The contractor who scammed crores from Citco showed his strength

सिटको से करोड़ों का घोटाला करने वाले ने ठेकेदार ने दिखाई अपनी ताकत

The contractor who scammed crores from Citco showed his strength

The contractor who scammed crores from Citco showed his strength

The contractor who scammed crores from Citco showed his strength- चंडीगढ़, 29 मार्च (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ के महकमों की पूरी फौज पर ठेकेदार भारी हैं। जो काम बड़े बड़े अफसरों से लबरेज पूरा महकमा नहीं कर पाया, उसे एक मामूली से ठेकेदार ने कर दिखाया। ठेकेदार ने सिटको के अफसरों को अपनी ऐसी हेकड़ी और ताकत दिखाई कि कारपोरेशन के अफसर पानी भरते नजर आए। न केवल अफसरों को पुलिस के बुलावे पर पानीपत के थाने में जाना पड़ा बल्कि उनकी वहां सारा दिन जबरदस्त हैरासमेंट भी हुई। अफसरों की पानीपत तक ठेकेदार द्वारा कराई गई इस परेड की पूरे प्रशासन में चर्चा है।

चंडीगढ़ प्रशासन के अंडर काम कर रहे एक महकमे चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (सिटको) ने ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विसेज के ठेकेदार के नाम पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए पूरा जोर लगा लिया लेकिन इसे लिखने में करीब एक माह गुजर गया।  ठेकेदार ने सिटको की पानीपत पुलिस के पास शिकायत कर दी कि उसके पांच लाख रुपये कारपोरेशन ने निकलवा लिये, लिहाजा ऐसा करने वाले मुलाजिमों पर केस दर्ज किया जाए। शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पानीपत पुलिस ने सिटको के चार अफसरों को पूछताछ के लिए बुलावा भेज दिया। हैरानी वाली बात, तीन बड़े अफसर और एक अन्य मुलाजिम पुलिस के समक्ष पेश भी हुए।

इन अफसरों में कंपनी सेक्रेट्री मनिंदर कंवर, मैनेजर अकाउंट्स प्रवीन नंदा, कमर्शियल ब्रांच का मुलाजिम नरिंदर क्वात्रा और सीनियर मैनेजर राजपाल शामिल रहे। इतना ही नहीं उन्होंने केस को लेकर हरियाणा पुलिस की ओर से पूछे गए कडक़ सवालों के जवाब भी दिये। इन सभी अफसरों का उस दिन काफी समय पुलिस थाने में गुजरा। जानकारी के अनुसार भूखे प्यासे अफसर व मुलाजिम देर शाम चंडीगढ़ पहुंचे। हैरानी वाली बात यह है कि ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विसेज का ठेके दार चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन (सिटको) से 1 करोड़ 5 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा कर चुका है। इस ठेकेदार के खिलाफ कई दिनों बाद सेक्टर 17 के थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है लेकिन अभी तक इसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

सिटको के होटलों में विभिन्न तरह की मैनपावर प्रदान करने वाले ठेकेदार ने सिटको की अकाऊंट्स ब्रांच में कलर फोटोस्टेट कर फर्जी सिक्योरटी के कागजात जमा करा लिए थे और असल कागजातों की बदौलत पानीपत से 35 लाख की सिक्योरटी निकलवा ली थी। इस ठेकेदार का नाम अनिल कुमार है। इसने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि सिटको ने उसके 5 लाख रुपये निकलवा लिये। हालांकि 1 करोड़ 5 लाख रुपये की कारपोरेशन को चपत लगाने के बाद कारपोरेशन ने यह पैसा जब्त किया था।

5.21 लाख रुपये भी जमा कर दिये

सिटको के मुलाजिमों की ठेकेदार से मिलीभगत कहें या लापरवाही, इसे घपला सामने आने के बाद भी 5.21 लाख रुपये की आरटीजीएस बैंक के जरिये करवा दी गई। यह पेमेंट एक दूसरे ठेकेदार के खाते में जानी थी। सिटको के जनरल मैनेजर हरजीत संधू ने सेक्टर 17 पुलिस थाने में ठेकेदार पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की थी लेकिन उनकी कड़ी चिठ्ठी के बाद भी एफआईआर करीब एक माह बाद जाकर दर्ज हुई। फर्जी गारंटी बदलने को लेकर सिटको ने अपने चार मुलाजिमों पर कार्रवाई भी कर दी थी। अकाऊंट्स मैनेजर विनोद, बिल क्लर्क बलविंदर कौर के साथ साथ आउटसोर्सिंग पर तैनात अकाउंट्स क्लर्क पूजा को नौकरी से निकाल दिया गया था।

सर्विस प्रोवाइड का था ठेका

यहां बता दें कि ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विस के पास बीते काफी समय से सर्विस प्रोवाइड का ठेका था। यह सिटको के होटलों, रेस्टोरेंट व अन्य फूड जंक्शनों पर कुक, वेटर व मैंटेनेंस के लिए स्टाफ उपलब्ध कराता था। सिटको को इस ठेकेदार ने 550 से 600 कर्मचारी उपलब्ध करा रखे थे। यह सर्विस प्रोवाइड करने की एवज में महीने का इस ठेकेदार को सिटको की ओर से 60 से 65 लाख रुपया दिया जाता था। सिटको ने इससे सर्विस प्रोवाइडर का ठेका दिये जाने के लिए 35 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करवाई थी। यहां बता दें कि सिटको का कमर्शियल सैल यह ठेका देता है। वर्ष 2021 में यह ठेका समाप्त हो गया। इससे सिटको को 35 लाख रुपये की राशि लेनी थी लेकिन सिटको के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर इसने जुगत लगाई। इसने अकाऊंट्स विभाग के पास जमा अपनी बैंक गारंटी व अंडरटेकिंग के 30 लाख रुपये के कागजात निकलवा लिये। इतना ही नहीं बैंक गारंटी व अंडरटेकिंग की कलर फोटोस्टेट करवा कर वहां जमा करा दी।

कोविड 19 के दौरान दो तरफ से ली राशि

कोविड 19 के दौरान पीएम ऑफिस की ओर से घोषणा की गई थी कि मुलाजिमों की सैलरी की एवज में उनकी ओर से राशि दी जाएगी। इस सर्विस प्रोवाइडर ने पीएम ऑफिस से भी और दूसरी तरफ सिटको से भी 35 लाख रुपये की राशि ले ली। कुल मिलाकर इस ठेकेदार ने एक तो सिटको के 65 लाख रुपये मार लिये। दूसरे 35 लाख रुपये की बैंक गारंटी भी ले उड़ा। तीसरा सिटको के मुलाजिमों ने इस ठेकेदार के खाते में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी 5.21 लाख रुपये डाल दिये। कुल मिलाकर सिटको को 1 करोड़ 5 लाख रुपये से भी  ज्यादा की चपत लग गई।

पुलिस ने बुलाया तो जाना पड़ा

सिटको के सीजीएम हरजीत संधू ने कहा कि पुलिस ने बुलाया तो मुलाजिमों को जाना ही पड़ा। जहां तक चंडीगढ़ में ठेकेदार पर देर से एफआईआर का सवाल है तो पहले पुलिस ने मामले में इंक्वायरी की। जो भी सिटको के अफसर दोषी पाये गए उन पर कार्रवाई कर दी गई।