Efforts of the youth of Dulhedi

दुल्हेड़ी के युवाओं का प्रयास सराहनीय और अनुकरणीय  

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Efforts of the youth of Dulhedi

Efforts of the youth of Dulhedi जब हर तरफ नकारात्मकता का वास हो। शिकायतें, आरोप, द्वेष, आलोचना, निंदा, अपराध, हत्याएं, हादसे, वैचारिक हमले और बदले की भावना से उठाए गए कदमों की चर्चा हो रही हो, तब ऐसी सकारात्मक घटनाएं चौंकाती हैं कि देश के प्रधानमंत्री किसी अनजान से शहर के साथ बसे किसी गांव के युवाओं का जिक्र करें। कहते हैं परिश्रम कभी निष्फल नहीं जाता। उसे करने वालों को यह व्यर्थ लग सकता है, इसकी भी तड़प मन में हो सकती है कि उसकी चर्चा क्यों नहीं होती और उसका श्रेय क्यों नहीं मिलता। लेकिन जो उसे साधना भाव से करते रहते हैं, एकदिन उन्हें उसका परिणाम बहुत बड़े आकार में और पूरे गौरवगान के साथ मिलता है।

हरियाणा के भिवानी जिले के दुल्हेड़ी गांव के कुछ युवाओं की यही मेहनत अब रंग लाई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Mod ने अपने साप्ताहिक मन की बात कार्यक्रम में उनका जिक्र किया। देश में स्वच्छता अभियान की नींव डालने वाले और उसे लगातार आगे बढ़ाने वाले प्रधानमंत्री मोदी आखिर इन युवाओं के इस कार्य से प्रभावित कैसे न होते।

 इन युवाओं की कहानी यह है कि वे दुल्हेड़ी गांव से सुबह 4 बजे भिवानी शहर में आ जाते हैं और यहां शहर के अलग-अलग स्थलों पर मिलकर सफाई अभियान चलाते हैं। ये लोग अब तक शहर के विभिन्न इलाकों से कई टन कूड़ा साफ कर चुके हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी इस कार्य के लिए भरपूर प्रशंसा की है। जाहिर है, भिवानी शहर में स्थानीय निकाय प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि वह शहर की सफाई कराए, उसकी ओर से यह कार्य किया भी जाता होगा। लेकिन इन ग्रामीण युवाओं ने भी सफाई के इस महती कार्य में अपना योगदान देना जरूरी समझा। दरअसल, गांव-देहात और शहरों में अनेक ऐसे समूह और लोग मिलेंगे जोकि इस तरह के कार्य बगैर किसी प्रशंसा और सराहना के कर रहे हैं।

उनके मन में किसी पुरस्कार की चाह भी नहीं मिलेगी, वहीं वे संभव है ऐसी किसी आकांक्षा को भी नहीं पाले हुए हैं कि एक दिन प्रधानमंत्री उनके कार्य की प्रशंसा करेंगे। वास्तव में पुरस्कार की चाह में कोई कार्य शुरू किया भी नहीं जा सकता। समाज सेवा एक आदर्श ध्येय है, जब कोई अपने अहं को गला कर सडक़ पर उतरता है। देखने को मिलता है कि राजनीति में आने को समाज सेवा का जरिया बनाया जाता है, कुछ दिन सडक़ पर कूड़ा उठवा कर या फिर अस्पताल में मरीजों को केले बांट कर या फिर अनाथाश्रम में सस्ते कपड़े देकर लोग मीडिया में अपनी फोटो और विवरण जारी करवा लेते हैं।

वास्तव में यह समाज सेवा नहीं है, सेवा में नि:स्वार्थ की भावना होना बेहद जरूरी है और यह भावना ही किसी कार्य को ऊंचाई प्रदान करती है। दुल्हेड़ी के युवाओं के संबंध में इससे पहले कहीं पढ़ा या सुना नहीं गया था, जाहिर है उन्होंने अपने इस कार्य के एवज में ऐसी चाह ही नहीं रखी कि उन्हें कुछ ऐसा नाम और सम्मान मिले। वास्तव में यही उनकी श्रेष्ठ समाज सेवा है।

 स्वच्छता एक आदत होनी चाहिए, आजकल गांव-देहात में भी राज्य सरकार की ओर से स्वच्छता की मुहिम छेड़ी गई है। हरियाणा का पंचायत विभाग इस दिशा में संजीदा है। गांवों में घर-घर से कूड़ा उठाने के लिए कचरा गाड़ी लगाई गई हैं, वहीं सफाई कर्मी भी कार्यरत हैं, जिन्हें पंचायत की ओर से वेतन मिलता है। वहीं शहरों में भी अब सफाई अभियान पर जोर दिया जाता है।

राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत अब देशभर के शहरों का सर्वे कर वहां स्वच्छता और दूसरी सेवाओं के संबंध में आकलन किया जाता है, जिससे इस दिशा में अधिकारियों ने सक्रियता बढ़ाई है वहीं निर्वाचित प्रतिनिधि भी संजीदा हुए हैं। वास्तव में स्वच्छता कार्यक्रम कभी औपचारिक नहीं होना चाहिए। देश में एक समय हालात ऐसे थे कि घरों में शौचालय बनवाने में लोग नाक-भौं सिकोड़ते थे। निश्चित रूप से यह समाज और देश के लिए कलंक था। अब हरियाणा पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त राज्य है और यह उल्लेखनीय उपलब्धि है।

दुल्हेड़ी में युवा स्वच्छता एवं जन सेवा समिति के अध्यक्ष पवन सैनी बताते हैं कि तीन साल पहले संस्था ने स्वच्छता का यह कार्य अपने गांव से शुरू किया था। अब इस समिति में गांव के लगभग 60 युवा शामिल हैं जोकि अपने गांव और भिवानी शहर में सफाई अभियान चलाते हैं। वास्तव में इन युवाओं का यह प्रयास बेहद प्रशंसनीय और अनुकरणीय है। प्रत्येक गांव और शहर में अगर ऐसे युवा सामने आएं तो फिर अन्य समस्याएं भी नहीं रहेंगी। विकास कोई भौतिक वस्तु नहीं है, जिसे कहीं जाकर रख देंगे तो यह काम करने लगेगी। यह सरकार और लोगों का मिलाजुला प्रयास है, जनता की भी अपनी जिम्मेदारी है, जिसका निर्वाह उसे करना चाहिए। 

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