Strawberry Moon 2025: आज की रात आसमान में दिखेगा 'स्ट्रॉबेरी मून'; बेहद खूबसूरत और मनमोहक होगा यह दुर्लभ नजारा
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आज की रात आसमान में दिखेगा 'स्ट्रॉबेरी मून'; बेहद खूबसूरत और मनमोहक होगा यह दुर्लभ नजारा, फिर 2043 तक नहीं दिखेगा ऐसा नजारा

Strawberry Moon 2025 Will Be Visible in Sky Tonight Rare Lunar Event

Strawberry Moon 2025 Will Be Visible in Sky Tonight Rare Lunar Event

Strawberry Moon 2025: आकाश और चांद को निहारने वालों के लिए आज (11 जून) की रात बेहद खास होने वाली है। दरअसल, आज रात जून महीने की आखिरी पूर्णिमा को आसमान में 'स्ट्रॉबेरी मून' दिखेगा। यह बहुत ही बेहद खूबसूरत-मनमोहक और दुर्लभ नजारा होगा। यह खगोलीय घटना हर साल नहीं होती। आज के बाद फिर 2043 तक ऐसा नजारा आसमान में देखने को नहीं मिलेगा। आसमान में 'स्ट्रॉबेरी मून' की घटना वैज्ञानिक और भावनात्मक दोनों ही तरीके से खास है।

वहीं और खास बात ये है कि इस बार का स्ट्रॉबेरी मून सिर्फ नाम या रंग की वजह से नहीं, बल्कि इसके 'माइक्रो मून' और 'मेजर लूनर स्टैंडस्टिल' की वजह से भी बेहद खास है। दरअसल, इस साल का यह एक 'स्ट्रॉबेरी मून' एक माइक्रो मून भी होगा, यानी आज चांद धरती से अपनी सामान्य दूरी से थोड़ा ज़्यादा दूर होगा, जिसके कारण यह आकार में थोड़ा छोटा और धुंधला भी दिखाई देगा।

क्या चांद स्ट्रॉबेरी की तरह दिखता है?

'स्ट्रॉबेरी मून' सुनकर अगर आप सोच रहे हैं कि, आसमान में चांद स्ट्रॉबेरी की तरह दिखता है तो ऐसा नहीं है। इसका रंग भी स्ट्रॉबेरी जैसा नहीं होता। दरअसल, इस खगोलीय घटना में चांद हल्की गुलाबी या लाल आभा लिए नजर आता है, जो देखने में बेहद खूबसूरत होता है। जिसे 'स्ट्रॉबेरी मून' कहा जाता है। स्ट्रॉबेरी मून सिर्फ देखने में खूबसूरत ही नहीं, बल्कि यह प्रकृति, फसल और जीवन चक्र का प्रतीक भी है।

Strawberry Moon 2025

फिर क्यों कहते हैं स्ट्रॉबेरी मून?

दरअसल, जून महीने की ही इसी पूर्णिमा को दिखने वाले चांद का स्ट्रॉबेरी मून नाम अमेरिकी आदिवासी जनजातियों और किसानों से जुड़ा हुआ है। जहां जून में स्ट्रॉबेरी की कटाई की शुरुआत इसी पूर्णिमा के बाद होती थी। दरअसल, यह वह समय होता था जब स्ट्रॉबेरी यानी जंगली बेर की फसल तैयार होती थी। इस वजह से इस दिन दिखने वाले हल्के गुलाबी और लाल आभा वाले चांद को स्ट्रॉबेरी मून कहा जाने लगा। इस नाम में मौसम, खगोलीय विज्ञान और सांस्कृतिक मान्यताओं का अद्भुत मेल छिपा है।

फिलहाल यह खगोलीय स्थिति हर 18.6 साल में एक बार आती है और अगली बार ऐसा चांद 2043 में ही नजर आएगा। भारत में स्ट्रॉबेरी मून को सूर्यास्त के बाद दक्षिण-पूर्व दिशा में देखा जा सकता है। इस खास नजारे को देखने से आप भी न चूकें।

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