बदायूं में हुए दवा खरीद घोटाले में तीन सीएमओ समेत सात पर मुकदमा, ईओडब्ल्यू ने शुरू की विवेचना
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बदायूं में हुए दवा खरीद घोटाले में तीन सीएमओ समेत सात पर मुकदमा, ईओडब्ल्यू ने शुरू की विवेचना

बदायूं में हुए दवा खरीद घोटाले में तीन सीएमओ समेत सात पर मुकदमा

बदायूं में हुए दवा खरीद घोटाले में तीन सीएमओ समेत सात पर मुकदमा, ईओडब्ल्यू ने शुरू की विवेचना

दवा खरीद घोटाले में ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इसमें बदायूं के तत्कालीन तीन सीएमओ समेत सात लोगों को नामजद किया गया किया है। दरअसल, फर्जी नोटिफिकेशन आदेश से करोड़ों रुपये की दवा खरीद की गई थी।

आपको बता दें कि साल 2004 से 2006 तक दवा खरीद मामले में उजागर हुए भ्रष्टाचार की जांच कर रही ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच पूरी कर ली है। इस मामले में एजेंसी ने बदायूं के तत्कालीन 3 सीएमओ समेत 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोप है कि इन सभी आरोपियों ने फर्जी नोटिफिकेशन के जरिए करोड़ों की दवाओं की खरीद कर सरकारी धन को लूटा था। ईओडब्ल्यू ने बदायूं के तत्कालीन सीएमओ रहे डॉ. हरिराम, डॉ. एमपी बंसल, डॉ. सुधाकर द्विवेदी व बदायूं जिला चिकित्सालय के तत्कलीन एसएमओ डॉ. सीपी सिंघल, तत्कलीन फार्मासिस्ट अनुपम कुमार दुबे, आरबी यादव व सुरेश चौरिसिया को इस पूरे घोटाले का आरोपी माना है। इन सभी आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एजेंसी ने घोटाले की जांच में पाया है कि 2004 से 2006 तक बदायूं जिले में तैनात रहे सीएमओ ने अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से दवाओं की आपूर्ति के लिए फर्जी नोटिशफिकेशन जारी कर अपने खास लोगों के मेडिकल स्टोर से करोड़ों रुपये की दवाओं की आपूर्ति करवाई थी। यही नहीं ये सभी मेडिकल स्टोर यूपीडीपीएल के अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर नहीं थे।

जांच में ये भी पता चला है कि साल 2004 से 2006 के बीच बदायूं सीएमओ की तरफ से यूपीडीपीएल को कोई भी दवा के लिए मांगपत्र नहीं मिला था और न ही यूपीडीपीएल ने किसी भी मेडिकल स्टोर को दवाओं की आपूर्ति के लिए कहा था। ऐसे में यह साफ है कि तत्कालीन सीएमओ ने अधिकारियों, कर्मचारियों व मेडिकल स्टोर संचालकों के साथ मिलकर करोड़ो रुपये का बंदरबांट किया था।