The situation in Sri Lanka is worse, see the action of the public....

श्रीलंका के हालात बदतर, देखें जनता का एक्शन....

Sri-Lakna

The situation in Sri Lanka is worse, see the action of the public....

कोलंबो। श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर जनता का गुस्सा इतना भड़का कि आंदोलनकारियों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के सरकारी आवास पर कब्जा कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स में राजपक्षे के देश छोडऩे की अटकलें लगाई जा रही हैं। श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ लंबे वक्त से  'गोटा गो गामा' और 'गोटा गो होम' आंदोलन जारी है।

सिंहली भाषा में गामा का मतलब गांव होता है। प्रदर्शनकारी एक जगह जमा होकर तंबू लगाते हैं और गाडिय़ों के हार्न बजाते हुए राष्ट्रपति और सरकार के खिलाफ गोटा-गो-गामा का नारा बुलंद करते हैं। इनका मकसद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को सत्ता छोडऩे के लिए मजबूर करना था।

देश में बिगड़ते हालात के बीच जापान के राजदूत मिजुकोशी हिदेकी ने श्रीलंका की आर्थिक मदद करने से इनकार कर दिया है। मिजुकोशी का कहना है कि श्रीलंका को आर्थिक मदद से मिसमैनेजमेंट का खतरा है। इसलिए जापान इस वक्त कोई मदद नहीं करेगा। हालांकि, इस बारे में आगे विचार किया जा सकता है।

प्रर्दशनकारियों का जत्था गॉल में चल रहे ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका मैच के स्टेडियम के बाहर तक पहुंच गया है। पूर्व लंकाई क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भी प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हैं। वहीं, राजधानी कोलंबो में आंदोलन उग्र हो गया है। पुलिस के साथ झड़प में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बिगड़ते हालात को लेकर प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। 

आर्मी कर रही पेट्रोल पंप की निगरानी

श्रीलंका में आम लोगों की रोज पुलिस, आर्मी और एयरफोर्स के साथ झड़पें हो रही हैं, क्योंकि यहीं पेट्रोल पंप की निगरानी कर रहे हैं। समाज में उग्रता अप्रत्याशित तौर पर बढ़ी है, जो दंगों के रूप में उभर जाती है। स्कूल-कॉलेज, अस्पताल बंद पड़े हैं। लिहाजा युवक घर पर अपने परिवार को बेबस जूझते हुए देखने पर मजबूर हैं। केमिकल फर्टिलाइजर पर बैन के चलते देश में खाद्य संकट पैदा हो गया है। गैस की कमी के कारण लोग घरों में चूल्हा जला रहे हैं। श्रीलंका के मध्यमवर्गीय परिवारों ने भी अपने भोजन की खपत को कम कर दिया है, क्योंकि वे इतनी महंगी खाद्य सामग्री लेने से कतरा रहे हैं।

आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट

श्रीलंका में लोगों को रोजमर्रा से जुड़ी चीजें भी नहीं मिल पा रही हैं या कई गुना महंगी मिल रही हैं। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है, जिससे वो जरूरी चीजों का भी आयात नहीं कर पा रहा है। सबसे ज्यादा ईंधन की कमी है। पेट्रोल-डीजल पर कई किलोमीटर लंबी लाइनें हैं। विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं।