Chandigarh Mayor- मिस्टर मसीह, आप बैलट पेपर क्यों खराब कर रहे थे... चंडीगढ़ मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी पर CJI ने दागे सवाल

सुप्रीम कोर्ट के अंदर से अनिल मसीह का VIDEO; CJI ने जब सवाल पर सवाल दागे तो क्या जवाब दे रहे थे पीठासीन अधिकारी, देखें

Supreme Court CJI Questions To Anil Masih Chandigarh Mayor Election

Supreme Court CJI Questions To Anil Masih Chandigarh Mayor Election

Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में फर्जीवाड़े का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। पूरे देश में मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह की गजब चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग मसीह की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी अनिल मसीह को निशाने पर ले रखा है। बीते सोमवार को मामले में सुनवाई के दौरान अनिल मसीह व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अनिल मसीह से कई सवाल किए। वहीं सीजेआई ने अनिल मसीह के जवाब सुनकर एक बार फिर से मुकदमा चलाने की बात कह दी। सीजेआई ने कहा कि, पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है. मुकदमा चलाना होगा। सुप्रीम कोर्ट में CJI और अनिल मसीह में सवाल-जवाब का वीडियो देखिए

 

आज दोपहर फिर सुनवाई

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज दोपहर फिर से सुनवाई होनी है। CJI ने मेयर चुनाव के सारे बैलट पेपर जांच करने के लिए कोर्ट में मंगाए हैं। इससे पहले सीजेआई के आदेश पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास बैलट पेपर रखे गए थे। सोमवार की सुनवाई में सीजेआई ने कहा था कि, यह एक गंभीर मामला है। अब हम बैलट पेपर स्वयं देखेंगे और जांच करेंगे कि क्या वे 8 बैलट पेपर अवैध घोषित किए जा सकते हैं, जो अवैध किए गए हैं। सीजेआई ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा था। वहीं सीजेआई ने पार्षदों-विधायकों की खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। सीजेआई ने कहा कि जो खरीद-फरोख्त हो रही है, उसे लेकर हम बेहद चिंतित हैं।

बैलट पेपरों पर पीठासीन अधिकारी के निशान नजरअंदाज किए जायें

वहीं CJI ने नए सिरे से मेयर चुनाव कराने की बजाय मौजूदा बैलट पेपरों की गिनती के साथ परिणाम घोषित करने की बड़ी टिप्पणी की थी। CJI ने कहा था कि नए सिरे से चुनाव कराने के बजाय मौजूदा बैलट पेपरों पर पीठासीन अधिकारी द्वारा लगाए गए निशानों को नजरअंदाज करते हुए उन बैलट पेपरों की गिनती करके परिणाम घोषित किए जाये। सीजेआई का कहना था कि हम डिप्टी कमिश्‍नर को आगे की प्रक्रिया के लिए एक नया पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश देंगे, जो किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा न हो। इस प्रक्रिया की निगरानी उच्च न्यायालय द्वारा न्यायिक रूप से की जानी चाहिए। लेकिन इससे पहले हम खुद बैलट पेपर एक बार देखना चाहते हैं।

दरअसल, याचिकाकर्ता वकील ने सीजेआई से कहा था कि क्या पीठासीन अधिकारी के निशान से बैलट पेपर अवैध हो जाएंगे? क्या नए सिरे से चुनाव कराने के बजाय, निशानों की परवाह किए बिना वर्तमान बैलट पेपरों की गिनती नहीं की जा सकती है। इस बीच बीजेपी के वकील ने CJI से कहा कि याचिका पुनः चुनाव के लिए थी। ऐसा नहीं किया जा सकता है। आरोपों/प्रत्यारोपों से बचने के लिए आप हाईकोर्ट से पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्य करने के लिए एक अधिकारी को नियुक्त करने का आदेश दे सकते हैं।

8 वोट इनवैलिड किए जाने का पूरा मामला

दरअसल, पूरा मामला 8 बैलट पेपर यानि 8 वोट इनवैलिड किए जाने से जुड़ा हुआ है। 30 जनवरी को मेयर चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आप-कांग्रेस गठबंधन के 8 वोट इनवैलिड कर दिए थे। जिसके बाद आप-कांग्रेस ने जमकर हंगामा काटा था और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया था। लेकिन हाईकोर्ट ने फैसला देने में देरी की तो इसके बाद आम आदमी पार्टी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। आप-कांग्रेस गठबंधन का आरोप है कि, पीठासीन अधिकारी ने बीजेपी को जिताने के लिए उसके 8 वोट अवैध तरीके से इनवैलिड किए। क्योंकि बीजेपी को पता था कि गठबंधन के पास बहुमत है और जिसके चलते उसकी हार हो जाती।

पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होने खुद गठबंधन के वोटों पर पेन से निशान लगाए और वोट खराब किए। बता दें कि, मेयर चुनाव में पूरी वोटिंग प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी। आप-कांग्रेस ने वोटों से छेड़छाड़ करते हुए अनिल मसीह के अलग-अलग वीडियो भी जारी किए हैं। आप-कांग्रेस गठबंधन की तरफ से याचिका में मांग की गई है कि मेयर चुनाव में बीजेपी और पीठासीन अधिकारी के फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त एक्शन हो और इस मेयर चुनाव को तत्काल अमान्य घोषित किया जाये।