चंडीगढ़ प्रशासन को गृह मंत्रालय का रिमाइंडर: मनीष तिवारी के पत्रों पर जवाब तलब
Home Ministry's reminder to Chandigarh Administration
चंडीगढ़, 22 अगस्त (साजन शर्मा): Home Ministry's reminder to Chandigarh Administration: केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासन को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ा रिमाइंडर भेजा है। यह कदम चंडीगढ़ से लोकसभा सांसद मनीष तिवारी द्वारा पिछले 14 महीनों से लगातार उठाए जा रहे मुद्दों और उनके पत्रों पर प्रशासन की ओर से कोई जवाब न मिलने के बाद उठाया गया है।
गृह मंत्रालय ने बीती 4 अगस्त को चंडीगढ़ प्रशासन के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पाँच प्रमुख मुद्दों पर तत्काल जवाब और विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा है कि ये मामले अब और लंबित नहीं रह सकते। मंत्रालय ने जिन मुद्दों पर रिपोर्ट मांगी हुई उसमें संपत्तियों की शेयर-वाइज बिक्री पर रोक मामला है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ में संपत्तियों की शेयर-वाइज बिक्री पर रोक के मामले में प्रशासन की क्या कार्रवाई हुई है।
पुनर्वास कॉलोनियों में मालिकाना हक का भी मामला है। पुनर्वास कॉलोनियों में रह रहे लोगों को उनके मकानों का मालिकाना हक देने की प्रक्रिया के बारे जानकारी देने को कहा गया।
लाल डोरा विस्तार को लेकर भी पूछा गया। नगर निगम के दायरे में आए 22 गाँवों में लाल डोरा विस्तार से जुड़े लंबित मामले शामिल हैं।
चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के मकानों में किए गए आवश्यक बदलावों को नियमित करने की स्थिति को लेकर भी जानकारी मांगी गई।
ग्रुप हाउसिंग और को-ऑपरेटिव सोसाइटीज़: इनसे जुड़े लंबे समय से अटके मुद्दों का समाधान क्या है भी पूछा गया।
सांसद मनीष तिवारी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं पिछले डेढ़ साल से इन मुद्दों को संसद और गृह मंत्रालय के समक्ष उठा रहा हूँ। चंडीगढ़ के लोगों की समस्याओं का समाधान मेरी प्राथमिकता है। मुझे उम्मीद है कि प्रशासन अब टालमटोल की नीति छोड़कर इन मुद्दों पर सकारात्मक और त्वरित कदम उठाएगा।"
चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से अभी तक इस रिमाइंडर पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन शहरवासियों को उम्मीद है कि गृह मंत्रालय के इस पत्र के बाद लंबित मामलों का समाधान जल्द होगा।