बात
कोर्ट ने कहा कि फोन जेल अधिकारियों की उपस्थिति में किया जाएगा और राणा अपने भाई से हिंदी या अंग्रेजी में करेगा जिसे रिकॉर्ड किया जाएगा.
इससे पहले 7 अगस्त 2025 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तहव्वुर राणा को परिवार से बात करने की अनुमति दी थी. स्पेशल जज चंदर जीत सिंह ने राणा को अपने परिवार से बात करने की अनुमति दी. इसके पहले भी 9 जून को कोर्ट ने राणा को अपने परिवार से जेल अधिकारी की निगरानी में अपने परिवार से बात करने की अनुमति दी थी. सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन राणा को अपने परिवार से नियमित रूप से बात करने की अनुमति देने की मांग का विरोध किया था.
9 जुलाई एनआईए ने तहव्वुर राणा के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल किया था. एनआईए ने 10 अप्रैल की शाम को तहव्वुर को दिल्ली के पालम वायुसेना अड्डे पर उतरते ही गिरफ्तार किया था.
बता दें कि अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण के खिलाफ राणा की याचिका खारिज किए जाने के बाद उसे लाने के लिए भारतीय एजेंसियों की एक टीम अमेरिका गई थी. तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है.
64 वर्षीय तहव्वुर राणा के समर्थन की वजह से उस समय भारत में हेडली की आवाजाही आसान हो गई थी. पाकिस्तान मूल के तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली बचपन के दोस्त थे और दोनों ने एक ही सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी. तहव्वुर राणा ने डेविड कोलमैन हेडली की मदद के लिए मुंबई में एक एजेंसी खोली थी.