बदहाल बिजली व्यवस्था से नाराज पलवल औद्योगिक इकाइयों के दल ने बिजली घर का दौरा कर खामियों को किया उजागर

Angry with the poor condition of electricity
पलवल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के नेतृत्व में दल ने बघौला बिजली घर का किया दौरा
मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की उठाई मांग
पलवल। दयाराम वशिष्ठ: Angry with the poor condition of electricity: बिजली के अघोषित कटों व बिजली घर की ओवरलोडिंग सिस्टम से परेशान पलवल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व औद्योगिक इकाइयों के दल ने बघौला में 66 केवी बिजली घर का दौरा कर वहां की खामियों का खुलासा किया। इस दौरान एसोसिएशन ने कई चौकाने वाले खुलासा किए हैं। एसोसिएशन ने इससे संबंधित शिकायत मुख्यमंत्री, बिजली मंत्री व उद्योगमंत्री के अलावा बिजली निगम अधिकारियों तक से शिकायत कर तुरंत व्यवस्था में सुधार किए जाने की मांग की है।
कम क्षमता के लगे हैं इनकमर वोल्टेज सर्किट ब्रेकर, हीट होते ही काटनी पडती है लाइन
एसोसिएशन ने बिजली घर में लगे उपकरणों की पडताल की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए। औद्योगिक इकाइयों के दल में शामिल पदाधिकारियों ने बताया कि
सब-स्टेशन ओवरलोड होने का मुख्य कारण वहां पर इस्तेमाल होने वाले इनकमर वीसीबी (वोल्टेज सर्किट ब्रेकर) का निम्न स्तरीय होना है, वहां पर लगे चारों इनकमर में 2000एम्पीयर क्षमता के स्थान पर 1250 एम्पीयर के वोल्टेज सर्किट ब्रेकर लगाएं हुए है जो हीट होने की स्थिति पर 700 से 800 एम्पीयर लोड चलने पर लाइन को कट करना पड़ता है। इस अघोषित कट से उद्योगों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
लोड एक्सटेंशन के लिए मंगाया गया ट्रांसफार्मर बना है अभी तक शो पीस
लोड एक्सटेंशन के लिए 25/31.5 एम्पीयर का नया ट्रांसफार्मर जो पिछले 2 महीने से सब स्टेशन पर आया हुआ हैवह अभी तक इनस्टॉल नहीं किया जा सका है। जबकि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति चरमराई हुई है तो क्यों इस काम में इतनी देरी की जा रही है ? उसके साथ में आये सभी वोल्टेज सर्किट ब्रेकर 2000 एम्पीयर के ही हैं. लेकिन अभी तक वे नहीं लगाए जा सके हैं।
कर्मचारियों की जान भी रहती है जोखिम में
अधिक लोड होने पर ये निम्न स्तरीय वोल्टेज सर्किट ब्रेकर हीट होने के कारण कई बार फट भी जाते हैं। जिससे यहां पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों की जान हमेशा ही जोखिम में रहती है। एसोसिएशन ने जाँच के दौरान क्रैक हुई हाउसिंग का निरीक्षण भी किया और ओवरहीट होती वोल्टेज सर्किट ब्रेकर को देख स्थिति की भयावता को भी महसूस किया कि अगर कभी आस पास काम करते वक़्त कोई वोल्टेज सर्किट ब्रेकर फट जाता है तो वहां उपस्थित कर्मचारी की जान को कितना बड़ा जोखिम है।
अब सवाल उठता है कि इतनी बड़ी चूक आखिर क्यों हुई और इतने साल से विभाग ने इस जानकारी पर क्या एक्शन लिया ?
सिस्टम ओवरलोड तो अतिरिक्त लोड को मंजूरी क्यों दी जा रही है
दल को अनाधिकृत लोड वितरण के लिए कंपनियों से अतिरिक्त वोल्टेज सर्किट ब्रेकर लेकर लोड वितरण का मामला भी प्रकाश में आया, जिस पर सवाल ये उठता है कि जब सब-स्टेशन पहले से ही ओवरलोडेड है तो कैसे और क्यों बिना कोई ठोस कदम के इस अतिरिक्त लोड को मंजूरी दी जा रही है?
बदहाल है बिजली घर
दल ने पाया कि जहाँ इनकमर पैनल लगे हैं, वहां पर खिड़कियों के कांच टूटे हुए हैं जिससे बारिश का पानी पैनल पर आता है। इससे बचने को प्लास्टिक का तिरपाल इस्तेमाल किया जाता जिसको बारिश आने पैनल पर ढक दिया जाता है अधिक हीट होने पर उसे तुरंत हटाना पडता है कि कहीं आग न पकड़ ले, साथ ही वहां किसी प्रकार का कूलिंग सिस्टम जो पैनल को ठंडा रख सके नहीं लगा हुआ।
हरफली बिजली घर से नहीं जोडा गया है बघौला बिजली घर
हरफली मैं नवनिर्मित सब-स्टेशन पर भरपूर लोड उपलब्ध है पर सम्बंधित विभाग से हरफली सबस्टेशन को बघोला तथा मेघपुर सब स्टेशन से जोड़ा नहीं जा सका है जिससे क्षेत्र को आने वाले समय मैं भी बिजली की किल्लत बनी रहनी है।
मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर व्यवस्था सुधारने की उठाई मांग
उन्होंने प्रदेश सरकार और माननीय मुख्यमंत्री से इन समस्याओं के निराकरण के लिए विभाग को जरूरी दिशा निर्देश देने का अनुरोध किया साथ इस बात की मांग भी उठाई कि अगर विभाग से क्षेत्र की विधुत व्यवस्था नहीं संभल रही तो इसको प्राइवेट सेक्टर को दिया जाए जिससे उद्योगों को समय पर बिजली आपूर्ति हो सके और जिले की इकाइयां पलवल के विकास के लिए, महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा करने और राज्य के आर्थिक विकास में व्यापक योगदान देने के लिए सक्षम हो सकें।